Haryana State Board HBSE 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 ठोस अवस्था Important Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Chemistry Important Questions Chapter 1 ठोस अवस्था
बहुविकल्पीय प्रश्न:
प्रश्न 1.
फलक-केन्द्रित घनीय एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या कितनी होती है ?
(अ) 1
(ब) 2
(स) 4
(द) 6
उत्तर:
(स) 4
प्रश्न 2.
घनीय निविड संकुलन (ccp) संरचना की संकुलन क्षमता होती है-
(अ) 68%
(ब) 74%
(स) 78%
(द) 84%
उत्तर:
(ब) 74%
प्रश्न 3.
अक्रिस्टलीय ठोस है-
(अ) ग्रेफाइट
(ब) काँच
(स) श्वेत टिन
(द) एकनताक्ष गंधक
उत्तर:
(ब) काँच
प्रश्न 4.
फेरीचुंबकीय पदार्थ का उदाहरण है –
(अ) Fe2O3
(ब) Mn2O3
(स) MnO
(द) Fe3O4
उत्तर:
(द) Fe3O4
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प्रश्न 5.
हीरे का क्रिस्टल किसका उदाहरण है ?
(अ) आयनिक ठोस
(ब) धात्विक ठोस
(स) सहसंयोजक ठोस
(द) आण्विक ठोस
उत्तर:
(स) सहसंयोजक ठोस
प्रश्न 6.
क्रिस्टलों का घनत्व ज्ञात करने का सही सूत्र है-

उत्तर:

प्रश्न 7.
किसी ठोस पदार्थ के क्रिस्टल में कितने प्रकार के त्रिविमीय जालकों का निर्माण संभव है ?
(अ) 7
(ब) 14
(स) 21
(द) 28
उत्तर:
(ब) 14
प्रश्न 8.
लोहचुंबकीय पदार्थ का उदाहरण है-
(अ) TiO2
(ब) VO2
(स) CuO
(द) CrO2
उत्तर:
(द) CrO2
प्रश्न 9.
क्रिस्टलीय ठोस का उदाहरण है-
(अ) हीरा
(ब) काँच
(स) रबर
(द) हीरा तथा काँच दोनों
उत्तर:
(अ) हीरा
प्रश्न 10.
अनुचुंबकीय पदार्थ है-
(अ) N2
(ब) F2
(स) O2
(द) CO2
उत्तर:
(स) O2
प्रश्न 11.
निम्नलिखित में से कौनसी व्यवस्था षट्कोणीय निविड संकुलन को दर्शाती है ?
(अ) ABC…..ABA……
(ब) ABC…..ABC……
(स) ABABA….
(द) ABB ABB….
उत्तर:
(स) ABABA….
प्रश्न 12.
षट्कोणीय निविड संकुलन संरचना में धातु की उपसहसंयोजन संख्या होती है-
(अ) 4
(ब) 12
(स) 8
(द) 16
उत्तर:
(ब) 12
प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से सहसंयोजक ठोस है-
(अ) Fe
(ब) NaCl
(स) Cu
(द) SiC
उत्तर:
(द) SiC
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में से किस प्रकार के ठोसों का गलनांक उच्चतम होता है ?
(अ) आयनिक ठोस
(ब) सहसंयोजक ठोस
(स) आण्विक ठोस
(द) धात्विक ठोस
उत्तर:
(ब) सहसंयोजक ठोस
प्रश्न 15.
एक N गोलों वाली निविड संकुलन व्यवस्था में चतुष्फलकीय रिक्तियों की संख्या होगी-
(अ) \(\frac { N }{ 2 }\)
(ब) N
(स) 4N
(द) 2N
उत्तर:
(द) 2N
प्रश्न 16.
निम्नलिखित में से किस दोष के कारण क्रिस्टल का घनत्व कम हो जाता है ?
(अ) शॉट्की
(ब) फ्रेंकेल
(स) अन्तराकाशी
(द) F-केन्द्र
उत्तर:
(अ) शॉट्की
प्रश्न 17.
फलक – केन्द्रित घन संरचना में प्रत्येक गोले के लिए अष्टफलकीय रिक्तियों की संख्या होगी-
(अ) 8
(ब) 4
(स) 1
(द) 2
उत्तर:
(स) 1
प्रश्न 18.
निम्नलिखित में से किसमें फ्रेंकेल दोष पाया जाता है ?
(अ) NaCl
(ब) AgBr
(स) CsCl
(द) हीरा
उत्तर:
(ब) AgBr
प्रश्न 19.
सरल घनीय जालक की संकुलन क्षमता होती है-
(अ) 68%
(ब) 74%
(स) 52.4%
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(स) 52.4%
प्रश्न 20.
हाइड्रोजन आबंधित आण्विक ठोस का उदाहरण है-
(अ) HCl
(ब) H2O
(स) H2
(द) Fe
उत्तर:
(ब) H2O
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प्रश्न 21.
विषमदैशिक प्रकृति के ठोस होते हैं-
(अ) क्रिस्टलीय
(ब) अक्रिस्टलीय
(स) क्रिस्टलीय तथा अक्रिस्टलीय
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) क्रिस्टलीय
प्रश्न 22.
प्रकाश वोल्टीय (Photo Voltic) पदार्थ है-.
(अ) Cs
(ब) Si ( अक्रिस्टलीय)
(स) NaCl
(द) ग्रेफाइट
उत्तर:
(ब) Si ( अक्रिस्टलीय)
प्रश्न 23.
विद्युत का सुचालक ठोस है-
(अ) NaCl ठोस
(ब) ग्रेफाइट
(स) हीरा
(द) AlN
उत्तर:
(ब) ग्रेफाइट
प्रश्न 24.
शॉट्की दोष युक्त यौगिक का उदाहरण है-
(अ) NaCl
(ब) KCl
(स) CsCl
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 25.
ताप बढ़ाने पर अर्धचालकों की विद्युत चालकता –
(अ) कम होती है
(ब) बढ़ती है
(स) स्थिर रहती है
(द) कम या अधिक हो सकती है।
उत्तर:
(ब) बढ़ती है
प्रश्न 26.
वे पदार्थ जिनमें सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं, वे होते हैं-
(अ) अनुचुंबकीय
(ब) प्रतिचुंबकीय
(स) लोहचुंबकीय
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) प्रतिचुंबकीय
प्रश्न 27.
एक क्रिस्टलीय ठोस नर्म तथा विद्युत का सुचालक है जिसमें परमाणुओं के मध्य सहसंयोजी बन्ध होता है, वह होगा-
(अ) सिल्वर
(ब) हीरा
(स) AlN
(द) ग्रेफाइट
उत्तर:
(द) ग्रेफाइट
प्रश्न 28.
सोलर सेल में कौनसा तत्व प्रयुक्त किया जाता है ?
(अ) Rb
(ब) Pb
(स) Si
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(स) Si
प्रश्न 29.
CaF2 में क्रिस्टल की एकक कोष्ठिका में Ca2+ आयनों की संख्या होती है-
(अ) 6
(ब) 8
(स) 4
(द) 12
उत्तर:
(स) 4
प्रश्न 30.
एकान्तर धारा (A.C.) को दिष्ट धारा (D.C.) में परिवर्तित करने में प्रयुक्त अर्धचालक होता है-
(अ) p-प्रकार
(ब) n-p संधि
(स) n- प्रकार
(द) नैज
उत्तर:
(द) नैज
प्रश्न 31.
बिन्दु दोष पाया जाता है-
(अ) आयनिक ठोस में
(ब) अक्रिस्टलीय ठोस में
(स) आण्विक ठोस में
(द) द्रवों में
उत्तर:
(अ) आयनिक ठोस में
प्रश्न 32.
निम्नलिखित चित्र में किस प्रकार का क्रिस्टल दोष दर्शाया गया है ?

(अ) फ्रेन्केल दोष
(ब) फ्रेन्केल तथा शॉट्की दोष
(स) अन्तराकाशी दोष
(द) शॉट्की दोष
उत्तर:
(द) शॉट्की दोष
प्रश्न 33.
एक ठोस की घनीय क्रिस्टल जालक संरचना में W परमाणु घन के शीर्षों पर, O परमाणु भुजाओं के केन्द्र में तथा Na परमाणु घन के केन्द्र पर स्थित है तो यौगिक का सूत्र है-
(अ) NaWO2
(ब) NaWO3
(स) Na2WO5
(द) NaWO4
उत्तर:
(ब) NaWO3
प्रश्न 34.
एक ठोस AX में A+ आयन पर X– की व्यवस्था ( सही मापसूचक में नहीं) चित्र में दी गयी है। यदि X– का अर्द्धव्यास 250 pm है तो A+ का अर्द्धव्यास होगा।

(अ) 104 pm
(ब) 125 pm
(स) 183 pm
(द) 57 pm
उत्तर:
(अ) 104 pm
प्रश्न 35.
कैल्सियम फलक – केन्द्रित घनीय एकक कोष्ठिका में क्रिस्टलित होता है तो कैल्सियम (Ca) की एकक कोष्ठिका के लिए संकुलन भिन्न होगी-
(अ) π/6
(ब) π/3
(स) \(\frac{\sqrt{2} \pi}{3}\)
(द) \(\frac{\sqrt{2} \pi}{6}\)
उत्तर:
(द) \(\frac{\sqrt{2} \pi}{6}\)
प्रश्न 36.
निम्नलिखित में से किसकी संकुलन क्षमता निम्नतम है ?
(अ) आद्य घनीय एकक कोष्ठिका
(ब) अंतः केन्द्रित घनीय एकक ‘कोष्ठिका
(स) फलक- केन्द्रित घनीय एकक कोष्ठिका
(द) षट्कोणीय निविड संकुलित संरचना
उत्तर:
(अ) आद्य घनीय एकक कोष्ठिका
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न :
प्रश्न 1.
क्रिस्टल जालक किसे कहते हैं ?
उत्तर:
किसी ठोस के अन्तराल (space) में बिन्दुओं (परमाणु या आयनों) की नियमित त्रिविमीय व्यवस्था को क्रिस्टल जालक कहते हैं।
प्रश्न 2.
धात्विक ठोस के गुण बताइए ।
उत्तर:
धात्विक ठोस कठोर, उच्च गलनांक युक्त तथा विद्युत के सुचालक होते हैं। इनमें आघातवर्ध्यता तथा तन्यता का गुण भी होता है।
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प्रश्न 3.
अंत: केंद्रित घनीय एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या कितनी होती है ?
उत्तर:
अंत: केंद्रित घनीय एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या दो होती है।
प्रश्न 4.
फलक- केन्द्रित घन संरचना की विलगित एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की संख्या तथा एक एकक कोष्ठिका में कणों की वास्तविक संख्या कितनी होती है ?
उत्तर:
फलक- केन्द्रित घन संरचना की विलगित एकक कोष्ठिका में 14 परमाणु तथा एक एकक कोष्ठिका में कणों की वास्तविक संख्या 4 होती है।
प्रश्न 5.
एकक कोष्ठिका तथा क्रिस्टल जालक में क्या सम्बन्ध होता है ?
उत्तर:
एकक कोष्ठिका की पुनरावृत्ति से ही क्रिस्टल जालक का निर्माण होता है ।
प्रश्न 6.
ज्यामितीय विन्यास के आधार पर क्रिस्टलों को कितने समूहों में वर्गीकृत किया जाता है ?
उत्तर:
ज्यामितीय विन्यास के आधार पर क्रिस्टलों को सात समूहों में वर्गीकृत किया जाता है।
प्रश्न 7.
घनीय क्रिस्टल तंत्र में अक्षीय कोण का मान बताइए ।
उत्तर:
घनीय क्रिस्टल तंत्र में अक्षीय कोण α = β = γ = 90° होते हैं।
प्रश्न 8.
एक घन में कितने फलक तथा कितने किनारे होते हैं ?
उत्तर:
एक घन में 6 फलक तथा 12 किनारे होते हैं।
प्रश्न 9.
धात्विक ठोसों का रंग तथा चमक का कारण क्या है ?
उत्तर:
मुक्त इलेक्ट्रॉन ।
प्रश्न 10.
अष्टफलकीय रिक्ति की त्रिज्या (r) तथा परमाणु (गोले) की त्रिज्या (R) में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर:
r = 0.414R
प्रश्न 11.
hcp तथा ccp संरचना युक्त धातुएँ उच्च गलनांक की होती हैं। क्यों ?
उत्तर:
hcp तथा ccp संरचना की संकुलन क्षमता उच्च (74%) होने के कारण परमाणु एक-दूसरे के अधिक निकट होते हैं तथा इनमें प्रबल धात्विक बन्ध होता है, अतः इनका गलनांक उच्च होता है।
प्रश्न 12.
यदि किसी क्रिस्टल के लिए त्रिज्या अनुपात 0.225 है तो उसकी ज्यामिति किस प्रकार की होगी ?
उत्तर:
त्रिज्या अनुपात 0.225 होने पर क्रिस्टल की ज्यामिति चतुष्फलकीय होगी।
प्रश्न 13.
अष्टफलकीय रिक्ति की समन्वयी संख्या कितनी होती है ?
उत्तर:
अष्टफलकीय रिक्ति की समन्वयी संख्या छः होती है ।
प्रश्न 14.
Zn+2, Cu+1, Cu+2 तथा Fe+3 में से अनुचुंबकीय आयन कौनसे हैं ?
उत्तर:
Cu+2 तथा Fe3+ अनुचुंबकीय हैं क्योंकि इनमें अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित हैं।
प्रश्न 15.
प्रतिलोहचुम्बकीय पदार्थ का उदाहरण बताइए ।
उत्तर:
MnO प्रतिलोहचुम्बकीय पदार्थ का उदाहरण है।
प्रश्न 16.
किस प्रकार के ठोसों में दाब विद्युत गुण पाया जाता है ?
उत्तर:
नेट द्विध्रुव युक्त क्रिस्टलों में दाब विद्युत गुण पाया जाता है।
प्रश्न 17.
ताप विद्युत प्रभाव किसे कहते हैं ?
उत्तर:
ऐसे क्रिस्टल जिन्हें गर्म करने पर विद्युत धारा उत्पन्न होती है, उन्हें ताप विद्युत क्रिस्टल कहते हैं तथा इस प्रभाव को ताप विद्युत प्रभाव कहते हैं।
प्रश्न 18.
ताप बढ़ाने पर चालकों की चालकता कम हो जाती है। क्यों ?
उत्तर:
ताप बढ़ाने पर चालकों में ऊष्मीय कम्पन बढ़ने के कारण प्रतिरोध बढ़ता है, जिससे उनकी चालकता कम हो जाती है।
प्रश्न 19.
चालकों तथा अर्धचालकों की चालकता को किस सिद्धान्त द्वारा समझाया जाता है ?
उत्तर:
बैण्ड सिद्धान्त या आण्विक कक्षक सिद्धान्त ।
प्रश्न 20.
CaF2 में समन्वयी संख्याओं का अनुपात बताइए ।
उत्तर:
8 : 4 (CaF2)
प्रश्न 21.
CsCl की एकक कोष्ठिका का नाम लिखिए ।
उत्तर:
अन्तः केन्द्रित घन संरचना ।
प्रश्न 22.
सूर्य के प्रकाश को विद्युत में परिवर्तित करने के लिए उपयुक्त ठोस पदार्थ बताइए ।
उत्तर:
अक्रिस्टलीय सिलिका। यह एक फोटोवोल्टीय पदार्थ है ।
प्रश्न 23.
क्यूरी ताप किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वह ताप जिससे कम ताप पर कोई चुम्बकीय पदार्थ, लोहचुम्बकीय हो जाता है, उसे क्यूरी ताप कहते हैं ।
प्रश्न 24.
गैस लाइटर को दबाने से चिंगारी उत्पन्न होती है, क्यों ?
उत्तर:
गैस लाइटर में दाब विद्युत क्रिस्टल होते हैं, अतः जब इस पर दाब लगाया जाता है तो विद्युत चिंगारी उत्पन्न होती है।
प्रश्न 25.
किस ताप पर अधिकतर धातुएँ अतिचालक की भाँति व्यवहार करती हैं?
उत्तर:
2K – 5K
लघूत्तरात्मक प्रश्न :
प्रश्न 1.
ठोसों की विषमदैशिक तथा समदैशिक प्रकृति में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
विषमदैशिक ठोस वे होते हैं जिनके भौतिक गुण जैसे विद्युत प्रतिरोधकता तथा अपवर्तनांक, भिन्न-भिन्न दिशाओं में मापने पर भिन्न-भिन्न मान दर्शाते हैं। यह अलग-अलग दिशाओं में कणों की भिन्न- भिन्न व्यवस्था के कारण होता है। क्रिस्टलीय ठोस विषमदैशिक होते हैं। अपवाद – घनीय क्रिस्टल |

समदैशिक ठोस वे होते हैं जिनके भौतिक गुणों का मान सभी दिशाओं में समान होता है। अक्रिस्टलीय ठोस समदैशिक होते हैं, क्योंकि इनमें कणों की दीर्घ परासी व्यवस्था नहीं होती तथा सभी दिशाओं में अनियमित विन्यास होता है ।
प्रश्न 2.
(a) सरल घनीय एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों की गणना किस प्रकार करते हैं?
उत्तर:
सरल घन की एकक कोष्ठिका में आठ कोनों पर आठ कण होते हैं तथा प्रत्येक कण का योगदान \(\frac { 1 }{ 8 }\) होता है अतः कुल अवयवी कण = \(\frac { 1 }{ 8 }\) × 8 = 1
(b) बन्धों की प्रकृति के आधार पर निम्नलिखित ठोसों का वर्गीकरण कीजिए-
CaO, Sn, बर्फ ।
उत्तर:
CaO – प्रबल स्थिर वैद्युत आकर्षण बल (आयनिक ठोस )
Sn – धात्विक बन्ध ( धात्विक ठोस )
बर्फ – परमाणुओं के मध्य सहसंयोजी बन्ध तथा अणुओं के मध्य हाइड्रोजन बन्ध (हाइड्रोजन आबन्धित आण्विक ठोस) ।
प्रश्न 3.
हाइड्रोजन बंधित आण्विक ठोसों की व्याख्या कीजिए ।
उत्तर:
हाइड्रोजन बंधित आण्विक ठोसों में अणुओं के मध्य प्रबल हाइड्रोजन बन्ध होता है। इसके लिए H तथा F, O व N के मध्य ध्रुवीय सहसंयोजी बन्ध होना चाहिए। ये ठोस विद्युत के कुचालक होते हैं। उदाहरण – बर्फ (ठोस H2O) तथा ठोस NH3 आदि।
प्रश्न 4.
धात्विक ठोसों के गुण लिखिए।
उत्तर:
धातुएँ सामान्यतः ठोस अवस्था में होती हैं, अतः इन्हें धात्विक ठोस कहते हैं। इनमें धनायन, मुक्त तथा गतिशील इलेक्ट्रॉनों के समुद्र में व्यवस्थित होते हैं। प्रत्येक धातु परमाणु, एक या अधिक इलेक्ट्रॉन देता है । ये इलेक्ट्रॉन क्रिस्टल में समान रूप से फैले रहते हैं । गतिशील इलेक्ट्रॉनों के कारण ही धातुएं विद्युत एवं ऊष्मा की सुचालक होती हैं। विद्युत प्रवाहित करने पर इलेक्ट्रॉन, धनायनों के नेटवर्क में प्रवाहित होते हैं। धातुओं का विशेष रंग होता है तथा उनमें चमक पायी जाती है। धातुएं अत्यधिक आघातवर्धनीय एवं तन्य होती हैं।
प्रश्न 5.
पदार्थों के अनुचुम्बकीय तथा लोहचुम्बकीय गुण में मुख्य अन्तर क्या है?
उत्तर:
अनुचुम्बकीय गुण बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र की उपस्थिति में ही पाया जाता है जबकि लोहचुम्बकीय गुण चुम्बकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में भी पाया जाता है।
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प्रश्न 6.
क्षार धातु हैलाइडों में शुद्ध अवस्था में फ्रेंकेल दोष क्यों नहीं पाया जाता?
उत्तर:
शुद्ध अवस्था में क्षार धातु हैलाइडों में फ्रेंकेल दोष नहीं पाया जाता क्योंकि क्षार धातु आयनों के बड़े आकार के कारण ये अन्तराकाशी स्थानों में स्थान ग्रहण नहीं कर सकते।
प्रश्न 7.
लोहचुम्बकीय तथा फेरीचुम्बकीय पदार्थों में अन्तर बताइए ।
उत्तर:
लोहचुम्बकीय पदार्थों में अधिक संख्या में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं तथा इनमें चुम्बकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में भी चुम्बकीय गुण पाया जाता है जबकि फेरीचुम्बकीय पदार्थों में डोमेनों के चुम्बकीय आघूर्णों की व्यवस्था समानान्तर तथा प्रतिसमानान्तर दिशा में असमान संख्या में होती है जिसके कारण इनमें परिणामी चुम्बकीय आघूर्ण पाया जाता है तथा ये चुम्बकीय क्षेत्र द्वारा दुर्बल रूप से आकर्षित होते हैं।
प्रश्न 8.
प्रतिलोहचुम्बकत्व तथा फेरीचुम्बकत्व (लघु- लोहचुम्बकत्व) में अन्तर बताइए ।
उत्तर:
प्रतिलोहचुम्बकत्व उन पदार्थों का गुण है जिनमें चुम्बकीय आघूर्ण का मान शून्य होता है जबकि फेरीचुम्बकत्व युक्त पदार्थों में अल्प मात्रा में चुम्बकीय आघूर्ण होता है अतः इनका चुम्बकत्व कम होता है। MnO प्रतिलोहचुम्बकीय पदार्थ है जबकि Fe3O4 चुम्बकीय होता है।
प्रश्न 9.
फ्रेंकेल तथा शॉट्की दोषों में दो अन्तर बताइए ।
उत्तर:
(i) फ्रेंकेल त्रुटि (दोष) से पदार्थ का घनत्व अपरिवर्तित रहता है जबकि शॉट्की त्रुटि के कारण पदार्थ का घनत्व कम हो जाता है ।
(ii) फ्रेंकेल त्रुटि उन क्रिस्टलों में पाई जाती है जिनमें समन्वयी संख्या निम्न होती है जबकि शॉट्की त्रुटि, उच्च समन्वयी संख्या युक्त क्रिस्टलों में पाई जाती है।
बोई परीक्षा के हृष्टिकोण से सम्भावित महवपूर्ण प्रश्न :
प्रश्न 1.
ठोस क्रिस्टलों में किस त्रुटि के कारण क्रिस्टल का घनत्व अप्रभावित रहता है?
उत्तर:
फ्रेन्केल त्रुटि ।
प्रश्न 2.
सिलिकन के क्रिस्टल में जब आर्सेनिक की अशुद्धि मिलाते हैं तो इस प्रकार बने अर्धचालक का नाम क्या होगा?
उत्तर:
n – प्रकार का अर्धचालक ।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित को उदाहरण सहित समझाइए –
(अ) शॉट्की त्रुटि
(ब) अन्तराकाशी त्रुटि ( दोष ) ।
उत्तर:
(अ) शॉट्की त्रुटि – यह मुख्य रूप से आयनिक ठोसों का रिक्तिका दोष ( vacancy defect) है। विद्युत उदासीनता को बनाए रखने के लिए क्रिस्टल से गायब होने वाले धनायनों और ऋणायनों की संख्या बराबर होती है अर्थात् धनायन तथा ऋणायन दोनों ही अपने स्थान से गायब हो. जाते हैं। सरल रिक्तिका दोष की भाँति, शॉट्की दोष से भी पदार्थ का घनत्व कम हो जाता है। आयनिक ठोसों के ऐसे दोषों में संख्या महत्वपूर्ण होती है ।

जैसे NaCl में कमरे के ताप पर लगभग 10° शॉट्की युगल प्रति cm3 होते हैं। एक cm में करीब 1022 आयन होते हैं। इस प्रकार प्रति 1016 आयनों में एक शॉट्की दोष होता है। शॉट्की दोष उन आयनिक पदार्थों में होता है जिनमें धनायन और ऋणायन लगभग समान आकार के होते हैं तथा जिनकी समन्वयी संख्या उच्च होती है। उदाहरण NaCl, KCl, CsCl | AgBr में फ्रेंकेल तथा शॉट्की दोनों ही प्रकार के दोष होते हैं।
(ब) अन्तराकाशी दोष : किसी क्रिस्टल जालक में जब कुछ अवयवी कण अंतराकाशी स्थल पर उपस्थित होते हैं तो इसे अंतराकाशी दोष कहते हैं। इससे पदार्थ का घनत्व बढ़ जाता है। ‘रिक्तिका दोष तथा अंतराकाशी दोष अनआयनिक ठोसों में पाए जाते हैं। आयनिक ठोसों में विद्युत उदासीनता रहना आवश्यक है। अतः इन दोषों को फ्रेंकेल तथा शॉट्की दोषों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

(a) फ्रें केल दोष या फ्रें के ल त्रुटि (Frenkel defect) – यह दोष आयनिक ठोसों में पाया जाता है। छोटा आयन (साधारणतः धनायन) अपने वास्तविक स्थान से विस्थापित होकर अन्तराकाशी स्थान में चला जाता है। इससे वास्तविक स्थान पर रिक्तिका दोष और नए स्थान पर अंतराकाशी दोष उत्पन्न होता है। (dislocation defect) भी कहते हैं।

इससे ठोस के घनत्व पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। इस त्रुटि के कारण क्रिस्टल विद्युत चालकता दर्शा सकते हैं तथा इससे यौगिक का परावैद्युतांक (Dielectric Constant) बढ़ जाता है। फ्रेंकेल दोष उन आयनिक पदार्थों द्वारा दर्शाया जाता है जिनमें आयनों (धनायन तथा ऋणायन) के आकार में अधिक अंतर होता है तथा जिनमें समन्वयी संख्या कम होती है। उदाहरण – ZnS, AgCl, AgBr और AgI |

प्रश्न 4.
सिल्वर fcc एकक कोष्ठिका के रूप में पाया जाता है जिसकी कोर लम्बाई 409 pm है तो सिल्वर परमाणु की त्रिज्या ज्ञात कीजिए। (इसमें प्रत्येक फलक परमाणु चार कोनों को स्पर्श कर रहा है )।
उत्तर:
एक एकक कोष्ठिका की कोर लम्बाई a = 409 pm
अतः (fcc संरचना) परमाणु त्रिज्या (r) = \(\frac{a}{2 \sqrt{2}}\) = \(\frac{409}{2 \sqrt{2}}\)
r = \(\frac{409}{2 \times 1.414}\) = 144.6 pm
प्रश्न 5.
एक ध्रुवीय आण्विक ठोस में अणुओं को परस्पर एकत्र रखने में किस प्रकार की पारस्परिक क्रिया होती है?
उत्तर:
एक ध्रुवीय आण्विक ठोस में अणुओं को परस्पर एकत्र रखने में द्विध्रुव-द्विध्रुव अन्योन्य क्रिया होती है।
प्रश्न 6.
कॉपर धातु का घनत्व 8.95 g cm-3 है। यदि कॉपर परमाणु की त्रिज्या 127.8 pm हो तो कॉपर एकक सेल इनमें से किस प्रकार का होगा – साधारण घनीय, काय- केन्द्रित घनीय अथवा फलक- केन्द्रित घनीय?
(दिया गया है – Cu का परमाणु द्रव्यमान = 63.54 g mol-1 और NA = 6.02 × 1023 mol-1)
उत्तर:
दिया गया है – d = 8.95 g cm-3, r = 127.8 pm = 127.8 × 10-10 cm
M = 63.54 g mol-1, NA = 6.02 × 1023, Z = ?
माना Cu की संरचना फलक – केन्द्रित घनीय है जिसके लिए a = 2√2r अतः

अतः कॉपर का एकक सेल फलक-केन्द्रित घनीय होगा
प्रश्न 7.
यदि आप एक अज्ञात धातु का द्रव्यमान, घनत्व और इसके क्रिस्टल के एकक सेल की लम्बाई-चौड़ाई (विमाएँ ) जानते हों तो इसका परमाणु द्रव्यमान कैसे ज्ञात करेंगे? व्याख्या कीजिए ।
उत्तर:
माना दिया गया द्रव्यमान घनत्व = d
तथा एकक सेल की विमा = a
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माना एक परमाणु का द्रव्यमान = M
तथा एक एकक सेल में परमाणुओं की संख्या = Z
एक एकक सेल का परमाणु द्रव्यमान = ZM = IMG
M = मोलर द्रव्यमान, NA = आवोगाद्रो संख्या

इस सूत्र की सहायता से M ज्ञात किया जा सकता है, जब z का मान ज्ञात हो ।
प्रश्न 8.
साधारण घनाकार जालक के लिए एक धातु क्रिस्टल की पैकिंग क्षमता परिकलित कीजिए ।
उत्तर:
सरल घनीय क्रिस्टल की संकुलन क्षमता 52.4 प्रतिशत होती है। जिसकी गणना निम्नलिखित है-
एक सरल घनीय जालक में परमाणु केवल घन के कोनों पर स्थित होते हैं। घन के किनारों पर स्थित कण एक-दूसरे के सम्पर्क में रहते हैं

a = 2r
इसलिए घन की भुजा की लंबाई ‘a’ और प्रत्येक कण की त्रिज्या, में निम्न संबंध है-
a = 2r
अतः घनीय एकक कोष्ठिका का आयतन = a3 = (2r)3 = 8r3
चूँकि सरल घनीय एकक कोष्ठिका में केवल 1 परमाणु उपस्थित होता है।
इसलिए घेरे गए त्रिविमीय स्थान का आयतन = \(\frac { 4 }{ 3 }\) πr3
अतः, संरचना की संकुलन क्षमता

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प्रश्न 9.
कॉपर फलक- केन्द्रित घनीय यूनिट सेलों में क्रिस्टलित होता है। यदि कॉपर परमाणु की त्रिज्या 127.8 pm है तो कॉपर धातु का घनत्व परिकलित कीजिए।
(Cu का परमाणु द्रव्यमान = 63.554 और ऐवोगाद्रो संख्या NA = 6.022 × 1023 mol-1 )
अथवा
आयरन का यूनिट सेल कॉय-केन्द्रित घनीय होता है और इस सेल का सिरा 286.65 pm है। आयरन का घनत्व 7.87 g cm-3 है । इस सूचना का उपयोग करके ऐवोगाद्रो संख्या का परिकलन | (Fe का परमाणु द्रव्यमान = 56.04)
उत्तर:

प्रश्न 10.
काँच को अतिशीतित द्रव कहते हैं । कारण दीजिए ।
उत्तर:
काँच अक्रिस्टलीय ठोस है तथा इसमें द्रवों के समान ‘प्रवाह’ की प्रवृत्ति होती है, यद्यपि यह बहुत धीमे होता है, अतः इसे अतिशीतित द्रव कहते हैं।
प्रश्न 11.
लौह चुम्बकीय पदार्थ स्थायी चुम्बक बनाते हैं। कारण दीजिए ।
उत्तर:
लौह चुम्बकीय पदार्थ स्थायी चुम्बक बनाते हैं क्योंकि ये चुम्बकीय क्षेत्र की ओर प्रबलता से आकर्षित होते हैं। ठोस अवस्था में इनमें धातु आयन छोटे खण्डों में एक साथ समूहित हो जाते हैं, इन्हें डोमेन कहते हैं। पदार्थ को चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर सभी डोमेन चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में अभिविन्यासित हो जाते हैं जिससे स्थायी तथा प्रबल चुम्बकीय प्रभाव उत्पन्न होता है ।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित क्रिस्टल संरचनाओं की संकुलन क्षमता तथा उपसहसंयोजन संख्या दीजिए |
(अ) अंतःकेन्द्रित घनीय
(ब) घनीय निविड संकुलन ।
उत्तर:
(अ) अंतः केन्द्रित घनीय क्रिस्टल संरचना की संकुलन क्षमता 68% तथा उपसहसंयोजन संख्या 8 होती है।
(ब) घनीय निविड संकुलन क्रिस्टल संरचना की संकुलन क्षमता 74% तथा उपसहसंयोजन संख्या 12 होती है।
प्रश्न 13.
निम्नलिखित में से कौन-से ध्रुवीय आण्विक ठोस हैं? ठोस सल्फर डाइऑक्साइड, ठोस अमोनिया, आयोडीन क्रिस्टल, ग्रेफाइट, कार्बन टेट्राक्लोराइड ।
उत्तर:
ठोस सल्फर डाइऑक्साइड तथा ठोस अमोनिया ध्रुवीय आण्विक ठोस हैं।
प्रश्न 14.
एक घनीय क्रिस्टल P तथा Q दो तत्वों से बना है । इसमें Q के परमाणु घन के कोनों पर तथा P घन के केन्द्र में स्थित है तो यौगिक का सूत्र क्या होगा ?
उत्तर:
- घन के कोने पर स्थित परमाणु का एकक कोष्ठिका में योगदान = \(\frac { 1 }{ 8 }\)
अतः Q परमाणुओं की संख्या = \(\frac { 1 }{ 8 }\) × 8 = 1 - घन के केन्द्र में स्थित परमाणु का एकक कोष्ठिका में योगदान = 1
अतः P परमाणुओं की संख्या = 1 × 1 = 1
इसलिए यौगिक का सूत्र = P : Q = 1 : 1 = PQ
प्रश्न 15.
(a) निम्नलिखित का कारण बताइए-
(i) शॉट्की त्रुटि के कारण ठोस का घनत्व कम हो जाता है।
(ii) Si को P से डोपित करने पर चालकता बढ़ती है।

उत्तर:
(a)
- शॉट्की त्रुटि में धनायन तथा ऋणायन समान संख्या में क्रिस्टल में से गायब हो जाते हैं अतः द्रव्यमान कम हो जाता है इसलिए घनत्व कम हो जाता है।
- Si को P से डोपित करने पर, बन्ध बनाने के पश्चात् बचे इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र रहते हैं जिनके कारण चालकता बढ़ जाती है।
(b) उपर्युक्त संरेखण में चुम्बकीय आघूर्ण के सभी डोमेन एक ही दिशा में अभिविन्यासित हैं अतः यह लोहचुम्बकत्व को प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 16.
निम्नलिखित त्रुटियुक्त क्रिस्टल का परीक्षण कीजिए-

तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(i) क्रिस्टल किस प्रकार का रससमीकरणमितीय दोष दर्शाता
(ii) इस त्रुटि के कारण क्रिस्टल के घनत्व पर क्या प्रभाव होता है?
(iii) किस प्रकार के आयनिक यौगिक यह त्रुटि दर्शाते हैं?
उत्तर:
(i) क्रिस्टल में शॉट्की दोष (त्रुटि) है।
(ii) इस त्रुटि के कारण क्रिस्टल का घनत्व कम हो जाता है।
(iii) यह त्रुटि उन आयनिक यौगिकों द्वारा दर्शाई जाती है जिनमें धनायन तथा ऋणायन लगभग समान आकार के होते हैं।
प्रश्न 17.
एक तत्व जिसका घनत्व 11.2 g cm-3 जाक बनाता है जिसके किनारे की लम्बाई 4 × 10-8cm है तो तत्व का परमाणु द्रव्यमान परिकलित कीजिए । (NA = 6.022 × 1023 mol-1)
उत्तर:

प्रश्न 18.
(i) LiCI के गुलाबी रंग के लिए किस प्रकार का अरससमीकरणमितीय दोष उत्तरदायी होता है?
(ii) NaCl किस प्रकार का रससमीकरणमितीय दोष दर्शाता है?
उत्तर:
- ऋणायनिक रिक्तिका के कारण धातु आधिक्य दोष
- शॉट्की दोष ।
प्रश्न 19.
( अ ) यह मानते हुए कि परमाणु एक-दूसरे के सम्पर्क में हैं, सरल घनीय धातु के क्रिस्टल में संकुलन क्षमता की गणना कीजिए ।
(ब) आयनिक ठोसों की प्रकृति के आधार पर फ्रेंकेल दोष एवं शॉटकी दोष की तुलना कीजिए।
उत्तर:
(अ) सरल घनीय क्रिस्टल की संकुलन क्षमता 52.4 प्रतिशत होती है जिसकी गणना निम्नलिखित है-
एक सरल घनीय जालक में परमाणु केवल घन के कोनों पर स्थित होते हैं। घन के किनारों पर स्थित कण एक-दूसरे के सम्पर्क में रहते हैं इसलिए घन की भुजा की लंबाई ‘a’ और प्रत्येक कण की त्रिज्या r में निम्न संबंध है –
a = 2r
अतः घनीय एकक कोष्ठिका का आयतन
= a3 = (2r)-3 = 8r3

चूँकि सरल घनीय एकक कोष्ठिका में केवल 1 परमाणु उपस्थित
इसलिए घेरे गए स्थान का आयतन = \(\frac { 4 }{ 3 }\)πr3,
अतः, संरचना की संकुलन क्षमता
एक परमाणु का आयतन घनीय एकक कोष्ठिका का आयतन

(ब) आयनिक ठोसों की प्रकृति के आधार पर फ्रेंकेल दोष एवं शॉट्की दोष की तुलना निम्नलिखित है

प्रश्न 20.
( अ ) षट्कोणीय क्रिस्टल तंत्र हेतु अक्षीय कोणों के मान लिखिए।
(ब) सिलिकन में बोरॉन अपमिश्रित करने पर किस प्रकार का अर्धचालक प्राप्त होता है? समझाइए ।
उत्तर:
(अ) षट्कोणीय क्रिस्टल तंत्र में अक्षीय कोण a, B तथा y का मान क्रमश: 90°, 90° तथा 120° होता है।
(ब) सिलिकन में बोरॉन अपमिश्रित करने पर p-प्रकार का अर्धचालक प्राप्त होता है क्योंकि बोरॉन में तीन संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं अतः वह स्थान जहाँ चौथा इलेक्ट्रॉन नहीं होता उसे इलेक्ट्रॉन छिद्र कहते हैं। पास वाले परमाणु से इलेक्ट्रॉन आकर इस इलेक्ट्रॉन छिद्र को भर देता है, ऐसा होने पर वह अपने मूल स्थान पर इलेक्ट्रॉन छिद्र छोड़ देता है, इससे ऐसा लगता है जैसे कि इलेक्ट्रॉन छिद्र जिस इलेक्ट्रॉन द्वारा यह भरा गया है।
उसकी विपरीत दिशा में चल रहा है। विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में इलेक्ट्रॉन, इलेक्ट्रॉन छिद्रों में से धनावेशित प्लेट की ओर चलते हैं। परन्तु ऐसा लगता है जैसे इलेक्ट्रॉन छिद्र धनावेशित हैं तथा ॠणावेशित प्लेट की ओर चल रहे हैं । अतः इस प्रकार के अर्धचालकों को p-प्रकार के अर्धचालक कहते हैं। यहाँ p= धनात्मक (Positive)
प्रश्न 21.
उस यौगिक का सूत्र लिखिए जिसमें Y तत्त्व ccp जालक बनाता है और X के परमाणु चतुष्फलकीय रिक्तियों का 1/3 वाँ भाग घेरते हैं ।
उत्तर:
ccp जालक, तत्त्व Y से बना है अतः उत्पन्न चतुष्फलकीय रिक्तियों की संख्या उसमें उपस्थित Y परमाणुओं की संख्या की दोगुनी होगी। इन रिक्तियों का 1/3 भाग X के परमाणुओं से भरा है अतः Y तथा X के परमाणुओं का अनुपात Y: 2X x 1/3 है। इसलिए यौगिक का सूत्र Y3X2 या X2Y3 है।
प्रश्न 22.
दिए गए दोषपूर्ण क्रिस्टल की जाँच कीजिए-

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(i) उपर्युक्त दोष रससमीकरणमितीय (स्टॉइकियोमीट्रिक ) है अथवा अ-रससमीकरणमितीय ( अन-स्टॉइकियोमीट्रिक ) है ?
(ii) इलेक्ट्रॉन वाली स्थिति के लिए जो पद प्रयुक्त होता है, उसे लिखिए।
(iii) इस प्रकार का दोष दिखाने वाले यौगिक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- उपर्युक्त दोष अरससमीकरणमितीय है क्योंकि इस यौगिक के आयन रससमीकरणमितीय अनुपात में नहीं हैं।
- इलेक्ट्रॉन की इस स्थिति को F केन्द्र कहते हैं ।
- NaCl इस प्रकार का दोष दर्शाता है ।