Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 3 रेशों से वस्त्र तकग Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 3 रेशों से वस्त्र तकग
HBSE 7th Class Science रेशों से वस्त्र तकग InText Questions and Answers
बूझो / पहेली
प्रश्न 1.
बूझो को आश्चर्य होता है कि जब कोई उसके बालों को खींचता है, तो दर्द होता है, परन्तु जब वह बाल कटवाता है, तब दर्द नहीं होता है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
यदि कोई हमारे बाल खींचता है तो इससे दर्द इसलिए होता है, क्योंकि बालों की जड़ें त्वचा से जुड़ी होती हैं। लेकिन बालों को कटवाने में सिर्फ इनके सिरे ही काटे जाते हैं, जो कि मृत हैं इसलिए बाल कटवाने में दर्द का अनुभव नहीं होता है।
प्रश्न 2.
बूझो यह जानने को उत्सुक है कि सर्दियों में सूती कपड़े हमें उतना गर्म क्यों नहीं रख पाते हैं, जितना ऊनी स्वेटर रखता है।
उत्तर:
सूती कपड़े पतले होने के कारण इनमें हवा नहीं भरती। ऊन सूती कपड़ों की अपेक्षा मोटी होती है और इसके बीच जगह होती है जिसमें हवा भर जाती है। हवा ऊष्मा की कुचालक होने के कारण शरीर की ऊष्मा को बाहर नहीं जाने देती। इसलिए हमें सर्दियों में ऊनी कपड़े आरामदायक लगते हैं।
प्रश्न 3.
पहेली जानना चाहती है कि क्या कपास के धागे और रेशम के धागे की कताई और बुनाई एक ही प्रकार से की जाती है?
उत्तर:
नहीं, रेशम के धागे स्वतः ही काफी लम्बे होते
HBSE 7th Class Science रेशों से वस्त्र तकग Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
सम्भवतः आपने नर्सरी कक्षा में निम्नलिखित पंक्तियाँ पढ़ी होंगी
(क) ‘बा बा ब्लेक शीप हेव यू एनी वूल’
(ख) ‘मेरी हेड ए लिट्ल लैम्ब, हूज फ्लीस वाज व्हाइट एज स्नो’
ऊपर लिखी पंक्तियों के आधार पर यह बताइए कि
(i) ब्लैक शीप (काली भेड़) के किन भागों में ऊन होती है?
(ii) मेमने (लैम्ब) के सफेद रोमों का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
(क) (i) सामान्यतः भेड़ों की पीठ तथा पेट पर ऊन होती है।
(ख) (ii) मेमने के शरीर पर सफेद बाल पाए जाते हैं। इन्हें सफेद रोम भी कहते हैं। इनसे ऊन तैयार की जाती है।
प्रश्न 2.
रेशम कीट (अ) कैटरपिलर, (ब) लार्वा हैं। सही विकल्प चुनिए।
(क) केवल (अ)
(ख) केवल (ब)
(ग) (अ) और (ब)
(घ) न ही (अ) और न (ब)।
उत्तर:
(क) केवल (अ)।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से किससे ऊन प्राप्त नहीं होती?
(क) याक
(ख) ऊँट
(ग) बकरी
(घ) घने बालों वाला कुत्ता।
उत्तर:
(घ) घने बालों वाला कुत्ता।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का क्या अर्थ है?
(क) पालन
(ख) ऊन कटाई
(ग) रेशम कीट पालन
उत्तर:
(क) पालन-जन्तुओं को उनसे कुछ वस्तुओं की प्राप्ति के लिए उनकी देखभाल करना पालन कहलाता है।
- भेड़ो का पालना भड़ पालन है।
- गड़रिए भड़ा को चराने ले जाते हैं।
- भेड़ों को खिलाना, पिलाना, गर्मी, सर्दी से बचाना, इनकी सुरक्षा करना पालन के अंतर्गत आता है।
(ख) ऊन कटाई-भेड़ों के बालों को त्वचा से उतारने की प्रक्रिया ऊन की कटाई कहलाती है। भेड़ के बाल उतारने के लिए मशीन का प्रयोग किया जाता है। प्रायः बालों को गर्मी के मौसम में काटा जाता है। ऊन काटने से भेड़ को कोई हानि नहीं होती है।
(ग) रेशम कीट पालन-रेशम प्राप्त करने के लिए रेशम के कीटों का पाला जाना रेशम कीट पालन कहलाता है। रेशम कीट पालन एक पुराना व आर्थिक महत्व का व्यवसाय है।
प्रश्न 5.
ऊन के संसाधन के विभिन्न चरणों के क्रम में कुछ चरण नीचे दिये गये हैं। शेष चरणों को उनके सही क्रम में लिखिए।
ऊन कटाई, ………….., छंटाई …………, …………..।
उत्तर:
1, ऊन कटाई, 2, अभिमार्जन, 3. छैटाई, 4. रीलिंग, 5. रंगाई।
प्रश्न 6.
रेशम कीट के जीवन-चक्र की उन दो अवस्थाओं के चित्र बनाइए जो प्रत्यक्ष रूप से रेशम के उत्पादन से सम्बन्धित हैं।
उत्तर:
प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से कौन-से दो शब्द रेशम उत्पादन से सम्बन्धित हैं?
रेशम कीट पालन, पुष्प कृषि, शहतूत कृषि, मधुमक्खी पालन, वनवर्धन।
संकेत :
(i) रेशम उत्पादन में शहतूत की पत्तियों की खेती और रेशम कीटों को पालना सम्मिलित है।
(ii) शहतूत का वैज्ञानिक नाम मोरस एल्बा है।
उत्तर:
(i) रेशम कीट पालन
(ii) शहतूत की खेती।
प्रश्न 8.
कॉलम A में दिये शब्दों को कॉलम B में दिये गये वाक्यों से मिलाइए-
कॉलम A | कॉलम B |
(क) अभिमार्जन | (i) रेशम फाइबर उत्पन्न |
(ख) शहतूत की पत्तियाँ | (ii) ऊन देने वाला जंतु |
(ग) याक | (iii) रेशम कीट का भोजन |
(घ) कोकून | (iv) रीलिंग |
(v) काटी गई ऊन की सफाई |
उत्तर:
कॉलम A | कॉलम B |
(क) अभिमार्जन | (v) काटी गई ऊन की सफाई |
(ख) शहतूत की पत्तियाँ | (iii) रेशम कीट का भोजन |
(ग) याक | (ii) ऊन देने वाला जंतु |
(घ) कोकून | (i) रेशम फाइबर उत्पन्न |
प्रश्न 9.
इस पाठ पर आधारित एक वर्ग पहेली दी गई है। रिक्त स्थानों को उन अक्षरों से भरने । के लिए संकेतों का उपयोग करिए, जो अक्षर को पूरा करते है।
सीधे
2. कार्तित ऊन को अच्छी तरह से धोने का प्रक्रम
3. एक प्रकार का जांतव रेशा
6. लम्बी धागे जैसी संरचना जिससे बुनकर वस्त्र बनाते हैं।
ऊपर से नीचे
1. इससे बुने वस्त्र शरीर को गरम रखते हैं।
4. इसकी पत्तियों को रेशम कीट खाते हैं
5. रेशम कीट के अंडे से निकलते हैं।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science प्राणियों में पोषण Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
1. निम्न में से कौन-सा जान्तव रेशा नहीं है?
(क) ऊन
(ख) रेशम
(ग) पटसन
(घ) ये सभी
उत्तर:
(ग) पटसन
2. भेड़ की रोंयेदार त्वचा पर कितने प्रकार के बाल होते
(क) एक प्रकार के
(ख) दो प्रकार के
(ग) तीन प्रकार के
(घ) चार प्रकार के
उत्तर:
(ख) दो प्रकार के
3. पश्मीना शालों को बनाने के लिए ऊन प्राप्त होती है
(क) भेड़ से
(ख) याक से
(ग) बकरी से
(घ) ऊँट से
उत्तर:
(ग) बकरी से
4. लामा एवं ऐल्पेको पाए जाते हैं
(क) भारत में
(ख) अफगानिस्तान में
(ग) चीन में
(घ) दक्षिण अमेरिका में
उत्तर:
(घ) दक्षिण अमेरिका में
5. कैटरपिलर का भोजन है
(क) सूक्ष्म कीट
(ख) फलों का रस
(ग) शहतूत की पत्तियाँ
(घ) मकरन्द
उत्तर:
(ग) शहतूत की पत्तियाँ
II. रिक्त स्थान निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. उन्नत नश्ल की भेड़ों को ………… द्वारा उत्पन्न किया जाता है।
2. आजकल अभिमार्जन ………… द्वारा किया जाता है।
3. कैटरपिलर अपने जीवन चक्र की अगली अवस्था में प्रवेश करने के लिए तैयार होता है तब यह …………. कहलाता है।
4. सबसे सामान्य रेशम कीट ………… है।
उत्तर:
1. वरणात्मक प्रजनन
2. मशीनों
3. प्यूपा/कोशित
4. शहतूत रेशम कीट।
III. सुमेलन कॉलम A तथा कॉलम B के शब्दों का मिलान कीजिए-
कॉलम A | कॉलम B |
1. प्यूपा | (a) सिल्क |
2. मादा रेशम कीट | (b) अण्डे |
3. कैटरपिलर | (c) रेशम |
4. रेशम | (d) शहतूत की पत्ती |
उत्तर:
कॉलम A | कॉलम B |
1. प्यूपा | (c) रेशम |
2. मादा रेशम कीट | (b) अण्डे |
3. कैटरपिलर | (d) शहतूत की पत्ती |
4. रेशम | (a) सिल्क |
IV. सत्य / असत्य
निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए
1, भेड़ शाकाहारी होती है और वह घास व पत्तियाँ खाना पसंद करती है।
2. कैटरपिलर को भोजन की आवश्यकता नहीं होती है।
3. ऊन ऊष्मा की कुचालक होती है।
4. रेशम स्टील के तार के समान ही मजबूत होता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
3. सत्य
4. सत्य।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
हमें शरीर के कौन से बाल रूखे तथा कौन-से बाल मुलायम प्रतीत होते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
हमें सिर के बाल रूखे और शरीर के बाल मुलायम प्रतीत होते हैं।
प्रश्न 2.
क्या हमारी तरह जन्तुओं के शरीर पर भी दो प्रकार के बाल पाए जाते हैं? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
हाँ, जन्तुओं के शरीर पर भी दो प्रकार के बाल होते हैं।
प्रश्न 3.
जन्तुओं के इन दो प्रकार के बालों के नाम बताइए।
उत्तर:
- दाड़ी के रूखे बाल
- त्वचा के मुलायम बाल।
प्रश्न 4.
हमें अंगोरा ऊन किस जानवर से प्राप्त होती है?
उत्तर:
अंगोरा ऊन अंगोरा नस्ल की बकरियों से प्राप्त की जाती है।
प्रश्न 5.
पश्मीना शॉलें कहाँ बनायी जाती हैं?
उत्तर:
कश्मीर में।
प्रश्न 6.
सर्दियों में भेड़ों से बाल क्यों नहीं उतारने चाहिए? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
बाल भेड़ों को सर्दियों में ठंड से बचाते हैं। सर्दी में बाल उतरवाने के कारण भेड़ों को ठंड लग सकती है।
प्रश्न 7.
कैटरपिलर किसे कहते हैं?
उत्तर:
रेशम कीट के अण्डों में से निकले हुए लार्वा – कैटरपिलर कहलाते हैं।
प्रश्न 8.
प्यूपा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जब कैटरपिलर अपने जीवन-चक्र की अगली अवस्था में प्रवेश करने के लिए तैयार होता है तो यह एक खोल में बंद हो जाता है, इसे प्यूपा कहते हैं।
प्रश्न 9.
रेशम के रेशे किस प्रकार उपयोगी हैं?
उत्तर:
रेशम फाइबर को रेशमी वस्त्र बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 10.
कृत्रिम रेशम और शुद्ध रेशम ऊन किन पदार्थों की बनी होती है। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
कृत्रिम रेशम रासायनिक पदार्थों की बनी होती है। जबकि शुद्ध रेशम तथा ऊन प्रोटीन की बनी होती है।
प्रश्न 11.
वरणात्मक प्रजनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जनकों के चयन करके प्रजनन कराने की प्रक्रिया को वरणात्मक प्रजनन कहते हैं।
प्रश्न 12.
जन्तुओं के शरीर पर घने बालों का क्या लाभ है?
उत्तर:
बाल जन्तुओं को ठंड से बचाते हैं।
प्रश्न 13.
सेरीकल्चर किसे कहते हैं?
उत्तर:
रेशम कीट पालन को सेरीकल्चर कहते हैं?
प्रश्न 14.
अभिमार्जन किसे कहते हैं?
उत्तर:
भेड़ से उतारे गये बालों की सफाई को अभिमार्जन कहते हैं?
प्रश्न 15.
रीलिंग किसे कहते हैं?
उत्तर:
कोकून से रेशे निकालने के बाद धागे बनाने की प्रक्रिया रीलिंग कहलाती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में पायी जाने वाली भेड़ों की कुछ प्रजातियों के नाम बताइए। उनसे प्राप्त होने वाली ऊन का प्रकार तथा किस राज्य में पायी जाती हैं? बताइए। (क्रियाकलाप)
उत्तर:
भेड़ों की भारतीय नस्ल
नस्ल | उन की गुणवत्ता | राज्य जहाँ पाई जाती हैं |
1. मारवाड़ी | मोटी/रुक्ष ऊन | गुजरात |
2. लोही | अच्छी गुणवत्ता की ऊन | राजस्थान, पंजाब |
3. रामपुर बुशायर | भूरी ऊन | उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश |
प्रश्न 2.
कृत्रिम रेशम और प्राकृतिक रेशम में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
कृत्रिम रेशम एवं प्राकृतिक रेशम में अन्तर
कृत्रिम रेशम | प्राढृतिक रेशम |
(i) कृत्रिम रेशम रासायनिक पदार्थों से बनता है। | (i) प्राकृतिक रेशम, कीटों से प्राप्त होता है। |
(ii) यह बहुत रूक्ष होता है। | (ii) यह बहुत मुलायम होता है। |
(iii) यह प्राकृतिक रेशम की अपेक्षा कमजोर होता है। | (iii) यह बहुत मजबूत होता है। |
(iv) इसे बनाने में कम समय लगता है। | (iv) इसे बनाने में अधिक समय लगता है। |
(v) इसे वृर्तिम रूप से चमकाया जाता है। | (v) इसमें प्राकृतिक चमक होती है। |
प्रश्न 3.
रेशम कीट पालन पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
मादा रेशम कीट एक बार में सैकड़ों अण्डे देती है। अण्डों को सावधानी से कपड़े की पट्टियों अथवा कागज पर संग्रहीत किया जाता है। संग्रहीत अण्डे रेशम कीट पालकों को बेच दिये जाते हैं। रेशम कीट पालक इन अण्डों को अनुकूल दशाओं एवं उचित ताप तथा आर्द्रता की स्थितियों में रखते हैं। अण्डों से निकले लार्वाओं को शहतूत की पत्तियाँ खिलाई जाती हैं।
प्रश्न 4.
कोकून से रेशम किस प्रकार प्राप्त किया जाता है?
उत्तर:
सबसे पहले रेशम कीट के कोकूनों का सावधानीपूर्वक चयन कर लिया जाता है। ध्यान रखा जाना चाहिए कि यदि कोकून से कीट कोकून को तोड़कर बाहर आ जाता है तो रेशम बेकार हो जाता है। एकत्र कोकून को गर्म पानी में डुबो दिया जाता है जिससे उनके अन्दर कीट मर जाते हैं। अब रेशम के तारों की रीलिंग कर ली जाती है।
प्रश्न 5.
ऊन उद्योग में व्यावसायिक संकट क्या है?
उत्तर:
ऊन उद्योग हमारे देश में अनेक व्यक्तियों के लिए जीविकोपार्जन का एक महत्वपूर्ण साधन है। लेकिन छंटाई करने वालों का कार्य जोखिम भरा है क्योंकि कभी-कभी वे एन्थ्रेक्स नामक जीवाणु द्वारा संक्रमित हो जाते हैं, जो एक घातक रक्त रोगकारक है। जिसे सॉर्टर्स रोग कहते हैं। किसी भी उद्योग में कारीगरों द्वारा ऐसे जोखिमों को झेलना व्यावसायिक संकट कहलाता है।
प्रश्न 6.
भेड़ के अलावा किन-किन जन्तुओं से ऊन प्राप्त की जाती है? ये कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर:
ऊन प्रदान करने वाले जन्तु
याक-यह तिब्बत और लद्दाख में पाया जाता है। अंगोरा बकरी-जम्मू एवं कश्मीर में पायी जाती है। ऊँट राजस्थान में पाया जाता है। लामा और ऐल्पेको ये दक्षिणी अमेरिका में पाए जाते हैं।
दीर्य उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रेशों से ऊन संसाधित करने की प्रक्रिया समझाइए।
उत्तर:
रेशों से ऊन एक लम्बी प्रक्रिया द्वारा तैयार की जाती है। इसके प्रमुख चरण निम्न प्रकार हैं.
1. कटाई – सबसे पहले भेड़ के बालों को त्वचा की पतली परत के साथ शरीर से उतार लिया जाता है। इसके लिए मशीनें उपयोग की जाती हैं।
2. अभिमार्जन – त्वचा सहित उतारे गये बालों को टंकियों में डालकर अच्छी तरह से धोया जाता है जिससे उनकी चिकनाई, धूल और गर्द निकल जाए। यह क्रिया अभिमार्जन कहलाती है। आजकल मशीनों द्वारा भी अभिमार्जन किया जाता है।
3. छंटाई – इस प्रक्रिया के लिए बालों को कारखानों में भेज दिया जाता है। जहाँ विभिन्न गठन वाले बालों को छाँटा जाता है।
4. रेशों को छाँटना – बालों को सुखाने से पहले उनमें से कोमल व फूले हुए रेशों को छाँट लिया जाता है जो बर कहलाते हैं। इन्हें सुखाकर धागों के रूप में कातकर ऊन तैयार की जाती है।
5. रंगाई – अब रेशों की विभिन्न रंगों से रंगाई की जाती है।
प्रश्न 2.
रेशम कीट के जीवन-चक्र का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
रेशम कीट के नर एवं मादा कोट अलग-अलग होते हैं। ये दोनों ही पंख वाले होते हैं। मादा कीट शहतूत की पत्तियों पर एक बार में सौ से अधिक अण्डे देती है। अण्डों से रेशम कीट का लार्वा निकलता है जिसे कैटरपिलर कहते हैं। कैटरपिलर शहतूत की पत्तियों को खाता है और आकार में वृद्धि करता है। खूब पत्तियाँ खाकर यह अब शिथिल होने लगता है। अपनी उदर ग्रन्थि से यह प्रोटीन से बना पदार्थ स्रावित करके स्वयं को लगातार ढकता जाता है। इस प्रकार यह अपने ऊपर एक गोलाकार खोल बना लेता है। इस खोल सहित कीट को कोकून कहते हैं। कुछ समय पश्चात् पंखों वाला रेशम कीट कोकून को तोड़कर बाहर निकल आता है तथा पुनः अपना जीवन-चक्र प्रारम्भ करता है।
प्रश्न 3.
रेशम का संसाधन कैसे किया जाता है?
उत्तर:
रेशम का संसाधन:
रेशम फाइबर प्राप्त करने के लिए कोकूनों की बड़ी ढेरी का उपयोग किया जाता है। वयस्क कीट में विकसित होने से पहले ही कोकूनों को धूप में रखा जाता है अथवा पानी में उबाला जाता है या गर्म भाप में रखा जाता है। इस प्रक्रम में रेशम के फाइबर पृथक् हो जाते हैं। रेशम के रूप में उपयोग के लिए कोकून में से रेशे निकालने के पश्चात् उनसे धागे बनाने की प्रक्रिया रेशम की रीलिंग कहलाती है। रीलिंग विशेष मशीनों से की जाती है जो कोकून में से फाइबर या रेशों को निकालती हैं। फिर रेशम के फाइबरों की कताई की जाती है, जिससे रेशम के धागे प्राप्त हो जाते हैं। बुनकरों द्वारा रेशम के इन्हीं धार्गों से वस्त्र बुने जाते हैं।
रेशों से वस्त्र तकग Class 7 HBSE Notes in Hindi
→ जांतव रेशे – जन्तुओं से प्राप्त रेशे, जान्तव रेशे कहलाते हैं।
→ कर्तित ऊन – भेड़ की त्वचा के निकट अवस्थित तन्तु रूपी मुलायम बाल।
→ वरणात्मक प्रजनन – तंतुरूपी मुलायम बालों जैसे गुणों वाली भेड़ों के उत्पादन के लिए जनकों के चयन की प्रक्रिया।
→ ऊन कटाई – भेंड़ एवं अन्य जन्तुओं से बाल उतारना।
→ अभिमार्जन – जन्तुओं की त्वचा से उतारे गए बालों को साफ करने की प्रक्रिया।
→ रीलिंग – रेशों को सीधा करके उन्हें सुलझाने तथा लपेटकर धागे बनाने की प्रक्रिया।
→ रेशम कीट – एक प्रकार का कीट जिससे रेशम प्राप्त होता है।
→ सेरीकल्चर – रेशम कीट पालन।
→ कैटरपिलर – रेशम कीट के अण्डे से निकलने वाली इल्ली ।
→ प्यूपा/कोशित/कोकून – रेशम कीट लार्वा स्वयं को सिल्क के रेशों से पूर्णतः ढक लेता है। यह आवरण प्यूपा/ कोशित/कोकून कहलाता है।
→ संसाधन – कोकून से रेशम के रेशों को पृथक् करके उनको साफ करना।