Haryana State Board HBSE 7th Class Science Solutions Chapter 11 जंतुओं और पादप में परिवहन Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 7th Class Science Solutions Chapter 11 जंतुओं और पादप में परिवहन
HBSE 7th Class Science जंतुओं और पादप में परिवहन InText Questions and Answers
बूझो/पहेली
प्रश्न 1.
रक्त का रंग लाल क्यों होता है?
उत्तर:
रक्त में लाल रुधिर कोशिकाओं में उपस्थित लाल वर्णक हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण रक्त का रंग लाल होता है।
प्रश्न 2.
पहेली सोच रही है कि हृदय के किस भाग में ऑक्सीजन समृद्ध रक्त होगा और किस भाग में कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त?
उत्तर:
हृदय के बायीं ओर के भाग में ऑक्सीजन से समृद्ध रक्त होता है तथा दार्थी ओर के भाग में कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त होता है।
प्रश्न 3.
पहेली जाना चाहती है कि क्या अन्य जन्तु भी मूत्र निष्कासन करते हैं?
उत्तर:
हाँ, अन्य जन्तु भी मूत्र निष्कासन करते हैं।
प्रश्न 4.
बूझो जानना चाहता है क्या स्पंज और हाइड्रा में भी रक्त होता है?
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 5.
पहेली ने देखा है कि यदि भिण्डी और अन्य सब्जियाँ सूख गई हों, तो उसकी माँ उन्हें कुछ देर के लिए जल में डुबो देती हैं। वह जानना चाहती है कि उनमें जल कैसे प्रवेश करता है।
उत्तर:
जल कुछ दूरी तक एक कोशिका से दूसरी कोशिका में संवहन के कारण प्रवेश कर सकता है।
HBSE 7th Class Science जंतुओं और पादप में परिवहन Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
कॉलम A में दी गई मंरचनाओं का कॉलम B में दिये गये प्रक्रमों से मिलान कीजिए-
कॉलम A | कॉलम B |
(क) रंध्र | (i) जल का अवशोषण |
(ख) जाइलम | (ii) वाष्पोत्सर्जन |
(ग) मूल रोम | (iii) भोजन का परिवहन |
(घ) फ्लोएम | (iv) जल का परिवहन |
(v) कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण |
उत्तर:
कॉलम A | कॉलम B |
(क) रंध्र | (ii) वाष्पोत्सर्जन |
(ख) जाइलम | (iv) जल का परिवहन |
(ग) मूल रोम | (i) जल का अवशोषण |
(घ) फ्लोएम | (iii) भोजन का परिवहन |
प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) हृदय से रक्त का शरीर के सभी अंगों में परिवहन …………. के द्वारा होता है।
(ख) हीमोग्लोबिन …………………… कोशिकाओं में पाया जाता है।
(ग) धमनियाँ और शिराएँ ……………. के जाल द्वारा जुड़ी रहती हैं।
(घ) हृदय का लयबद्ध विस्तार और संकुचन ………………… कहलाता है।
(च) मानव शरीर के प्रमुख उत्सर्जित उत्पाद ……………… है।
(छ) पसीने में जल और ………………. होता है।
(ज) वृक्क अपशिष्ट पदार्थों को द्रव रूप में बाहर निकालते हैं, जिसे हम ……………….. कहते हैं।
(झ) वृक्षों में बहुत अधिक ऊँचाइयों तक जल पहुँचाने के कार्य में …………….. द्वारा उत्पन्न चूषण अभिकर्षण बल सहायता करता है।
उत्तर:
(क) धमनियों
(ख) लाल रक्त
(ग) केशिकाओं
(ब) हृदय स्पंदन
(च) यूरिया
(छ) लवण
(ज) मूत्र
(झ) वाष्पोत्सर्जन।
प्रश्न 3.
सही विकल्प का चयन करिए
(क) पादपों में जल का परिवहन होता है
(i) जाइलम के द्वारा
(ii) फ्लोएम के द्वारा
(iii) रंध्रों के द्वारा
(iv) मूलरोमों के द्वारा।
उत्तर:
(i) जाइलम के द्वारा
(ख) मूलों द्वारा जल के अवशोषण की दर को बढ़ाया जा सकता है, उन्हें
(i) छाया में रखकर
(ii) मंद प्रकाश में रखकर
(iii) पंखे के नीचे रखकर
(iv) पॉलीथीन की थैली से ढककर।
उत्तर:
(iii) पंखे के नीचे रखकर
प्रश्न 4.
पादपों अथवा जन्तुओं में पदार्थों का परिवहन क्यों आवश्यक है ? समझाइए।
उत्तर:
पौधों तथा जन्तुओं के शरीर की संरचना जटिल प्रकार की होती है। शरीर के विभिन्न अंगों के कार्य भी भिन्न-भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिए; पौधों की जड़ें पानी का अवशोषण करती हैं और पत्तियों का कार्य है भोजन निर्माण करना। अतः भोजन को जड़ों तक तथा जड़ों से जल को पत्तियों तक पहुँचाना आवश्यक होता है। इसी प्रकार हमारे शरीर में भोजन का अवशोषण आँतों में होता है, जिसे सम्पूर्ण शरीर में पहुँचाना आवश्यक होता है। इसीलिए पौधों एवं जन्तुओं में परिवहन होता है।
प्रश्न 5.
क्या होगा यदि रक्त में पट्टिकाणु नहीं होंगे?
उत्तर:
रुधिर में उपस्थित पट्टिकाणु चोट लगने पर रक्त का थक्का बनाने में सहायता करते हैं जिससे शरीर से रक्त अधिक समय तक नहीं बहता है। यदि रक्त में रुधिराणु नहीं होंगे तो रक्त का थक्का नहीं बनेगा और चोट लगने पर अधिक रक्तस्राव होने से व्यक्ति की मृत्यु हो जायेगी।
प्रश्न 6.
रन्ध्र क्या हैं ? रन्नों के दो कार्य बताइए।
उत्तर:
पादपों की पत्तियों एवं कुछ अन्य हरे भागों में सूक्ष्म छिद्र उपस्थित होते हैं जिन्हें रंध्र कहते हैं।
रन्ध्रों के कार्य-
- रन्धों द्वारा पौधों के लिए वायु से श्वसन तथा प्रकाश संश्लेषण के लिए गैसों का विनिमय होता है।
- रन्ध्रों द्वारा वाष्पोत्सर्जन होता है जिससे अतिरिक्त जल पत्ती से बाहर निकाला जाता है।
प्रश्न 7.
क्या वाष्पोत्सर्जन पादपों में कोई उपयोगी कार्य करता है?
उत्तर:
हाँ, वाष्पोत्सर्जन के कारण पौधों में एक चूषण अभिकर्षण बल उत्पन्न होता है। इस बल के कारण जड़ों द्वारा अवशोषित जल पौधों में ऊपर चढ़ता है।
प्रश्न 8.
रक्त के घटकों के नाम बताइए।
उत्तर:
रक्त के घटक हैं लाल रक्त कोशिकाएँ, श्वेत रक्त कोशिकाएँ तथा पट्टिकाणु। ये सभी रक्त प्लाज्मा में तैरते रहते हैं।
प्रश्न 9.
शरीर के सभी अंगों को रक्त की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर:
शरीर के सभी अंगों को रक्त की आवश्यकता होती है क्योंकि रक्त आँतों से अवशोषित भोजन को शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है। रक्त ही ऑक्सीजन तथा अन्य पदार्थों को एक अंग से दूसरे अंगों तक ले जाता तथा वापस लाता है।
प्रश्न 10.
रक्त लाल रंग का क्यों दिखाई देता है ?
उत्तर:
रक्त में लाल रुधिर कोशिकाओं की संख्या सर्वाधिक होती है। इन कोशिकाओं में लाल रंग का वर्णक हीमोग्लोबिन उपस्थित होता है, जिससे रक्त लाल रंग का दिखाई देता है।
प्रश्न 11.
हृदय के कार्य बताइए।
उत्तर:
हृदय का प्रमुख कार्य ऑक्सीजन समृद्ध रक्त को शरीर के सभी अंगों में भेजना तथा कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त को सभी अंगों से वापस लेकर, इसे ऑक्सीजन समृद्ध होने के लिए फेफड़ों में भेजना है। .
प्रश्न 12.
शरीर द्वारा अपशिष्ट पदार्थों को उत्सर्जित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
अपशिष्ट पदार्थों का शरीर में एकत्र रहना नुकसानदायक होता है इसीलिए इन्हें शरीर से बाहर निकालना आवश्यक है।
प्रश्न 13.
मानव उत्सर्जन तंत्र का चित्र बनाइए और उसके विभिन्न भागों को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
HBSE 7th Class Science जंतुओं और पादप में परिवहन Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में से सही विकल्प का चयन कीजिए
1. रक्त को हृदय से अंगों एवं ऊतकों की ओर ले जाती
(क) धमनी
(ख) शिराएँ
(ग) लिम्फ वाहिकाएँ
(घ) कोशिकाएँ
उत्तर:
(क) धमनी
2. हीमोग्लोबिन उपस्थित होता है
(क) श्वेत रक्त कणिकाओं में
(ख) लाल रक्त कणिकाओं में
(ग) पट्टिकाणुओं में
(घ) लसीकाणुओं में
उत्तर:
(ख) लाल रक्त कणिकाओं में
3. धमनियों में बहता है
(क) ऑक्सीजन समृद्ध रक्त
(ख) कार्बन डाइऑक्साइड समृद्ध रक्त
(ग) प्लाज्मा रहित रक्त
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(क) ऑक्सीजन समृद्ध रक्त
4. हमारे हृदय में कक्षों की संख्या होती हैं
(क) दो
(ख) तीन
(ग) चार
(घ) पाँच
उत्तर:
(ग) चार
5. मनुष्य के मुख्य उत्सर्जी अंग हैं
(क) त्वचा
(ख) मलाशय
(ग) मूत्राशय
(घ) वृक्क
उत्तर:
(घ) वृक्क
II. रिक्त स्थान
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान भरिए
1. हदय और रक्त वाहिनियाँ संयुक्त रूप से हमारे शरीर का ………… बनाती हैं।
2. ………… की कमी होने पर शरीर की सभी कोशिकाओं को कुशलतापूर्वक ऑक्सीजन प्रदान करना कठिन होता हैं।
3. ………… की दीवार मोटी तथा प्रत्यास्थ होती है।
4. जल और पोषक तत्वों के परिवहन के लिए पौधों में उपस्थित ऊतक ………… कहलाता है।
उत्तर:
1. परिसंचरण तंत्र
2. हीमोग्लोबिन
3. धमनी
4. जाइलम।
III. सुमेलन
कॉलम ‘A’ तथा कॉलम ‘B’ के शब्दों का मिलान कीजिए-
कॉलम A | कॉलम B |
1. धमनी | (a) जाइलम व फ्लोएम |
2. शिरा | (b) ऑक्सीजन समृद्ध रक्त |
3. केशिका | (c) ऑक्सीजन विहीन रक्त |
4. संवहन ऊतक | (d) ऊँतकों में वितरण |
उत्तर:
कॉलम A | कॉलम B |
1. धमनी | (b) ऑक्सीजन समृद्ध रक्त |
2. शिरा | (c) ऑक्सीजन विहीन रक्त |
3. केशिका | (d) ऊँतकों में वितरण |
4. संवहन ऊतक | (a) जाइलम व फ्लोएम |
IV. सत्य/असत्य
निम्नलिखित वाक्यों में से सत्य एवं असत्य कथन छाँटिए
1. श्वेत रक्त कणिकाएँ ऑक्सीजन का परिवहन करती हैं।
2. रक्त का ऑक्सीजन समृद्धीकरण फेफड़ों में होता है।
3. उत्सर्जन तंत्र मूत्र निर्माण एवं इसके निष्कासन में भाग लेता है।
4. पौधों में जाइलम व फ्लोएम से बना संवहन ऊतक पाया जाता है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4. सत्य।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
प्लाज्मा क्या होता है ?
उत्तर:
रक्त का आधारभूत द्रव जिसमें रक्त कोशिकाएँ निलम्बित होती हैं, प्लाज्मा कहलाता है।
प्रश्न 2.
स्वेद (पसीना) आने का क्या लाभ है?
उत्तर:
यह शरीर के ताप नियन्त्रण में सहायक होता है।
प्रश्न 3.
स्पंदन दर से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
नाड़ी की प्रति मिनट की गति को स्पंदन दर कहते हैं।
प्रश्न 4.
हृदय गति मापने के लिए किस यंत्र का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
स्टेथोस्कोप का।
प्रश्न 5.
यदि हृदय में कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन से समृद्ध रक्त परस्पर मिश्रित हो जाये तो क्या होगा?
उत्तर:
इससे शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जायेगी।
प्रश्न 6.
धमनी एवं शिरा में एक अन्तर लिखिए।
उत्तर:
धमनी अपेक्षाकृत मोटी दीवार वाली होती है, जबकि शिराएँ पतली दीवार वाली होती हैं।
प्रश्न 7.
श्वेत रक्त कोशिकाएँ हमारे शरीर में क्या कार्य करती हैं ?
उत्तर:
रोग कारक रोगाणुओं को नष्ट करती हैं।
प्रश्न 8.
हृदय को पंपिंग स्टेशन क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
हृदय रक्त को हमारे सम्पूर्ण शरीर में पम्प करता है।
प्रश्न 9.
हृदय के दो प्रमुख भाग कौन-से होते हैं?
उत्तर:
(i) अलिन्द और
(ii) निलय।
प्रश्न 10.
रक्त परिसंचरण की खोज किसने की?
उत्तर:
विलियम हार्वे ने।
प्रश्न 11.
नाड़ी स्पंदन क्या है? यह क्यों होता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
धमनी में रुधिर के प्रवाह के कारण स्पंदन होता है। यह स्पंदन नाड़ी स्पंदन कहलाता है और यह धमनियों में प्रवाहित हो रहे रक्त के कारण होता है। यह स्पन्दन एक मिनट में 72 बार होता है।
प्रश्न 12.
मूत्र के घटक क्या होते हैं ?
उत्तर:
मूत्र में 95% जल, 2.5% यूरिया तथा 2.5% अन्य अपशिष्ट होते हैं।
प्रश्न 13.
पौधों के दो संवहन ऊतकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) जाइलम तथा
(ii) फ्लोएम।
प्रश्न 14.
पौधों में जल तथा खनिजों का अवशोषण कौन-सा अंग करता है ?
उत्तर:
जड़ों पर उपस्थित मूल रोम।
प्रश्न 15.
आलू की गुहाँ में जल का प्रवेश किस कारण हो जाता है? (क्रियाकलाप)
उत्तर:
संवहन (परासरण) प्रक्रिया के कारण।
प्रश्न 16.
विशाल वृक्षों में इतनी अधिक ऊँचाई तक जल का आरोहण किस कारण होता है?
उत्तर:
वाष्पोत्सर्जन से उत्पन्न अभिकर्षण बल (खिंचाव) के कारण।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
परिसंचरण तन्त्र का व्यवस्था चित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
रक्त का संगठन लिखिए। इसके विभिन्न घटकों के कार्य भी लिखिए।
उत्तर:
रक्त मुख्यतः दो घटकों से मिलकर बना होता
(1) प्लाज्मा – यह रक्त का तरल भाग है, यह हल्के पीले रंग का होता है। इसी में विभिन्न प्रकार की रक्त कोशिकाएँ तथा अन्य पदार्थ निलम्बित रहते हैं।
(2) रक्त कोशिकाएँ – प्लाज्मा में मुख्यत: तीन प्रकार की कोशिकाएँ पायी जाती हैं
(a) लाल रक्त कोशिकाएँ हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण ये लाल रंग की होती हैं। ये मुख्यतः ऑक्सीजन का वहन करती हैं।
(b) श्वेत रक्त कोशिकाएँ—ये रंगहीन होती हैं। ये शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं को नष्ट करती हैं।
(c) पट्टिकाणु-ये डिस्क के आकार की कोशिकाएँ होती हैं। ये चोट लगने पर रुधिर का थक्का बनाती हैं।
प्रश्न 3.
धमनी और शिरा में अन्तर लिखिए।
उत्तर:
धमनी | शिरा |
(i) हृय से ऑक्सीजन समृद्ध रक्त का वितरण करती हैं। | (i) ये कार्बन डाइऑक्साइड से समृद्ध रक्त को वापस हृदय में लाती हैं। |
(ii) ये प्राय: शरीर में गहराई में स्थित होती हैं। | (ii) ये प्रायः सतह पर होती हैं। |
(iii) इनकी दीवार मोटी होती है। | (iii) इनकी दीवार पतली होती है। |
(iv) रक्त प्रवाह झटके से तथा अधिक दाब के साथ होता है। | (iv) रक्त प्रवाह समान और धीरे-धीरे होता है। |
(v) चमकीली लाल होती हैं। | (v) हल्के नीले रंग वाली होती हैं। |
प्रश्न 4.
मानव में उत्सर्जन कैसे होता है?
उत्तर:
मानव में मुख्य उत्सर्जी अंग एक जोड़ी वृक्क (गुर्दे) होते हैं। ये यूरिया युक्त रक्त का निस्यंदन करके मूत्र का निर्माण करते हैं। मानव का मुख्य उत्सर्जी उत्पाद यूरिया होता है जिसका निर्माण यकृत में होता है। यकृत से यूरिया युक्त रक्त वृक्कों में आता है। वृक्कों में असंख्य नेफ्रोन होते हैं। ये रक्त से अधिक मात्रा में जल और इसमें घुलित यूरिया को छान देते हैं। वृक्कों में ही जल की काफी मात्रा को पुनः अवशोषित कर लिया जाता है, शेष भाग मूत्र कहलाता है। वाहिनियों द्वारा मूत्र, मूत्राशय में लाया जाता है। मूत्राशय में एकत्र मूत्र को समय-समय पर मूत्र रन्ध्र से होकर बाहर निकाल दिया जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
4-5 मिनट तक दौड़ने के बाद पुनः हृदय स्पंदन की दर ज्ञात कीजिए। अपने प्रेक्षणों की तुलना कीजिए। अपनी तथा अपने मित्रों की विश्राम अवस्था में तथा 4-5 मिनट दौड़ने के बाद हृदय स्पंदन तथा नाड़ी स्पंद (पल्स) दर सारणी में रिकॉर्ड कीजिए। क्या आपको अपने हृदय स्पंदन और नाड़ी स्पंद दर के बीच कोई सम्बन्ध दिखाई देता है ? प्रत्येक हृदय स्पंदन धमनियों में एक स्पंद उत्पन्न करता है। प्रति मिनट धमनी में उत्पन्न स्पंद, हृदय स्पंदन दर को बताती है। (क्रियाकलाप)
प्रश्न 2.
मानव हृदय का नामांकित चित्र बनाकर इसकी कार्यविधि का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
हृदय:
हदय बन्द मुट्ठी के आकार की संरचना है। यह हमारे शरीर में पम्पिंग स्टेशन का कार्य करता है। यह वक्ष गुहा में स्थित होता है। हमारे हृदय में चार कक्ष होते हैं-दायाँ अलिन्द, बायाँ अलिन्द, दायाँ निलय तथा बायाँ निलय । दायें अलिन्द से महाशिरा तथा बाउँ अलिन्द से फुफ्फुस धमनी निकलती हैं। बायें तथा दायें निलय के बीच एक दीवार उपस्थित होती है जो ऑक्सीजन युक्त तथा कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रुधिर को पृथक करती है।
कार्यविधि:
शरीर के विभिन्न अंगों से लाया गया अशुद्ध रक्त महाशिराओं द्वारा दाहिने अलिन्द में छोड़ा जाता है जहाँ से यह दाहिने निलय में आता है। दाहिना निलय अशुद्ध रक्त को फुफ्फुस धमनी द्वारा फेंफड़ों में भेजता है। फेंफड़ों में रक्त को ऑक्सीजन समृद्ध (शुद्ध) किया जाता है। अब फेंफड़ों से शुद्ध रक्त फुफ्फुस शिरा द्वारा बायें अलिन्द में लाया जाता है। यहाँ से इसे बायें निलय में भेजा जाता है। बायें निलय से शुद्ध रक्त को महाधमनी द्वारा सम्पूर्ण शरीर में पम्प कर दिया जाता है।
प्रश्न 3.
पौधों में जल के अवशोषण तथा इसके परिवहन का वर्णन कीजिए। यह भी बताइए कि पौधों में खाद्य पदार्थों का परिवहन कैसे होता है।
उत्तर:
पौधों में जल तथा खाद्य पदार्थों का परिवहन क्रमशः जाइलम तथा फ्लोएम द्वारा होता है। ये दोनों विशेष प्रकार के संवहन ऊतक होते हैं तथा सम्पूर्ण पौधे में एक जाल बनाकर वितरित रहते हैं।
जल का अवशोषण तथा आरोहण:
पौधे जल का अवशोषण जड़ों पर स्थित मूल रोमों द्वारा करते हैं। अवशोषित जल तथा लवणों को विभिन्न कोशिकाओं से होते हुए जाइलम (दारू) तक पहुंचा दिया जाता है। जाइलम ऊतक जल एवं खनिजों को पौधों के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है। इस कार्य में वाष्पोत्सर्जन खिंचाव महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
खाद्य पदार्थों का स्थानान्तरण-खाद्य पदार्थों का निर्माण पौधे के हरे भागों मुख्यतः पत्तियों में होता है। पत्तियों में निर्मित खाद्य पदार्थ जल में घुलकर फ्लोएम (पोषवाह) द्वारा पौधे के विभिन्न अंगों तक पहुँचाये जाते हैं।
जंतुओं और पादप में परिवहन Class 7 HBSE Notes in Hindi
→ अधिकांश जन्तुओं के शरीर में प्रवाहित होने वाला रक्त शरीर की विभिन्न कोशिकाओं को भोजन और ऑक्सीजन का वितरण करता है। यह शरीर के विभिन्न भागों से उत्सर्जन के लिए अपशिष्ट पदार्थों को भी लाता है।
→ परिसंचरण तंत्र में हृदय और रक्त वाहिनियाँ होती हैं।
→ मानव शरीर में रक्त, धमनियों और शिराओं में प्रवाहित होता है तथा हृदय पम्प की तरह कार्य करता है।
→ रक्त में प्लाज्मा, लाल रक्त कणिकाएँ (RBCs), श्वेत रक्त कणिकाएँ (WBCs) और पट्टिकाणु होते हैं। रक्त का लाल रंग, लाल वर्णक युक्त हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण होता है।
→ शरीर में विभिन्न प्रकार की रक्त वाहिनियाँ होती हैं जो रक्त को शरीर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती हैं।
→ धमनियाँ हृदय से शरीर के सभी अन्य भागों में रक्त को ले जाती हैं।
→ शिराएँ शरीर के सभी भागों से रक्त को वापस हृदय में लाती हैं।
→ किसी वयस्क व्यक्ति का हृदय एक मिनट में लगभग 70-80 बार धड़कता है। इसे हृदय स्पंदन दर कहते हैं।
→ ऊतकों में पहुँचकर धमनियाँ अत्यंत महीन नलिकाओं में विभाजित हो जाती हैं जिन्हें कोशिकाएँ कहते हैं।
→ हृदय वह अंग है, जो रक्त द्वारा पदार्थों के परिवहन के लिए पंप के रूप में कार्य करता है। हृदय चार कक्षों में बँटा होता है। ऊपरी दो कक्ष अलिन्द तथा निचले दो कक्ष निलय कहलाते हैं।
→ शरीर में से अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकालने का प्रक्रम उत्सर्जन कहलाता है।
→ मानव उत्सर्जन तन्त्र में दो वृक्क (गुर्दे), दो मूत्र वाहिनियाँ, एक मूत्राशय और एक मूत्र मार्ग होता है।
→ लवण और यूरिया जल के साथ स्वेद (पसीने) के रूप में शरीर से बाहर निकाल दिये जाते हैं।
→ मछली अपशिष्ट पदार्थ के रूप में अमोनिया उत्सर्जित करती है, जो सीधे जल में घुल जाती है।
→ पक्षी कीट और छिपकली अर्ध ठोस (सेमी सॉलिड) रूप में यूरिक अम्ल का उत्सर्जन करते हैं।
→ पादप मूलों द्वारा जल और पोषक तत्व मृदा से अवशोषित होते हैं। पूरे पादप में जल के साथ पोषक तत्व जाइलम नामक संवहन ऊतक द्वारा ले जाये जाते हैं। पादप के विभिन्न भागों में भोजन का परिवहन फ्लोएम नामक संवहन ऊतक के द्वारा होता है।
→ वाष्पोत्सर्जन के दौरान रन्ध्रों से वाष्प के रूप में बड़ी मात्रा में जल का रास होता है।
→ वाष्पोत्सर्जन के कारण एक चूषण बल निर्मित होता है, जिसके कारण मूलों द्वारा मृदा में से अवशोषित जल अभिकर्षित (खिंचकर) होकर तने और पत्तियों तक पहुँचता है।
→ परिसंचरण तन्त्र – हृदय, धमनियों, शिराओं एवं केशिकाओं से बना तन्त्र जो हमारे सम्पूर्ण शरीर में रुधिर का संचारण करता है।
→ रक्त – एक तरल पदार्थ (तरल संयोजी ऊतक) जो हृदय और वाहिनियों में बहता है।
→ प्लाज्मा – रुधिर कणिकाओं रहित रक्त का पीला तरल भाग प्लाज्मा कहलाता है।
→ लाल रक्त कोशिकाएं – रुधिर का एक अवयव जिनका रंग लाल होता है।
→ हीमोग्लोबिन – लाल रक्त कणिकाओं में पाया जाने वाला एक श्वसन रंजक।
→ श्वेत रक्त कणिकाएँ – रूधिर अवयव जिसका कार्य शरीर की रक्षा प्रक्रिया में भाग लेना है।
→ पट्टिकाणु – रक्त में प्लेट के आकार की कणिकाएँ।
→ रक्त वाहिनियाँ – रक्त का पूरे शरीर में परिसंचरण कराने वाली पतली नलियाँ।
→ धमनी – हृदय से शरीर के अंगों को ऑक्सीजन से समृद्ध रुधिर ले जाने वाली वाहिकाएँ।
→ शिरा – रक्त वाहिनियाँ जो रूधिर को शरीर के अंगों से हृदय में लाती हैं।
→ हृदय स्पंदन – हृदय का धड़कना।
→ केशिका – रक्त वाहिनियाँ ऊतकों में जाकर अत्यन्त पतली सूक्ष्म नलिकाओं में बँट जाती हैं, ये केशिकाएँ कहलाती है।
→ नाड़ी स्पंद – धमनी में रुधिर का रूक-रूक कर बहना।
→ स्टेथोस्कोप – हृदय की धड़कन सुनने का यन्त्र जो डॉक्टरों के पास रहता है।
→ हृदय – एक मांसल अंग जो रक्त को शरीर में पंप करता है।
→ उत्सर्जन – शरीर से उपापचय के फलस्वरूप अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया।
→ उत्सर्जन तन्त्र – उत्सर्जन की क्रिया में भाग लेने वाले सभी अंग उत्सर्जन तन्त्र बनाते हैं।
→ वृक्क/गुर्दा – प्रमुख उत्सर्जी अंग जो रक्त से मूत्र को अलग करते हैं।
→ डायलाइसिस/अपोहन – जब वृक्क अपना काम बन्द कर देते हैं तो कृत्रिम रूप से वृक्कों का कार्य सम्पन्न कराया जाता है, इसे डायलाइसिस या अपोहन कहते हैं।
→ पसीना/स्वेद – अपशिष्ट पदार्थों से युक्त द्रव जो त्वचा से बाहर निकलता है।
→ मूलरोम – मूल पर उपस्थित बाल जैसी रचनाएँ जो मृदा से जल एवं खनिजों का अवशोषण करती हैं।
→ ऊतक – कोशिकाओं का ऐसा समूह जो संरचना, उत्पत्ति एवं कार्य में समान होता है, ऊतक कहलाता है।
→ जाइलम/दारू – पौधों का एक ऊतक जो जल एवं खनिज लवर्णो का संवहन करता है।
→ फ्लोएम/पोषवाह – पौधों का एक संवहनी ऊतक जो भोज्य पदार्थों का संवहन करता है।