HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण

Haryana State Board HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण Important Questions and Answers.

Haryana Board 11th Class Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण


(A) वस्तुनिष्ठ प्रश्न (Objective Type Questions)

1. फॉस्फोरस किसके लिए संरचनात्मक तत्व है ?
(A) न्यूक्लिक अम्ल
(B) कार्बोहाइड्रेट
(C) प्रोटीन्स
(D) लिपिड
उत्तर:
(A) न्यूक्लिक अम्ल

2. निम्न में से महापोषक शृंखला है-
(A) Mg, Mn, Mo
(B) N, P,K
(C) N, P, B
(D) B, C, H
उत्तर:
(B) N, P,K

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3. मक्के का श्वेत कलिका रोग किसकी कमी से होता है ?
(A) बोरॉन
(B) आयरन
(C) जिंक
(D) मैग्नीज
उत्तर:
(C) जिंक

4. चुकन्दर का अन्तः विगलन (Heart rot) रोग किसकी कमी से होता है ?
(A) बोरॉन
(C) लौह
(B) जिंक
(D) मैग्नीज
उत्तर:
(A) बोरॉन

5. निम्न में से विटामिन B12 का एक घटक तत्व है-
(A) Ni
(B) Cu
(C) Hg
(D) Co
उत्तर:
(D) Co

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6. चाय के पौधों में पीली बीमारी होती है-
(A) सल्फर की कमी से
(B) सल्फर की अधिकता से
(C) नाइट्रोजन की कमी से
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) सल्फर की कमी से

7. मृदा से प्राप्त पोषक तत्व कहलाते हैं-
(A) खनिज लवण
(B) अखनिज तत्व
(C) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(A) खनिज लवण

8. वृहत् पोषक तत्व है-
(A) नाइट्रोजन
(B) Cd
(C) Ni
(D) Mo
उत्तर:
(D) Mo

9. रन्धों के खुलने एवं बन्द होने में किस तत्व की महत्वपूर्ण भूमिका है ?
(A) ऑक्सीजन
(B) नाइट्रोजन
(C) पोटैशियम
(D) कैल्शियम
उत्तर:
(C) पोटैशियम

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10. पादप कोशिका की मे पटलिका का प्रमुख तत्व है-
(A) Ca
(B) Mg
(C) Co
(D) Mn
उत्तर:
(B) Mg

11. किसकी कमी से ‘Dle back’ रोग होता है ?
(A) K.
(C) B
(B) Cu
(D) Fe
उत्तर:
(A) K.

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12. नाइट्रोजन उपापचय हेतु आवश्यक तत्व है-
(a) K
(B) Mo
(C) Mg
(D) Fe
उत्तर:
(B) Mo

13. किस तत्व की पूर्ति के लिए कीटभक्षी पौधे कीटों को पकड़ते हैं ?
(A) O
(B) C
(C) K
(D) N
उत्तर:
(D) N

14. I सूची के तत्वों को सूची II में न्यूनता से होने वाले लक्षणों से सुमेलित कीजिए तथा सही कूट बुनिए-

I II
1. N (a) पत्तियों का ताम्रवर्णी होना
2. Mg (b) अपरिपक्व पत्तियों का गिरना
3. B (c) अन्तरशिरीय हरिमाहीनता
4. P (d) चितकबरी हरिमाहीनता तथा ऊतक क्षरण

(A) 1. (a) 2. (b) 3. (c) 4. (d)
(B) 1. (d) 2. (c) 3. (a) 4. (b)
(C) 1. (b) 2. (c) 3. (d) 4. (a)
(D) 1. (d) 2. (c) 3. (b) 4. (a)
उत्तर:
(B) 1. (d) 2. (c) 3. (a) 4. (b)

15. पौधों में सर्वाधिक पाया जाने वाला तत्व है-
(A) Mg
(B) Ne
(C) C
(D) Fe
उत्तर:
(C) C

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16. जौ में भूरे धव्यों का कारण है-
(A) Zn
(B) Mo
(C) Cu
(D) Fe
उत्तर:
(B) Mo

17. अनिवार्यता की कसौटी प्रतिपादित की-
(A) मार्गन ने
(B) आर्नन ने
(C) लैंग ने
(D) स्मिथ ने
उत्तर:
(B) आर्नन ने

18. कौन-सा खनिज तत्व आवश्यक नहीं है ?
(A) Co
(B) Ni
(C) Mo
(D) Cd
उत्तर:
(D) Cd

19. सूक्ष्म पोषक पदार्थ-
(A) दीर्घ पोषक पदार्थों के समान महत्वपूर्ण हैं परन्तु कम मात्रा में उपयोग होते हैं।
(B) दीर्घ पोषक पदार्थों से कम महत्वपूर्ण हैं।
(C) सूक्ष्म कहलाते हैं क्योंकि ये पादप उपापचय में सूक्ष्म भूमिका अदा करते हैं।
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं।

20. लेग्यूम (फलीदार) पौधे पर्यावरण हेतु महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वे-
(A) N, स्थिरीकरण में सहायक हैं।
(B) उपरोक्त सभी।
(C) मृदा की उर्वरता बढ़ाते हैं।
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(C) मृदा की उर्वरता बढ़ाते हैं।

21. माइकोराइजा सहायक है-
(A) श्वसन में
(B) जल अवशोषण में
(C) पोषक पदार्थ अवशोषण में
(D) फॉस्फेट अवशोषण में
उत्तर:
(C) पोषक पदार्थ अवशोषण में

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22. दिये गये तत्वों में से कौन-सा पादप वृद्धि के लिए आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है?
(A) मैग्नीशियम
(C) कॉपर
(B) जिंक
(D) कैल्शियम
उत्तर:
(D) कैल्शियम

23. पौधे को मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है-
(A) कोशिकाओं को जोड़ने में
(B) प्रोटीन संश्लेषण में
(C) पर्णहरित संश्लेषण में
(D) कोशिका भित्ति विकास में
उत्तर:
(C) पर्णहरित संश्लेषण में

24. एनस की मूल गुलिकाओं में नाइट्रोजन स्थिरीकरण होता है-
(A) ब्रेडीराइजोबियम द्वारा
(B) क्लोस्ट्रीडियम द्वारा
(C) किया द्वारा
(D) एजोराइजोबियम द्वारा
उत्तर:
(C) किया द्वारा

25. मैगनीज आवश्यक होता है-
(A) न्यूक्लिक अम्ल के संश्लेषण हेतु
(B) पादप कोशिका भित्ति के निर्माण हेतु
(C) प्रकाश संश्लेषण के दौरान जल प्रकाश अपघटन हेतु
(D) पर्णहरिम के संश्लेषण हेतु
उत्तर:

26. नाइट्रोजन स्थिरीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला तत्व है-
(A) मोलिब्डेनम (Mo)
(B) कॉपर (Cu)
(C) मैगनीज (Mn)
(D) जिंक (Zn)
उत्तर:
(A) मोलिब्डेनम (Mo)

27. एनास्ट्रोसायनिन में उपस्थित होता है-
(A) Cu
(B) Fe
(C) Ca
(D) K.
उत्तर:
(A) Cu

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28. रन्धों के खुलने एवं बंद होने में सहायक आयन है-
(A) Mn+
(B) Mg+
(C) Ca2+
(D) K+
उत्तर:
(D) K+

29. निम्नलिखित में से कौन पौधों द्वारा मृदा से फॉस्फोरस के अवशोषण में सहायता करता है-
(A) राइजोबियम
(B) फ्रेंकिया
(C) एनाबीना
(D) ग्लोमस
उत्तर:
(D) ग्लोमस

30. किस तत्व के बाहर निकलने से मध्य पटलिका मुलायम हो जाती है?
(A) कैल्शियम
(C) पोटैशियम
(B) मैग्नीशियम
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(B) मैग्नीशियम

31. निम्नलिखित में से कौन एक सूक्ष्म पोषक तत्व है-
(A) Mg
(C) S
(B) Ca
(D) Cu
उत्तर:
(D) Cu

32. निम्नलिखित कथनों में से कौन असत्य है ?
(A) एनाबीना तथा नास्टॉक स्वतंत्रजीवी अवस्था में भी नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने में सक्षम है।
(B) जड़ मन्यिकाओं का निर्माण करने वाले नाइट्रोजन स्थिरीकारक जीव स्वतंत्रजीवी दशाओं में वायवीय जीवों की भाँति रहते हैं।
(C) फॅस्फोरस कोशिका कलाओं, कुछ न्यूक्लिक अम्लों तथा सभी प्रोटीनों का एक संघटक है।
(D) नाइट्रोसोमोनास तथा नाइट्रोबैक्टर रसायन स्वपोषी होते हैं।
उत्तर:
(C) फॅस्फोरस कोशिका कलाओं, कुछ न्यूक्लिक अम्लों तथा सभी प्रोटीनों का एक संघटक है।

33. सबसे प्रचुर अन्तरकोशिकीय धनायन कौन-सा है?
(A) Na+
(B) CO2+
(C) H+
(D) K+.
उत्तर:
(D) K+.

34. निम्नलिखित में से कौन-सा मानदण्ड संसाधित अभिगमन से सम्बन्ध नहीं रखता है ?
(A) विशिष्ट कला प्रोटीन की आवश्यकता
(B) उच्च चयनता
(C) अभिगमन संतृप्तता
(D) ऊर्ध्व अभिगमन ।
उत्तर:
(D) ऊर्ध्व अभिगमन ।

35. फॉस्फोरस का प्राकृतिक भण्डार कौन-सा है ?
(A) समुद्री जल
(B) प्राणि अस्थियाँ
(C) शैल
(D) जीवाश्म ।
उत्तर:
(C) शैल

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36. नाइट्रोजन और पोटैशियम की कमी के लक्षण सर्वप्रथम कहाँ दिखते हैं?
(A) तरुण पत्तियों में
(B) जड़ों में
(C) कलियों में
(D) जीर्णमान पत्तियों में।
उत्तर:
(D) जीर्णमान पत्तियों में।

(B) अति लघु उत्तरीय प्रश्न (Very Short Answer Type Questions )

प्रश्न 1.
खनिज पोषण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
पौधों की वृद्धि एवं परिवर्धन के लिए आवश्यक खनिज तत्वों को ग्रहण करना खनिज पोषण (Mineral nutrition) कहलाता है।

प्रश्न 2.
बालू संवर्धन (sand culture) क्या है?
उत्तर:
शुद्ध बालू में पौधों को उगाते हैं। बालू में पोषक विलयन डालते रहते हैं। है?

प्रश्न 3.
किस पादप हॉर्मोन के लिए संश्लेषण हेतु जिंक (Zn) आवश्यक
उत्तर:
IAA इण्डोल ऐसीटिक अम्ल ।

प्रश्न 4.
पौधों की वृद्धि एवं परिवर्धन हेतु आवश्यक पोषक तत्वों की संख्या कितनी होती है?
उत्तर:
17.

प्रश्न 5.
पादप शरीर का प्राधार या अंश तत्व किसे कहते हैं?
उत्तर:
-C, H तथा O को प्राधार तत्व (frame work elements ) कहते हैं।

प्रश्न 6.
पर्णहरित का संघटक पोषक तत्व कौन-सा है?
उत्तर:
Mg (मैग्नीशियम)।

प्रश्न 7.
सेब के फलों में आन्तरिक कार्क (Internal cork) नामक रोग किस तत्व की कमी से होता है?
उत्तर:
बोरॉन (B)।

प्रश्न 8.
क्रान्तिक तत्व (critical elements) कौन-से तत्व होते हैं?
उत्तर:
-N, P तथा K.

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प्रश्न 9.
ऑक्सिन संश्लेषण में कौन-सा पोषक तत्व आवश्यक होता है?
उत्तर:
जिंक (Zinc)!

प्रश्न 10.
उत्प्रेरक कार्य तत्व किसे कहते हैं?
उत्तर:
Mg, Cu आदि एन्जाइम के सहयोगी के रूप में कार्य करते हैं। इनकी अनुपस्थिति में एन्जाइम क्रियाशील नहीं होते। अतः इन्हें उत्प्रेरक कार्य तत्व कहते हैं।

प्रश्न 11.
डाल्टन ने किस नये तत्व को आवश्यक तत्व के रूप में माना?
उत्तर:
निकिल ( nickle)

प्रश्न 12.
लौह का एक प्रमुख कार्य लिखिए।
उत्तर:
लौह श्वसन विकर सायटोक्रोम (cytochrome) का मुख्य घटक होता है।

प्रश्न 13.
जल संवर्धन क्या है?
उत्तर:
मृदारहित पोषक विलयन के घोल में पौधों को उगाना जल संवर्धन (Hydroponics) कहलाता है।

प्रश्न 14.
नाइट्रोजन स्थिरीकरण करने वाले नीले हरे शैवाल के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
एनाबीना ( Anabaena), नास्टॉक ( Nostoc)

प्रश्न 15.
प्रकाश संश्लेषण में जल के प्रकाश अपघटन में कौन-से तत्व भाग लेते हैं?
उत्तर:
क्लोरीन तथा मैंगनीज ।

प्रश्न 16.
खनिज तत्वों की अनिवार्यता की कसौटियाँ (criteria of essentiality) किसने प्रस्तावित की थी?
उत्तर:
आर्नन (Arnon; 1938) ने।

प्रश्न 17.
उस लक्षण को क्या कहते हैं, जिसमें पत्तियों के पर्णहरित के ह्रास से पत्तियाँ पीली पड़ने लगती हैं?
उत्तर:
हरिमाहीनता ( chlorosis)।

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प्रश्न 18.
जीवद्रव्यी तत्व किसे कहते हैं?
उत्तर:
नाइट्रोजन, सल्फर, फॉस्फोरस को जीवद्रव्यी तत्व कहा जाता है, क्योंकि ये C, H तथा के साथ मिलकर जीवद्रव्य का प्रमुख भाग बनाते हैं।

प्रश्न 19.
राइजोबियम जीवाणु की विशेषता लिखिए।
उत्तर:
राइजोबियम जीवाणु स्वतन्त्र अवस्था में ऑक्सी (aerobic) तथा मन्थिकाओं में अनॉक्सी (anaerobic) होता है।

प्रश्न 20.
अनॉक्सी नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु का नाम लिखिए।
उत्तर:
रोडोस्पाइरिलियम (Rhodospirillium)।

प्रश्न 21.
नाइट्रोजिनेस एन्जाइम की सुरक्षा कौन करता है?
उत्तर:
लेगहीमोग्लोबिन (leghaemoglobin, Ib)।

प्रश्न 22.
सर्वाधिक गतिशील तत्व तथा अगतिशील तत्व का नाम लिखिए।
उत्तर:
सर्वाधिक गतिशील तत्व = पोटैशियम (K)
सर्वाधिक अगतिशील तत्व = आयरन (Fe)

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(C) लघु उत्तरीय प्रश्न-1 (Short Answer type Questions-1)

प्रश्न 1.
उत्प्रेरक प्रभाव उत्पन्न करने वाले खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर:
उत्प्रेरक प्रभाव (Catalytic Effect ) – लोहा (Fe), कॉपर (Cu), जिंक (Zn) आदि तत्व कुछ विकरों के प्रास्थेटिक समूह (prosthetic groups ) का कार्य करते हैं। इसके विपरीत मैगनीज (Mn), मैग्नीशियम (Mg), कोबाल्ट (Co) आदि के आयन्स अनेक विकरों की क्रियाओं के लिए सक्रियकारक या रोधक का कार्य करते हैं।

प्रश्न 2.
पौधों का ताजा भार तथा शुष्क भार से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
पौधे या उसके किसी भाग का वजन करें तो इसे उसका ताजा भार (fresh weight) कहते हैं। यदि पौधे या उसके किसी भाग को 100°C ताप पर सुखाकर शेष बचे भाग का वजन करें तो इसे उसका शुष्क भार (dry weight) कहते हैं।

प्रश्न 3.
आर्नन की अनिवार्यता की कसौटियाँ क्या हैं?
उत्तर:
आर्जन (Arnon, 1938) के अनुसार अनिवार्य तत्व वे हैं-
(i) जो उपापचय में सीधे भाग लेते हैं।
(ii) जिनकी कमी या अभाव में विकार उत्पन्न हो जाते हैं।
(iii) जिनकी कमी का निदान उसी तत्व की पूर्ति से सम्भव है।

प्रश्न 4.
विनाइट्रीकरण क्या है? इसके लिए कौन-सी परिस्थितियाँ उपयुक्त होती हैं?
उत्तर:
कुछ जीवाणुओं द्वारा मृदा में उपस्थित नाइट्रेट को स्वतन्त्र नाइट्रोजन में बदल दिया जाता है। इसे विनाइट्रीकरण (denitrification) कहते हैं। जैसे— स्यूडोमोनास (Pseudomonas), थायोबैसीलस (Thiobacillus ) आदि । विनाइट्रीकरण के लिए प्रायः अनॉक्सी परिस्थितियाँ उपयुक्त हैं।

प्रश्न 5.
नाइट्रीकरण क्या है? दो नाइट्रीकारी जीवाणुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
अमोनिया का नाइट्रेट में बदला जाना नाइट्रीकरण (nitrification) कहलाता है।
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दो नाइट्रीकारी जीवाणु नाइट्रोसोमोनास ( Nitrosomonas ) तथा नाइट्रोवैक्टर (Nitrobacter) हैं।

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प्रश्न 6.
अन्य पौधों की तुलना में लैग्यूम (दाब कुल) के पौधों में प्रोटीन की मात्रा अधिक क्यों होती है?
उत्तर:
लैग्यूमिनोसी कुल के पौधों की जड़ों में नाइट्रोजन स्थित जीवाणु उपस्थित होते हैं जो वायु नाइट्रोजन को नाइट्राइट एवं नाइट्रेट में परिवर्तित कर देते हैं जिससे पौधे नाइट्रोजन को पर्याप्त मात्रा में संचित कर लेते हैं। चूँकि नाइट्रोजन का मुख्य घटक है। इस कारण इस कुल के पौधों में प्रोटीन की प्रचुर मात्रा होती है।

(D) लघु उत्तरीय प्रश्न- II ( Short Answer Type Questions-II)

प्रश्न 1.
नॉप के पोषक विलयन के संघटक लिखिए।
उत्तर:
नॉप का पोषक विलयन (Knop’s Nutrient Solution)

1. कैल्शियम नाइट्रेट 0-8 g/L
2. मैग्नीशियम सल्फेट 0-2 g/L
3. पोटैशियम नाइट्रेट 0-2 g/L
4. पोटैशियम डाइहाइड्रोजन फॉस्फेट 0-2 g/L
5. फेरस सल्फेट 0-2 g/L
6. फेरस टारट्रेट सूक्ष्म मात्रा में।

प्रश्न 2.
पौधों में नाइट्रोजन व पोटैशियम का क्या क्या कार्य है?
उत्तर:
नाइट्रोजन (Nitrogen):
पौधे मृदा से नाइट्रोजन को NOT NH, NH के रूप में अवशोषित करते हैं नाइट्रोजन, प्रोटीन, कोएन्जाइम, न्यूक्लिक अम्ल (DNA, RNA) तथा अन्य कार्बनिक यौगिकों के संश्लेषण के लिए आवश्यक होता है। यह जीवद्रव्य व पर्णहरित का मुख्य भाग है। रन्धों के खुलने व बन्द होने, जल की गति एवं सन्तुलन में नाइट्रोजन सहायक होती है।

पोटैशियम (Potassium):
यह विभज्योतक (meristematic) कोशिकाओं की वृद्धि, पत्तियों की वृद्धि एवं द्वितीयक जड़ों के निर्माण में महत्वपूर्ण होता है। यह जीवद्रव्य की जैविकता को बनाये रखने के लिए आवश्यक है । रन्धों के खुलने व बन्द होने में इनकी विशेष भूमिका होती है। यह एन्जाइम्स का सहकारक होता है।

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प्रश्न 3.
सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकारक के कुछ उदाहरण दीजिये।
उत्तर:
सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकारक (Symbiotic Nitrogen Fixers)
1. मटर, चना, बाकला, सेम आदि की प्रन्थिकामय जड़ों में पाया जाने वाला राइजोबियम जीवाणु ।
2. एनस की जड़ मन्थियों में पाया जाने वाला फ्रैंकिया सूक्ष्म जीव । 3. सायकस की कोरेलॉयड जड़ में नॉस्टॉक (Nastoc), एनाबीना (Anabaena) |
4. एजोला (Azolla) फर्न की पत्तियों में एनाबीना ।
5. लाइकेन (Lichens) के सूकाय ( thalloid) में नीले हरे शैवाल या सायनोबैक्टीरिया ।

प्रश्न 4.
पोटैशियम तथा नाइट्रोजन के अभाव में उगने वाले पौधों में उत्पन्न लक्षण लिखिए।
उत्तर:
(i) पोटैशियम की कमी से पत्तियों पर निर्जीव धब्बे ( necrosis ) बन जाते हैं प्रोटीन संश्लेषण की क्रिया मन्द हो जाती है रोगों के लिए प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। यान्त्रिक ऊतक कम विकसित होता है। पौधे झाड़ीनुमा (bushy) हो जाते हैं।

(ii) नाइट्रोजन की कमी से पत्तियाँ पीली हो जाती हैं। कोशिका विभाजन, श्वसन क्रिया प्रोटीन संश्लेषण मन्द हो जाता है। पौधों की वृद्धि रुक जाती है। पुष्पन विलम्ब से होता है। अनाज के दाने सिकुड़ जाते हैं।

प्रश्न 5
खनिज तत्वों के सामान्य कार्य लिखिए।
उत्तर:
(1) खनिज तत्व पादप शरीर के निर्माणक तत्व (framework elements) हैं, जैसे -C, H तथा O शरीर का ढाँचा बनाते हैं।
(2) जीवद्रव्यी तत्व (Protoplasmic Elements), जैसे-N, S, P आदि ये C H तथा ) के साथ मिलकर जीवद्रव्य बनाते हैं।
(3) उत्प्रेरक तत्व (Catalytic Elements) Mg, Cu आदि एन्जाइम के सहकारक का कार्य करते हैं। इनके अभाव में एन्जाइम क्रियाशील नहीं होते।
(4) सन्तुलन तत्व (Balancing Elements) – Cu, Mg K आदि अन्य खनिजों के विषैले प्रभाव को समाप्त करते हैं।

प्रश्न 6.
सामान्य पोषक विलयन की आवश्यक परिस्थितियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मृदा रहित पोषक विलयन तैयार करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि विलयन में सभी अनिवार्य पोषक तत्व उपस्थित हों। इसके अतिरिक्त निम्नलिखित परिस्थितियाँ आवश्यक हैं-
(i) सभी अनिवार्य तत्व घुलित अवस्था में हों।
(ii) विलयन तनु हो तथा इसे समय-समय पर बदलते रहने की व्यवस्था
(iii) विलयन में वातायन की उचित व्यवस्था हो ।
(iv) विलयन का pH निश्चित रहे ।

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प्रश्न 7.
जल संवर्धन क्या है ? इसका क्या महत्व है?
उत्तर:
जल संवर्धन (Hydroponics): यह वह तकनीक है जिसमें पौधे को मृदाविहीन माध्यम अर्थात् जलीय विलयन में उगाया जाता है। इसके लिए
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पोषक विलयन संवर्धन के लिए एक आदर्श अवस्था का आरेख
काँच का बना अक्रिय पात्र लेकर इसमें सन्तुलित पोषक युक्त विलयन भर दिया जाता है। इस विलयन के ऊपर जाली लगाकर नवोद्भिद् (seedling) पौधे की जड़ को विलयन में डुबो दिया जाता है तथा प्ररोह ऊपर रखा जाता है। विलयन में वातायन (aeration) की उचित व्यवस्था रखी जाती है।

महत्व:
जल संवर्धन विधि द्वारा तत्वों की कमी या पौधों में प्रभाव का अध्ययन किया जा सकता है। इसके द्वारा कुछ शाकीय पौधे उगाये जा सकते हैं तथा कायिक जनन कराया जा सकता है।

प्रश्न 8.
पौधे मृदा से फॉस्फोरस को किस रूप में ग्रहण करते हैं? फॉस्फोरस का पौधों में कहाँ उपयोग होता है? फॉस्फोरस की कमी के दो लक्षण लिखिए।
उत्तर:
पौधे फॉस्फोरस को मुख्यतया फॉस्फेट आयन (PO)” ) तथा डाइहाइड्रोजन फॉस्फेट H, PO, आयन के रूप में ग्रहण करते हैं। फॉस्फोरस का उपयोग कोशिका कला, पत्तियों के निर्माण, जड़ों की वृद्धि आदि में होता है। फॉस्फोरस प्रोटीन, न्यूक्लिओप्रोटीन्स, न्यूक्लिओटाइड आदि के संश्लेषण में प्रयुक्त होता है।
फॉस्फोरस की कमी से पत्तियों पर एन्थोसायनिन ( anthocyanin ) के धब्बे प्रकट हो जाते हैं और पत्तियाँ शीघ्र गिर जाती हैं।

प्रश्न 9.
असहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण सूक्ष्म जीवों के उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
स्वतन्त्रजीवी या असहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण सूक्ष्मजीवी प्रायः ऑक्सीजीवी (aerobes) या अनॉक्सीजीवी (Anaerobes) होते हैं। उदाहरण रोडोस्पाइरिलम (Rhodospirillium), अनॉक्सीजीवी तथा एजोटोबैक्टर (Azotobacter), विजेरन्किया (Beijemikia) आदि आक्सीजीवी जीवाणु हैं। स्वतन्त्रजीवी नीले हरे शैवाल (Blue green algae) जैसे – एनाबीना (Anabaena), नास्टॉक (Nostoc), टोलीपोथ्रिक्स (Tolypothrix) आदि हैं। यीस्ट की प्रजातियाँ भी नाइट्रोजन स्थिरीकरण में सहायक होती हैं।

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प्रश्न 10.
हीमोग्लोबिन तथा लैगहीमोग्लोबिन में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
हीमोग्लोबिन (Leghaemoglobin) में अन्तर

हीमोग्लोजिन (Haemoglobin) लैगहीमोम्लोबिन (Leghaemoglobin)
यह जन्तुओं, मुख्यतः कशेरुकियों में पाया जाता है। यह फलीदार फसलों की जड़ों में मूल गुलिकाओं (root nodules) में पाया जाता है।
यह लाल चमकीला होता है। यह भूरा तथा धुँधला होता है।
यह ऑक्सीजन वाहक का कार्य करता है। यह ऑक्सीजन से तेजी से संयुक्त होता है तथा नाइट्रोजन स्थिरीकरण में सहायक है।
यह श्वसन में भाग लेता है। यह नाइट्रोजिनेज (nitrogenase) विकर की सुरक्षा करता है।

(E) निबन्धात्मक प्रश्न (Long Answer Type Questions )

प्रश्न 1.
प्रकृति में नाइट्रोजन चक्र का आरेख सहित वर्णन कीजिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen Cycle)
नाइट्रोजन, (N2) कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के बाद पौधों में पाया जाने वाले प्रमुख तत्व हैं। यह ऐमीनो अम्ल, न्यूक्लिक अम्ल, प्रोटीन्स, पर्णहरित, विटामिन्स, पादप हॉर्मोन्स आदि का प्रमुख संघटक हैं। पौधे नाइट्रोजन को मृदा से नाइट्रेट, नाइट्राइट आदि रूप में मूण करते हैं। वायुमण्डल में लगभग 78% नाइट्रोजन पायी जाती है।

पौधे वायुमण्डल की स्वतन्त्र नाइट्रोजन (free nitrogen) का उपयोग सीधे ही नहीं कर पाते। अत: इसे विभिन्न यौगिकों के रूप में ही पहुण किया जा सकता है। पृथ्वी तथा वायुमण्डल में नाइट्रोजन का अनुपात स्थिर बना रहता है जो कि नाइट्रोजन चक्र (nitrogen cycle) द्वारा सम्भव होता है। नाइट्रोजन चक्र निम्न पदों में पूर्ण होता है-
1. अऔव नाइट्टोजन स्थिरीकरण (Non-biological Nitrogen Fixation)बिजली के तड़कने से वायुमण्डलीय नाइट्रोजन ऑक्सीजन से संयोग करके नाइट्रोजन पर-ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड तथा नाइट्रक अम्ल बनाती हैं। ये पानी में घुलकर वर्षा के साथ भूमि पर आ जाते हैं और मृदा में पहुँचकर नाइट्रेट्स तथा नाइट्राइट्स बनाते हैं।

2. औविक नाझ्ट्रोजन स्थिरीकरण (Biological Nitrogen Fixation)स्वतन्त्रजीवी, सहजीवी जीवाणुओं (symbiotic bacteria) तथा नीले हरे शैवालों (blue green algae) द्वारा वायुमण्डल की स्वतन्त्र नाइट्रोजन को इसके यौगिकों में बदल दिया जाता है। जैसे-एजोटोबैक्टर (Azotobacter), रोडोस्पाइरिलम (Rhodospirillium), क्लॉस्टरीडियम (Clostridium) आदि जीवाणु तथा नास्टॉक (Nostoc), एनाबीना (Anabaena) आदि स्वतन्त्रजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकारी सूक्ष्म जीव हैं।

मटर कुल के पौर्धों की जड़ों की मूल गुलिकाओं (Root nodules) में पाये जाने वाले जीवाणु राइजोबियम (Rhizobium) सहजीवी के रूप में पाये जाते हैं। ये स्वतन्त्र नाइट्रोजन को अमोनिया में बदल देवे हैं।

3. अमोनीकरण (Ammonification)-मृत जीव- जन्तुओं तथा पौधों में उपस्थित नाइट्रोजनी कार्बनिक पदार्थों का अमोनिया में अपघटन अमोनीकरण (ammonification) कहललाता है। मुक्त अमोनिया जल, मृदा या वातावरण में मुक्त हो जाती है।

4. नाइड्थीकरण (Nitrification) – अमोनीकरण के द्वारा मुक्त अमोनिया मृदा में उपस्थित जीवाणुओं द्वारा नाइट्राइट तथा नाइट्रेट में बदल दी जाती है जो पौधों के लिए प्राप्त होती है।
नाइट्रोसोमोनास (Nitrosomonas), नाइट्रोकोकस (Nitrococcus) आदि जीवाणु भी अमोनिया को नाइट्राइड में बदल देते हैं। नाइट्रोबैक्टर (Nitrobacter) नाइट्राइट को नाइट्रेट में बदल देता है जो घुलित अवस्था में जड़ों द्वारा अवशोषित कर ली जाती है।

5. विनाइट्रीकरण (Denitrification)- मृदा में उपस्थित कुछ जीवाणु जैसे-थायोबैसीलस, स्यूडोमोनास आदि नाइट्रोजनी यौगिकों का अपघटन करके स्वतन्त नाइट्रोजन में बदल देते हैं। यह क्रिया विनाइट्रीकरण (denitrification) कहलाती है। नाइट्रोजन चक्र का महत्व (Importance of Nitrogen Cycle)
(i) इसके द्वारा वायुमण्डल में नाइट्रोजन का सन्तुलन बना रहता है।
(ii) नाइट्रोजन ऑक्सीजन की सक्रियता को कम करने में सहायक है।
(iii) नाइट्रोजन चक्रीकरण से पौधों को तथा जन्तुओं को नाइट्रोजन उपलब्य हो पाता है।
(iv) जीव-जन्तुओं के अपशिष्टों के विषटन से नाइट्रोजन वायुमण्डल में पहुँचती है।
HBSE 11th Class Biology Important Questions Chapter 12 खनिज पोषण 1

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तत्वों के कार्य व न्यूनता के लक्षण लिखिए- (क) Ca (ख) Mg (ग) Fe (घ) P (ङ) SI
उत्तर:
नाइट्रोजन चक्र (Nitrogen Cycle)
नाइट्रोजन, (N2) कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के बाद पौधों में पाया जाने वाले प्रमुख तत्व हैं। यह ऐमीनो अम्ल, न्यूक्लिक अम्ल, प्रोटीन्स, पर्णहरित, विटामिन्स, पादप हॉर्मोन्स आदि का प्रमुख संघटक हैं। पौधे नाइट्रोजन को मृदा से नाइट्रेट, नाइट्राइट आदि रूप में मूण करते हैं। वायुमण्डल में लगभग $78 \%$ नाइट्रोजन पायी जाती है।

पौधे वायुमण्डल की स्वतन्त्र नाइट्रोजन (free nitrogen) का उपयोग सीधे ही नहीं कर पाते। अत: इसे विभिन्न यौगिकों के रूप में ही पहुण किया जा सकता है। पृथ्वी तथा वायुमण्डल में नाइट्रोजन का अनुपात स्थिर बना रहता है जो कि नाइट्रोजन चक्र (nitrogen cycle) द्वारा सम्भव होता है। नाइट्रोजन चक्र निम्न पदों में पूर्ण होता है-

1. अऔव नाइट्टोजन स्थिरीकरण (Non-biological Nitrogen Fixation)बिजली के तड़कने से वायुमण्डलीय नाइट्रोजन ऑक्सीजन से संयोग करके नाइट्रोजन पर-ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड तथा नाइट्रक अम्ल बनाती हैं। ये पानी में घुलकर वर्षा के साथ भूमि पर आ जाते हैं और मृदा में पहुँचकर नाइट्रेट्स तथा नाइट्राइट्स बनाते हैं।

2. औविक नाझ्ट्रोजन स्थिरीकरण (Biological Nitrogen Fixation)स्वतन्त्रजीवी, सहजीवी जीवाणुओं (symbiotic bacteria) तथा नीले हरे शैवालों (blue green algae) द्वारा वायुमण्डल की स्वतन्त्र नाइट्रोजन को इसके यौगिकों में बदल दिया जाता है। जैसे-एजोटोबैक्टर (Azotobacter), रोडोस्पाइरिलम (Rhodospirillium), क्लॉस्टरीडियम (Clostridium) आदि जीवाणु तथा नास्टॉक (Nostoc), एनाबीना (Anabaena) आदि स्वतन्त्रजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकारी सूक्ष्म जीव हैं।
मटर कुल के पौर्धों की जड़ों की मूल गुलिकाओं (Root nodules) में पाये जाने वाले जीवाणु राइजोबियम (Rhizobium) सहजीवी के रूप में पाये जाते हैं। ये स्वतन्त्र नाइट्रोजन को अमोनिया में बदल देवे हैं।

3. अमोनीकरण (Ammonification)-मृत जीव- जन्तुओं तथा पौधों में उपस्थित नाइट्रोजनी कार्बनिक पदार्थों का अमोनिया में अपघटन अमोनीकरण (ammonification) कहललाता है। मुक्त अमोनिया जल, मृदा या वातावरण में मुक्त हो जाती है।

4. नाइड्थीकरण (Nitrification) – अमोनीकरण के द्वारा मुक्त अमोनिया मृदा में उपस्थित जीवाणुओं द्वारा नाइट्राइट तथा नाइट्रेट में बदल दी जाती है जो पौधों के लिए प्राप्त होती है।
नाइट्रोसोमोनास (Nitrosomonas), नाइट्रोकोकस (Nitrococcus) आदि जीवाणु भी अमोनिया को नाइट्राइड में बदल देते हैं। नाइट्रोबैक्टर (Nitrobacter) नाइट्राइट को नाइट्रेट में बदल देता है जो घुलित अवस्था में जड़ों द्वारा अवशोषित कर ली जाती है।
5. विनाइट्रीकरण (Denitrification)- मृदा में उपस्थित कुछ जीवाणु जैसे-थायोबैसीलस, स्यूडोमोनास आदि नाइट्रोजनी यौगिकों का अपघटन करके स्वतन्त नाइट्रोजन में बदल देते हैं। यह क्रिया विनाइट्रीकरण (denitrification) कहलाती है। नाइट्रोजन चक्र का महत्व (Importance of Nitrogen Cycle)
(i) इसके द्वारा वायुमण्डल में नाइट्रोजन का सन्तुलन बना रहता है।
(ii) नाइट्रोजन ऑक्सीजन की सक्रियता को कम करने में सहायक है।
(iii) नाइट्रोजन चक्रीकरण से पौधों को तथा जन्तुओं को नाइट्रोजन उपलब्य हो पाता है।
(iv) जीव-जन्तुओं के अपशिष्टों के विषटन से नाइट्रोजन वायुमण्डल में पहुँचती है।
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प्रश्न 3.
विभिन्न पोषक तत्वों की कमी से उत्पन्न प्रभावों को कैसे ज्ञात करते हैं? समझाइए।
उत्तर:
पौधों में पोषक तत्वों की कमी से उत्पन्न प्रभावों का अध्ययन जब हम किसी विशेष पोषक तत्व की उपयोगिता का अध्ययन या तत्व की कमी से उत्पन्न प्रभाव का अध्ययन करते हैं तो इसके लिए पौधों हेतु जलीय माध्यम प्रयोग में लाया जाता है। इसके लिए हम कई बोतलों में जलीय संवर्धन माध्यम तैयार (aquatic culture medium) करते हैं। इनमें से एक में सभी आवश्यक तत्वों को उचित अनुपात में मिलाया जाता है। अन्य बोतलों में उस तत्व की कमी रखी जाती है जिसका अध्ययन करना होता है। अब पौधों को वृद्धि करने के लिए छोड़ दिया जाता है। कुछ समय बाद पौधों का तुलनात्मक अध्ययन करते हैं। पौधे में उत्पन्न प्रभाव किसी विशेष तत्व की कमी का लक्षण होता है।

तत्वों के प्रभाव के अध्ययन के लिए तालिका
संवर्धन घोल में तत्व की कमी प्रभाव (लक्षण)
सामान्य पोषक विलयन (Control) पौधे की सामान्य वृद्धि।
मैग्नीशियम का अभाव (Deficency of Mg) कम वृद्धि, पत्तियाँ पीली।
कैल्शियम का अभाव (Deficency of Ca) कमजोर पौधा, जड़ें अविकसित, पत्तियों पर धब्बे।
आयरन का अभाव (Deficency of Fe) पत्तियाँ सफेद-पीली, कम वृद्धि।
पोटैशियम का अभाव (Deficency of K) कम वृद्धि, पत्तियाँ भूरी, पौधा शीघ्र मर जाता है।
फॉस्फोरस का अभाव (Deficency of P) जड़ों की वृद्धि प्रभावित होने से पौधा मर जाता है।
नाइट्रोजन का अभाव (Deficency of N) वृद्धि कम, पत्तियाँ पीली, कमजोर पौधा।

प्रश्न 4.
जड़ों द्वारा खनिज तत्वों के अवशोषण को समझाइए। खनिज तत्वों का अवशोषण
उत्तर:
(Absorption of Mineral Element )
अधिकांश खनिज तत्व जल में घुलित अवस्था में मूलरोमों द्वारा अवशोषित होते हैं। ये खनिज मूल की बाह्य त्वचा (epiblema) एवं बल्कुट (cortex) में से विसरित होते हुए अन्तस्त्वचा (Endodermis ) तक पहुँचते हैं। अन्तस्त्वचा में कैस्पेरियन पट्टियाँ (casparian strips) पायी जाती हैं जो खनिज लवणों व जल के विसरण में रुकावट पैदा करती हैं।

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बटलर (Butler, 1953) तथा एप्सटीन (Epstein, 1955) के अनुसार वल्कुट (cortex) की कोशिकाएँ जीवित होती हैं तथा इनमें लवणों के अभिगमन के लिए उपापचयी ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसे सक्रिय अवशोषण कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि कोशिकाद्रव्य का एक भाग प्रत्यक्ष स्वतन्त्र सतह द्वारा घिरा रहता है। अतः आयनों का स्थानान्तरण कोशिका भित्ति तथा कोशिकाद्रव्यी तन्तुओं (plasmodesmata) द्वारा अन्तस्त्वचा तक होता है। अतः आयन जाइलम में प्रवेश करा दिये जाते हैं। इसे आयन ग्रहण सरल विधि कहा जाता है।

अन्तस्त्वचा (endodermis ) से जाइलम की निर्जीव कोशिकाओं तक आयनों का सक्रिय स्थानान्तरण होता है। जड़ों की वल्कुट कोशिकाएँ श्वसन द्वारा उत्पादित ऊर्जा का प्रयोग करके आयनों को मृदा से खींचती हैं और जाइलम (xylem) में पहुँचा देती हैं। इस क्रिया को सक्रिय स्थानान्तरण कहते हैं। लवणों का जाइलम में प्रवेश होने के बाद यह वाष्पोत्सर्जन खिंचाव (transpiration pull) द्वारा तथा संसंजन बल द्वारा जल के साथ ऊपर की ओर चढ़ते हैं। गन्तव्य तक पहुँचकर इनका उपयोग कर लिया जाता है।

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