Haryana State Board HBSE 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 9th Class Science Solutions Chapter 11 कार्य तथा ऊर्जा
HBSE 9th Class Science कार्य तथा ऊर्जा Intext Questions and Answers
(पृष्ठ संख्या-164)
प्रश्न 1.
किसी वस्तु पर 7N का बल लगता है। मान लीजिए बल की दिशा में विस्थापन 8 m है (चित्र 11.1)। मान लीजिए वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?
हल-यहाँ पर
बल (F) = 7N
विस्थापन (s) = 8 m
किया गया कार्य (W) = ?
किया गया कार्य (w) = बल (F) x विस्थापन (s)
= 7 x 8 N.m
= 56 J उत्तर
(पृष्ठ संख्या-165)
प्रश्न 1.
हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है?
उत्तर:
जब किसी वस्तु पर बल लगाने से वस्तु विस्थापित हो तो कार्य किया गया माना जाता है, अर्थात्
किया गया कार्य (W) = बल (F) – विस्थापन (s)
प्रश्न 2.
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए।
उत्तर:
जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो कार्य का व्यंजक निम्नलिखित होगा
किया गया कार्य (W) = बल (F) x विस्थापन (s)
अर्थात् जब बल विस्थापन की दिशा में लगता है तो किया गया कार्य धनात्मक होता है।
प्रश्न 3.
1J कार्य को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
यदि एक वस्तु पर 1 न्यूटन बल लगाने पर वह वस्तु बल की दिशा में 1 मीटर विस्थापित हो तो वस्तु पर किया गया कार्य 1 जूल कहलाता है। अर्थात्
1 J = 1 N x 1 m
प्रश्न 4.
बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140 N बल लगाती है। जोता गया खेत 15 m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया?
हल-यहाँ पर
बल (F) = 140 N
विस्थापन (s) = 15 m
:. किया गया कार्य (w) = F x s
= 140 x 15 N.m.
= 2100 J उत्तर
(पृष्ठ संख्या – 169)
प्रश्न 1.
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है?
उत्तर:
किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। जैसे v वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2 के बराबर होती है।
प्रश्न 2.
किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखो। उत्तर-m द्रव्यमान तथा एक समान वेग v से गतिशील वस्तु की गतिज ऊर्जा का मान निम्नलिखित होगा
गतिज ऊर्जा (E) = \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2
प्रश्न 3.
5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25 Jहै। यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी? यदि इसके वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी?
उत्तर:
5 ms-1 के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊर्जा 25J है। यदि इसके वेग को दो गुना (10 ms-1) कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा (22) चार गुना बढ़ जाएगी अर्थात् 100 J हो जाएगी। परंतु यदि इसके वेग को तीन गुना (15 ms-1) कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा (32) नौ गुना बढ़ जाएगी अर्थात् 225 J हो जाएगी।
(पृष्ठ संख्या – 174)
प्रश्न 1.
शक्ति क्या है?
उत्तर:
कार्य करने की दर या ऊर्जा रूपांतरण की दर को शक्ति कहते हैं। यदि कोई अभिकर्ता (एजेंट) t समय में W कार्य करता हो तो उसकी शक्ति का मान होगा
शक्ति का मात्रक वाट (W) है।
प्रश्न 2.
1 वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
1 वाट उस अभिकर्ता की शक्ति होती है जो 1 सेकंड में 1 जूल कार्य करता है अर्थात्
प्रश्न 3.
एक लैंप 1000 J विद्युत ऊर्जा 10s में व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी है?
हल-यहाँ पर
किया गया कार्य (W) = 1000 J
समय (t) = 10s
शक्ति (P) = ?
हम जानते हैं कि
P = \(\frac { W }{ t } \)
= \(\frac { 1000 }{ 10 } \) Js-1
= 100 W (वाट) उत्तर
प्रश्न 4.
औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
कुल उपयोग हुई ऊर्जा और कुल दिए गए समय के अनुपात को, औसत शक्ति कहते हैं अर्थात्
HBSE 9th Class Science कार्य तथा ऊर्जा Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं।
- सूमा एक तालाब में तैर रही है।
- एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझा उठा रखा है।
- एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएँ से पानी उठा रही है।
- एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
- एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।
- अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।
- एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।
उत्तर:
- सूमा के तालाब में तैरने पर कार्य हो रहा है, क्योंकि वह बल की दिशा में विस्थापित हो रही है।
- एक गधे द्वारा पीठ पर बोझा उठाने से कार्य नहीं हुआ माना जाता है क्योंकि उसका विस्थापन शून्य है।
- किसी पवन चक्की द्वारा कुएँ से पानी उठाने में कार्य हुआ माना जाता है ककि वह बल की दिशा में विस्थापित होती है।
- किसी हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया होने पर कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि विस्थापन शून्य है।
- ट्रेन को खींच रहे इंजन की दशा में कार्य हुआ माना जाता है क्योंकि ट्रेन इंजन की दिशा में विस्थापित हो रही होती है।
- अनाज के दानों के सूर्य की धूप में सूखने पर किया गया कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि इस दशा में भी विस्थापन शून्य होता है।
- जो पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है उसके द्वारा किया गया कार्य माना जाता है क्योंकि पाल-नाव वायु द्वारा बल लगाने पर बल की दिशा में विस्थापित हो रही है।
प्रश्न 2.
एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया?
उत्तर:
पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि पिंड का विस्थापन शून्य है।
प्रश्न 3.
एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
एक बैटरी द्वारा बल्ब जलने पर रासायनिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती है।
प्रश्न 4.
20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5 ms-1 से 2 ms-1 में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए। हल यहाँ पर
वस्तु का द्रव्यमान (m) = 20 kg
वस्तु का प्रारंभिक वेग (u) = 5 ms-1
वस्तु का अंतिम वेग (v) = 2 ms-1
वस्तु की प्रारंभिक गतिज ऊर्जा (E1) = \(\frac { 1 }{ 2 } \)mu2
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 20 x (5)2
= 250 J
वस्तु की अंतिम गतिज ऊर्जा (E2) = \(\frac { 1 }{ 2 } \)m (v)2
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 20 (2)2J
= 40 J
अतः किया गया कार्य = गतिज ऊर्जा में परिवर्तन
= E1 – E2
= 250 J – 40 J = 210 J उत्तर
प्रश्न 5.
10 kg द्रव्यमान का एक पिंड मेज पर Aबिंदु पर रखा है। इसे B बिंदु तक लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य कितना होगा? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
हल:
यहाँ पर
पिंड का द्रव्यमान (m) = 10 kg
गुरुत्व बल (g) = 9.8 ms-2
ऊँचाई (h) = 0
:. गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य (W) = mgh
= 10 x 9.8 x 0
= 0 उत्तर
अतः गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य है क्योंकि विस्थापन क्षैतिज है।
प्रश्न 6.
मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है? कारण बताइए।
उत्तर:
मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती है, परंतु यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन नहीं है क्योंकि यह ऊर्जा गतिज ऊर्जा के रूप में परिवर्तित होती रहती है। पृथ्वी के बिल्कुल निकट पूर्ण स्थितिज ऊर्जा, गतिज ऊर्जा में बदल जाती है तथा पृथ्वी पर पहंचते ही फिर स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
प्रश्न 7.
जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन से ऊर्जा रूपांतरण होते हैं?
उत्तर:
जब हम साइकिल चलाते हैं तो हमारी मांसपेशीय ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित होती है तथा मांसपेशीय ऊर्जा हमें भोजन से रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित होने के बाद प्राप्त होती है।
प्रश्न 8.
जब आप अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण होता है? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है?
उत्तर:
जब हम अपनी सारी शक्ति लगाकर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण घर्षण के विरुद्ध नष्ट हो जाता है जिस कारण किया गया कार्य शून्य माना जाता है।
प्रश्न 9.
किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 “यूनिटें” व्यय हुईं। यह ऊर्जा जूल में कितनी होगी?
हल:
यहाँ पर
व्यय ऊर्जा = 250 यूनिट
= 250 kWh
= 250 x 1000 W x 3600 s
= 900000000 ws
= 9 x 10°J उत्तर
प्रश्न 10.
40 kg द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5 m की ऊँचाई तक उठाया जाता है। इसकी स्थितिज ऊर्जा कितनी है ? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिंड ठीक आधे रास्ते पर है उस समय इसकी गतिज ऊर्जा का परिकलन कीजिए। (g= 10 ms-2)
हल:
यहाँ पर
पिंड का द्रव्यमान (m) = 40 kg
पिंड की पृथ्वी से ऊँचाई (h) = 5 m
गुरुत्वीय त्वरण (g) = 10 ms-2
पिंड की स्थितिज ऊर्जा (w) = mgh
= 40 x 5 x 10 J
= 2000 J
जब पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो आधे रास्ते में पिंड की आधी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाएगी। इसलिए आधे रास्ते में पिंड की गतिज ऊर्जा = \(\frac { 2000 }{ 2 } \) = 1000 J होगी। उत्तर
प्रश्न 11.
पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया जाएगा? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा किया गया कार्य शून्य माना जाएगा क्योंकि दोनों का विस्थापन शून्य है।
प्रश्न 12.
क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका विस्थापन हो सकता है? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर:
किसी पिंड पर बल की अनुपस्थिति में विस्थापन नहीं हो सकता है क्योंकि विस्थापन हमेशा असंतुलित बल के कारण होता है।
प्रश्न 13.
कोई मनुष्य भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहता है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर:
मनुष्य द्वारा भूसे के एक गट्ठर को अपने सिर पर 30 मिनट तक रखे रहने से किया गया कार्य शून्य माना जाता है क्योंकि इसमें विस्थापन शून्य है।
प्रश्न 14.
एक विद्युत-हीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500 W है। 10 घंटे में यह कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा ?
हल:
यहाँ पर
विद्युत-हीटर की शक्ति (P) = 1500 w
समय (t) = 10 घंटे
ऊर्जा (W) = P x t
= 1500 W x 10 h
= 15000 Wh
= \(\frac { 15000 }{ 1000 } \)
= 15 kWh उत्तर
प्रश्न 15.
जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है?
उत्तर:
गोलक अथवा पेंडुलम को जब हम उसकी मध्य स्थिति से एक ओर, माना बाईं ओर कुछ ऊपर तक ले जाते हैं तो हमारे द्वारा किया गया कार्य उसमें स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है।
जब गोलक को छोड़ दिया जाता है तो बाएँ-से-दाएँ से मध्य स्थिति तक पहुँचते-पहुँचते गोलक की सारी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है। यह गतिज ऊर्जा गोलक को दाईं ओर उसी ऊँचाई तक ले जाती है जिससे उसकी गतिज ऊर्जा फिर से स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है। इस स्थितिज ऊर्जा के कारण गोलक फिर से दाएँ से मध्य स्थिति की ओर गति करने लगता है। यह क्रम चलता रहता है तथा गोलक या पेंडुलम से दाएँ-बाएँ गति करता रहता है।
कुछ समय पश्चात् गोलक विरामावस्था में आ जाता है क्योंकि इस पर वायु का घर्षण बल कार्य करता है जिसके विरुद्ध कार्य करने में ऊर्जा नष्ट होती रहती है। यह ऊर्जा संरक्षण का उल्लंघन नहीं है।
प्रश्न 16.
m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए?
उत्तर:
m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है, इसलिए इसकी गतिज ऊर्जा \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2 है। इसे विराम अवस्था में लाने के लिए गतिज ऊर्जा जितना कार्य करना पड़ेगा।
प्रश्न 17.
1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/n के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल:
यहाँ पर
कार का द्रव्यमान (m) = 1500kg
कार का वेग (v) = 60 km/h
= \(\frac{60 \times 1000}{3600} \mathrm{~ms}^{-1}\)
= \(\frac { 50 }{ 3 } \)ms-1
अतः कार की गतिज ऊर्जा
= \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2
= 2 x 1500 x \(\frac { 50 }{ 3 } \) x \(\frac { 50 }{ 3 } \)J
ऊर्जा (W) = P x t
= 1500 W x 10 h
= 15000 Wh
= \(\frac { 15000 }{ 1000 } \) kWh
= 15 kWh उत्तर
प्रश्न 15.
जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात विराम अवस्था में क्यों आ जाता है? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन है?
उत्तर:
गोलक अथवा पेंडुलम को जब हम उसकी मध्य स्थिति से एक ओर, माना बाईं ओर कुछ ऊपर तक ले जाते हैं तो हमारे द्वारा किया गया कार्य उसमें स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता है।
जब गोलक को छोड़ दिया जाता है तो बाएँ-से-दाएँ से मध्य स्थिति तक पहुँचते-पहुँचते गोलक की सारी स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा में बदल जाती है। यह गतिज ऊर्जा गोलक को दाईं ओर उसी ऊँचाई तक ले जाती है जिससे उसकी गतिज ऊर्जा फिर से स्थितिज ऊर्जा में बदल जाती है। इस स्थितिज ऊर्जा के कारण गोलक फिर से दाएँ से मध्य स्थिति की ओर गति करने लगता है। यह क्रम चलता रहता है तथा गोलक या पेंडुलम से दाएं-बाएँ गति करता रहता है।
कुछ समय पश्चात् गोलक विरामावस्था में आ जाता है क्योंकि इस पर वायु का घर्षण बल कार्य करता है जिसके विरुद्ध कार्य करने में ऊर्जा नष्ट होती रहती है। यह ऊर्जा संरक्षण का उल्लंघन नहीं है।
प्रश्न 16.
m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिंड पर कितना कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए?
उत्तर:
m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है, इसलिए इसकी गतिज ऊर्जा \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2 है। इसे विराम अवस्था में लाने के लिए गतिज ऊर्जा जितना कार्य करना पड़ेगा।
प्रश्न 17.
1500 kg द्रव्यमान की कार को जो 60 km/h के वेग से चल रही है, रोकने के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
हल:
यहाँ पर
कार का द्रव्यमान (m) = 1500kg
कार का वेग (v) = 60 km/h
= \(\frac{60 \times 1000}{3600} \mathrm{~ms}^{-1}\)
= \(\frac { 50 }{ 3 } \)ms-1
अतः कार की गतिज ऊर्जा
= \(\frac { 1 }{ 2 } \)mv2
= \(\frac { 1 }{ 2 } \) x 1500 x \(\frac { 50 }{ 3 } \) x \(\frac { 50 }{ 3 } \) J
= 208333.3 J
इस प्रकार कार को रोकने के लिए किया जाने वाला कार्य = 208333.3J उत्तर
प्रश्न 18.
निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिंड पर एक बल F लग रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक है, धनात्मक है या शून्य है।
उत्तर:
प्रथम अवस्था में किया गया कार्य शून्य है, दूसरी अवस्था में धनात्मक तथा तीसरी अवस्था में ऋणात्मक है।
प्रश्न 19.
सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है, चाहे उस पर कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं? बताइए क्यों?
उत्तर:
हाँ, हम सोनी की बात से सहमत हैं, क्योंकि जब किसी वस्तु पर कई संतुलित बल लग रहें हो तो बल का कुल प्रभाव शून्य हो जाता है अर्थात् F= 0 इससे पता चलता है कि ma = 0, परंतु कभी शून्य नहीं होता। इसलिए त्वरण शून्य हो सकता है।
प्रश्न 20.
चार युक्तियाँ, जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500W है 10 घंटे तक उपयोग में लाई जाती हैं। इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा kWh में परिकलित कीजिए।
हल:
यहाँ पर चार युक्तियों की कुल शक्ति (P) = 500 W x 4
= 2000 w
समय (t) = 10 घंटे
व्यय ऊर्जा = शक्ति समय
= 2000 W x 10h
= 20000 Wh
= \(\frac { 20000 }{ 1000 } \) kWh
= 20kWh उत्तर
प्रश्न 21.
मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुँचने पर रुक जाता है। इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है?
उत्तर:
इसकी गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।