HBSE 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 1 समानता

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 1 समानता Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 1 समानता

HBSE 7th Class Civics समानता Textbook Questions and Answers

Class 7 Chapter 1 Samanta Civics HBSE प्रश्न 1.
लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:
लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का महत्त्व:
(i) सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार भारत के सभी नागरिकों को प्राप्त है।
(ii) सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के माध्यम से भारत का प्रत्येक नागरिक अपने प्रतिनिधियों का चुनाव स्वयं करता है।
(ii) “सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का विचार” समानता के विचार पर आधारित है, क्योंकि यह घोषित करता है कि देश का प्रत्येक वयस्क स्त्री/पुरुष चाहे उसका आर्थिक स्तर या जाति कुछ भी क्यों न हो, एक वोट का हकदार है।

समानता कक्षा 7 HBSE Civics प्रश्न 2.
नीचे दिए गए संविधान के अनुच्छेद 15 के अंश को पुनः पढ़िए और दो ऐसे उपाय बताइए जिनसे यह अनुच्छेद असमानता को दूर करता है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 के अंश धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
(1) राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी एक के आधार पर कोई विभेद (discrimination) नहीं करेगा।

(2) कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग जन्मस्थान या इनमें से किसी एक के आधार पर
(क) दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश, या
(ख) पूर्णत: या आशनः राज्य-निधि से पोषित या साधारण जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों, स्कूलों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग के संबंध में किसी भी नियोग्यता, दायित्व, निबंधन या शर्त के अधीन नहीं होगा।
उत्तर:
अनुच्छेद 15 के द्वारा असमानता को दूर करने के तरीके:
(1) राज्य किसी नागरिक के विरूद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान, या इनमें से किसी के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करेगा।
(2 कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्म-स्थान या इनमें से किसी के आधार पर किसी व्यक्ति को दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों और सार्वजनिक मनोरजन के स्थानों में प्रवेश करने से वंचित नहीं कर सकता पूर्णतः अशतः राज्य विधि से निर्मित कुँआ. तालाबों, स्नानघरों, सड़कों और सार्वजनिक सभागम के स्थानों के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता।

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समानता Class 7 Chapter 1 Civics HBSE प्रश्न 3.
ओमप्रकाश वाल्मीकि का अनुभव, अंसारी दंपत्ति के अनुभव से किस प्रकार मिलता था?
उत्तर:
ओमप्रकाश बाल्मीकि और अंसारी दंपति का अनुभव निम्न रूप से समान था:
(i) ओमप्रकाश वाल्मीकि के साथ असमानता का व्यवहार जातिगत कारणों से किया गया था, जबकि अंसारी दंपति के साथ असमानता का व्यवहार धार्मिक कारणों से किया गया था।

(ii) ओम प्रकाश वाल्मीकि को समाज के अन्य उच्च वर्गों के छात्रों से अलग फर्श पर बैठना पड़ता था और शिक्षकों के द्वारा भी उससे झाडू लगवाया जाता था, उसी तरह से अंसारी दंपति को भी लोग अपने मकान में कमरा नहीं देना चाहते थे।

प्रश्न 4.
“कानून के सामने एक व्यक्ति बराबर है।” इस कथन से आप क्या समझते हैं? आपके विचार से यह लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर:

  • कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर हैं-इस कथन से मैं यह समझता हूँ कि धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर कानून की नजर में सभी बराबर हैं। यह (कानून) विभेद (Discrimination) पर प्रतिषेध (Prohibit) लगाता है।
  • सभी लोग एक जैसे कानून का पालन करते हैं। राज्य जो भी कानून बनाता है या लागू करता है वह सभी व्यक्तियों पर समान रूप से लागू होता है।
  • प्रत्येक व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर जा सकता है जिसमें खेल के मैदान, होटल, दुकानें और बाजार इत्यादि शामिल हैं।
  • कानून के द्वारा अस्पृश्यता का उन्मूलन कर दिया गया है।

प्रश्न 5.
भारत सरकार ने 1995 में विकलांगता अधिनियम स्वीकृत किया था। यह कानून कहता है कि विकलांग व्यक्तियों (handicaps or the people facing physical challenges) को भी समान अधिकार प्राप्त हैं और समाज में उनकी पूरी भागीदारी संभव बनाना सरकार का दायित्व है। सरकार को उन्हें निःशुल्क शिक्षा देनी है और विकलांग बच्चों को स्कूलों की मुख्यधारा (ordinary or general students) में सम्मिलित करना है। कानून यह भी कहता है कि सभी सार्वजनिक स्थल, जैसे-भवन, स्कूल आदि में दालान बनाए जाने चाहिए, जिससे वहाँ विकलांगों के लिए पहुंचना सरल हो।

चित्र को देखिये और उस बच्चे के बारे में सोचिये, जिसे सीढ़ियों से नीचे लाया जा रहा है। क्या आपको लगता है कि इस स्थिति में विकलांगता का कानून लागू किया जा रहा है? वह भवन में आसानी से आ-जा सके, उसके लिए क्या करना आवश्यक है? उसे उठाकर सीढ़ियों से उतारा जाना, उसके सम्मान और उसकी सुरक्षा को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर:
इसके लिए एक पर्याप्त चौड़ा, पक्का ढलवा (Slope) फर्श (या रैम्प) बनाया जाना चाहिए। विकलांग को आने-जाने के लिए विशेष रूप से पहिए वाली कुर्सी बनाई जानी चाहिए ताकि वह सम्मानपूर्वक स्वयं सुरक्षित ढंग से भवन या कक्ष में आ-जा सके।
HBSE 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 1 समानता-1
उनके लिए भवन में विशेष सुविधाजनक शौचालय भूतल (Ground floor) पर ही होने चाहिए। ये सुविधाएँ सभी विद्यालयों, अस्पतालों, पार्कों आदि में होना जरूरी है। विकलांगों के लिए विशेष बस और यातायात की व्यवस्था भी की जानी चाहिए और उन्हें बैठने के लिए उनकी शारीरिक चुनौतियों के अनुसार कुर्सी आदि भी दी जानी चाहिए।

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बहविकल्पी प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनें:
(i) हमारे देश में सभी को वोट देने का अधिकार है:
(क) समान
(ख) असमान
(ग) केवल पुरुषों को
उत्तर:
(क) समान।

(ii) सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का विचार किस विचार पर आधारित है?
(क) जो बहुत प्रसिद्ध हो।
(ख) जो बहुत शक्तिसंपन्न हो
(ग) जनसेवा जिसका ध्येय हो
उत्तर:
(ग) जनसेवा जिसका ध्येय हो।

(iii) हमें केवल उसी व्यक्ति को वोट देना चाहिए:
(क) स्वतंत्रता
(ख) समानता
(ग) आर्थिक न्याय
उत्तर:
(ख) समानता।

(iv) ओम प्रकाश वाल्मीकि को विद्यालय के प्रांगण में झाड़ लगाने को कहा गया:
(क) जातिगत कारणों से
(ख) शैक्षणिक कारणों से
(ग) सुधारात्मक कारणों से
उत्तर:
(क) जातिगत कारणों से।

(v) देश के राष्ट्रपति से लेकर घरेलू नौकरानी तक सभी को एक जैसे कानून का पालन करना होता है। इसका अभिप्राय है:
(क) अस्पृश्यता उन्मूलन
(ख) जातिगत भेदभाव का निवारण
(ग) कानून के समक्ष समानता
उत्तर:
(ग) कानून के समक्ष समानता।

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरें:
(i) ओम प्रकाश वाल्मीकि एक ………………….. लेखक हैं।
(ii) रोजा पास एक ……………….. महिला थी।
(iii) समानता की स्थापना के लिए ……………………….. का उन्मूलन किया गया है।
(iv), प्रत्येक काम की अपनी गरिमा है इसलिए उसका भुगतान ………………….. के साथ किया जाना चाहिए।
(v) ………………… जीवन का सबसे जरूरी हिस्सा है।
उत्तर:
(i) दलित
(ii) अफ्रीकी-अमेरिकन
(iii) अस्पृश्यता
(iv) आदर
(v) आत्म-सम्मान।

प्रश्न 3.
सही व गलत कथन का चयन करें:
(i) जूठन’ ओम प्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा है।
(ii) ‘दलित’ शब्द का अर्थ है-कुचला हुआ या टूटा हुआ।
(iii) संविधान का अनुच्छेद 21 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग व जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है।
(iv) मध्याह्न भोजन कार्यक्रम सर्वप्रथम केरल में आरंभ किया गया।
(v) रोजा पास की विद्रोही प्रतिक्रिया ने अमेरिकी इतिहास की दिशा बदल दी।
उत्तर:
(i) जूठन’ ओम प्रकाश वाल्मीकि की आत्मकथा है। ✓
(ii) ‘दलित’ शब्द का अर्थ है-कुचला हुआ या टूटा हुआ। ✓
(iii) संविधान का अनुच्छेद 21 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग व जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है। ✗
(iv) मध्याह्न भोजन कार्यक्रम सर्वप्रथम केरल में आरंभ किया गया। ✗
(v) रोजा पास की विद्रोही प्रतिक्रिया ने अमेरिकी इतिहास की दिशा बदल दी। ✓

HBSE 7th Class Civics समानता Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत की एक सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक विशेषता लिखिए।
उत्तर:
भारत एक लोकतंत्रीय देश है। यह संसदात्मक, संबीय, उदारवादी लोकतंत्र है।

प्रश्न 2.
भारतीय लोकतंत्रीय सरकार के चार मुख्य तत्त्वों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारतीय लोकतंत्रीय सरकार के मुख्य तत्त्व निम्नलिखित हैं-
1. सरकार में लोगों की भागीदारी।
2. संघर्षों का शांतिपूर्ण समाधान।
3. समानता (Equality) या समता।
4. न्याय (Justice): सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक न्याय।

प्रश्न 3.
लोकतंत्र की मुख्य विशेषता लिखिए।
उत्तर:
समानता, लोकतंत्र की मुख्य विशेषता है।

प्रश्न 4.
प्रतिनिधित्व की दृष्टि से भारतीय संसद का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
संसद हमारे लोकतंत्र का आधार स्तंभ है और हम अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से उसमें प्रतिनिधित्व पाते हैं।
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प्रश्न 5.
घरेलू काम-काज करने वाली महिलाओं की दशा सुधारने के लिए कोई दो सुझाव दीजिए।
उत्तर:
(i) सरकार को उन्हें मुफ्त बस आवागम्पन पास देना चाहिए।
(ii) घर पर काम लेने वाले मालिकों को उन्हें साप्ताहिक – छुट्टी देनी चाहिए।

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लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
असमानता के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
(i) जाति के आधार पर भेद-भाव करना जैसे-अंतर्जातीय विवाहों को कुछ रूढ़िवादी लोग आज भी मान्यता नहीं देते।
(ii) लैंगिक आधार पर असमानता जैसे-पुत्री के जन्म से पूर्व हो मेडिकल (चिकित्सा जाँच) टेस्ट कराकर मार देना, जन्म के उपरांत परिवार में बेटी और बेटे के भरण-पोषण में भेद-भाव करना।
(iii) धर्म, मूलवंश, जन्मस्थान के आधार पर सरकारी नौकरियों या शिक्षा संस्थाओं या प्रशिक्षण केंद्रों में भेद-भाव करना।
(iv) आर्थिक आधार पर असमानता कि धनी और अधिक धनी होते जाएँ, गरीब और गरीब होते जाएँ तथा जीवन स्तर को मौलिक सुविधाओं और गुणवत्ता (quality) में जमीन-आसमान का अंतर।

प्रश्न 2.
“जातिगत भेव-भाव भारतीय-प्रमीण और शहरी-दोनों क्षेत्रों में पाया जाता है।” एक सार्थक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
भारतीय लोकतंत्र में रहते हुए हम महसूस करते हैं कि आज संविधान के लागू होने के लगभग 57 वर्षों के बाद भी जातिगत व्यवस्था और भेद-भाव ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में है। गाँव में तो अभिभावक और परिवार के वरिष्ठ सदस्य स्पष्ट रूप से बच्चों को निर्देश दे देते है कि अमुक व्यक्ति के हाथ का छुआ नहीं खाना क्योंकि वे अनुसूचित जाति के हैं। गाँव में तथाकथित निम्न जाति के लोग स्वयं हिम्मत करके ऊंची जाति के लोगों से लेन-देन (विवाह के निमंत्रण देना या घर की पक्की वस्तु उन्हें भेंट में देना) आदि नहीं करते। लेकिन जातिगत व्यवस्था शहरों में भी होती है इसका प्रमाण समाचार पत्रों में दिए गए विवाह से संबंधित विज्ञापन को देखने से स्पष्ट हो जाता है। ब्राह्मण, ब्राह्मण जाति में ही अपने बच्चों के विवाह करना चाहते हैं। क्षत्रिय, क्षत्रिय में और खत्री, खत्री में और वैश्य, वैश्य में। अंतर्जातीय विवाह को आज भी सम्मानपूर्वक नहीं देखता।

प्रश्न 3.
‘दलित’ शब्द का क्या अर्थ है? दलितों की स्थिति को सुधारने के लिए कुछ सुझाव दीजिए।
उत्तर:
दलित एक ऐसा शब्द है, जो तथाकथित नीची जाति के कहे जाने या समझे वाले लोग स्वयं को संबोधित करने के लिए प्रयोग में लाते हैं। दलित का अर्थ होता है-कुचला हुआ या टूटा हुआ।
सुझाव (Suggestions): भारतीय लोकतंत्र में समानता के महत्त्व के बारे में सभी माध्यमों- पाठशालाओं, महाविद्यालयों, राजनैतिक दलों, चुनाव के दौरान, मंत्रिमंडल के गठन के दौरान ऐसा व्यवहार किया जाना चाहिए ताकि पूरे देश में कानून की समानता सही अर्थों में स्थापित हो।

निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में उन्हें योग्यता होने पर प्राथमिकता के आधार पर नौकरियों मिलनी चाहिएँ। नौकरी के दौरान भी उच्च जाति के लोग उनसे भेद-भाव न करें। खेलों की टीमों में स्थान, सार्वजनिक स्थानों के प्रयोग, शिक्षा संस्थान में प्रवेश, विशेष आर्थिक मदद, विशेष सहायता शिक्षा प्रदान करने वाले केंद्रों के साथ-साथ प्रशिक्षण व्यवस्थाएँ भी दी जानी चाहिएँ।

केंद्र और राज्य सरकारें अंतर्जातीय विवाह करने वाले लोगों को पूरा संरक्षण, सहयोग और गैर-सरकारी संगठन विशेषकर हिंदू धर्म से जुड़े संगठन उन्हें सार्वजनिक रूप से प्रेत्साहन और वित्तीय सहायता दें।

प्रश्न 4.
“भारतीय संविधान सब व्यक्तियों को समान मानता है।” इसे लगभग आठ पंक्तियों या वाक्यों में समझाइए।
उत्तर:
भारतीय संविधान में समानता (Equality in Indian Constitution):
भारतीय संविधान (The Constitution of India) सब व्यक्तियों को समान मानता है। इसका अर्थ है कि देश के व्यक्ति चाहे वे पुरुष हों या स्त्री, किसी भी जाति, धर्म, शैक्षिक और आर्थिक पृष्ठभूमि (Background) से संबंध रखते हों, वे सब समान माने जाएंगे। लेकिन इसके बाद भी हम यह नहीं कह सकते हैं कि असमानता खत्म हो गई है। यह खत्म नहीं हुई है, फिर भी कम-से-कम भारतीय संविधान में सब व्यक्तियों की समानता के सिद्धांत को मान्य किया गया है। जहाँ पहले भेदभाव और दुर्व्यवहार से लोगों की रक्षा करने के लिए कोई कानून नहीं था. अब अनेक कानून लोगों के सम्मान तथा उनके साथ समानता के व्यवहार को सुनिश्चित (Definite) करने के लिए मौजूद हैं।

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दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
शासन ने संविधान द्वारा मान्य किए गए समानता के अधिकार को किस तरह दो प्रकार से लागू किया है? समझाइए।
उत्तर:
भारत में संविधान द्वारा मान्य किए गए समानता के अधिकार को दो तरह से लागू किया है:
(i) कानून के द्वारा और
(ii) सरकार की योजनाओं व कार्यक्रमों द्वारा सुविधाहीन समाजों की मदद करके। भारत में ऐसे अनेक कानून हैं. जो व्यक्तियों के समान व्यवहार प्राप्त करने के अधिकार की रक्षा करते हैं।

उदाहरण (Example):
(i) उदाहरणार्थ सन् 1989 में सरकार ने विशेष रूप से दलितों और आदिवासियों (Scheduled tribes) के विरुद्ध होने वाली हिंसा को रोकने के लिए कानून बनाया। इस प्रकार की हिंसात्मक घटनाओं का रिकॉर्ड रखने के लिए विशेष पुलिस कक्ष स्थापित किए गए और कठोर दंड की व्यवस्था की गई।

(ii) कानून के साथ-साथ सरकार ने उन समाजों, जिनके साथ सैकड़ों वर्षों तक असमानता का व्यवहार हुआ है, का जीवन सुधारने के लिए अनेक कार्यक्रम और योजनाएं लागू की हैं। ये योजनाएँ यह सुनिश्चित करने के लिए चलाई गई हैं कि जिन लोगों को अतीत में अवसर (Opportunities) नहीं मिले, उन्हें अधिक अवसर प्राप्त हों।

प्रश्न 2.
भारत के अतिरिक्त विश्व के अन्य लोकतंत्रों में समानता के सवालों को कैसे हल किया गया या किए जा रहे हैं? समझाइए।
उत्तर:
भारत के अतिरिक्त विश्व के ज्यादातर लोकतंत्रीय देशों में भी समानता के सवालों पर संघर्ष होते रहे हैं या अभी भी हो रहे हैं।
उदाहरण (Example):
उदाहरणार्थ संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) विश्व का सबसे धनी और विकसित लोकतांत्रिक देश है लेकिन उसमें अफ्रीकी-अमेरिकन लोग जिनके पूर्वज गुलाम (Slaves) थे और अफ्रीका से लाए गए थे, आज भी अपने जीवन को मुख्य रूप से असमान बताते हैं जबकि 1950 के अंतिम दशक में अफ्रीकी-अमेरिकनों को समान अधिकार दिलाने के लिए आंदोलन हुआ था। इससे पहले अफ्रीकी-अमेरिकनों के साथ संयुक्त राज्य में बहुत असमानता का व्यवहार होता था और कानून भी उन्हें समान नहीं मानता था।

उदाहरण के लिए बस से यात्रा करते समय उन्हें बस में पीछे बैठना पड़ता था या जब भी कोई गोरा आदमी बैठना चाहे. उन्हें अपनी सीट से (रेल या बस में) उठ जाना पड़ता था।

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समानता Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार (Universal Adult Franchise): यह एक लोकतंत्रीय समाज का अत्यंत महत्त्वपूर्ण पहलू है। इसका अर्थ है कि सभी वयस्क (18 वर्ष एवं उससे अधिक आयु के) नागरिकों को वोट (मत) देने का अधिकार है, चाहे उनकी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।

2. गरिमा (Dignity): इसका तात्पर्य (आशय) अपने-आपको और दूसरे व्यक्तियों को सम्मान योग्य समझने से है।

3. संविधान (Constitution): यह वह दस्तावेज़ (documents) है, जिसमें देश की जनता व सरकार द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों और अधिनियमों (Acts) को निरूपित किया गया है।

4. नागरिक अधिकार आंदोलन (Civil Rights Movement): एक आंदोलन, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में 1950 के दशक के अंत में प्रारंभ हुआ और जिसमें अफ्रीकी-अमेरिकन लोगों ने नस्लगत (जातीय) भेदभाव को समाप्त करने और समान अधिकारों की माँग की।

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