HBSE 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

Haryana State Board HBSE 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 10th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 लोकतंत्र और विविधता

HBSE 10th Class Civics लोकतंत्र और विविधता Textbook Questions and Answers

लोकतंत्र और विविधता के प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class Civics प्रश्न 1.
सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा करें।
उत्तर-
सामाजिक विभाजनों की राजनीति के परिणाम तय करने वाले तीन कारकों की चर्चा निम्नलिखित की जा सकती
1. लोगों में अपनी पहचान के प्रति आग्रह की भावना। अगर लोग खुद को सबसे विशिष्ट और अलग मानने लगते हैं तो उनके लिए दूसरों के साथ तालमेल बैठाना बहुत मुश्किल हो जाता है। जब तक उत्तरी आयरलैंड के लोग खुद को सिर्फ प्रोटेस्टेंट या कैथोलिक के तौर पर देखते रहेंगे तब तक उनका शांत हो पाना संभव नहीं है। अगर लोग अपनी बहुस्तरीय पहचान के प्रति सचेत हैं और उन्हें राष्ट्रीय पहचान का हिस्सा या सहयोगी मानते हैं तब कोई समस्या नहीं होती। जैसे, बेल्जियम के अधिकतर लोग खुद को बेल्जिमाई ही मानते हैं, भले ही वे डच या जर्मन बोलते हों। इस नजरिए से उन्हें साथ-साथ रहने में मदद मिलती है।

2. किसी समुदाय की माँगों को राजनीतिक दल कैसे उठा रहे हैं? संविधान के दायरे में आने वाली और दूसरे समुदाय को नुकसान न पहुँचाने वाली माँगों को मान लेना आसान है। श्रीलंका में श्रीलंका केवल सिंहालियों के लिए’ की माँग तमिल समुदाय की पहचान और हितों के खिलाफ थी। यूगोस्लाविया में, विभिन्न समुदायों के नेताओं ने अपने जातीय समूहों की तरफ से ऐसी माँगें रख दी जिन्हें एक देश की सीमा के भीतर पूरा करना असंभव था।

3. सरकार का रुख। सरकार इन मांगों पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करती है, यह भी महत्त्वपूर्ण है। बेल्जियम और श्रीलंका के उदाहरणों से स्पष्ट है कि अगर शासन सत्ता में साझेदारी करने को तैयार हो और अल्पसंख्यक समुदाय की उचित माँगों को पूरा करने का प्रयास ईमानदारी से किया जाए तो सामाजिक विभाजन मुल्क के लिए खतरा नहीं बनते। अगर सरकार राष्ट्रीय एकता के नाम पर किसी ऐसी माँग को दबाना शुरू कर देती है तो अक्सर उलटे और नुकसानदेह परिणाम ही निकलते हैं। ताकत के दम पर एकता बनाए रखने की कोशिश अक्सर विभाजन की ओर ले जाती है।

लोकतंत्र और विविधता प्रश्न उत्तर HBSE 10th Class Civics प्रश्न 2.
सामाजिक अंतर कब और कैसे सामाजिक विभाजनों का रूप ले लेते हैं?
उत्तर-
जब सामाजिक अंतरो को मेल-मिलाप व सहयोग की भावनाओं से नहीं सुलझाया जाता, तब ऐसे अंतर सामाजिक विभाजनों का रूप धारण कर लेते हैं। एक जाति व एक भाषा व एक क्षेत्र के लोगों को परस्पर अंतरों को हवा देने की बजाए एक-दूसरे के साथ सामंजस्य पैदा करने का प्रयास करना चाहिए। तब यह अंतर सामाजिक विभाजन का रूप नहीं होते।

लोकतंत्र और विविधता प्रश्न उत्तर Class 10 HBSE Civics प्रश्न 3.
सामाजिक विभाजन किस तरह से राजनीति को प्रभावित करते हैं? दो उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर-
सामाजिक अंतर राजनीति को नकारात्मक व सकारात्मक तरीकों से प्रभावित कर सकते हैं! यदि एक सामाजिक समूह अपने से विपरीत के सामाजिक समूह के साथ अपने अंतर के बूते पर अड़ा रहता है तो दोनों समूहों में तनाव हो सकते हैं। श्रीलंका में सिंहालियों व तमिलों में ऐसा ही तनाव देखा जा सकता है। बेल्जियम में दोनों समूह अलग-अलग भाषी होने के बावजूद भी एक-दूसरे के साथ सहयोग करते हैं।

Loktantra Aur Vividhata Class 10 HBSE Civics प्रश्न 4.
………… सामाजिक अंतर गहरे सामाजिक विभाजन औरप तनावों की स्थिति पैदा करते हैं। .. ……… सामाजिक अंतर सामान्य तौर पर टकराव की स्थिति तक नहीं जाते।
उत्तर-
विरोधी, परस्पर।

Loktantra Aur Vividhata Class 10th HBSE Civics प्रश्न 5.
सामाजिक विभाजनों को सँभालने के संदर्भ में इनमें से कौन-सा बयान लोकतांत्रिक व्यवस्था पर लागू नहीं होता?
(क) लोकतंत्र में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते सामाजिक विभाजनों की छाया राजनीति पर भी पड़ती है।
(ख) लोकतंत्र में विभिन्न समुदायों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से अपनी शिकायतें जाहिर करना संभव है।
(ग) लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों को हल करने का सबसे अच्छा तरीका है।
(घ) लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज को विखंडन की ओर ले जाता है।
उत्तर-
(घ) लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज को विखंडन की ओर ले जाता है।

लोकतंत्र और विविधता HBSE 10th Class Civics प्रश्न 6.
निम्नलिखित तीन बयानों पर विचार करें:
(अ) जहाँ सामाजिक अंतर एक-दूसरे से टकराते हैं वहाँ सामाजिक विभाजन होता है।
(ब) यह संभव है कि एक व्यक्ति की कई पहचान हो।
(स) सिर्फ भारत जैसे बड़े देशों में ही सामाजिक विभाजन होते हैं। इन बयानों में से कौन-कौन-से बयान सही हैं।
(क) अ, ब और स (ख) अ और ब (ग) ब और स (घ) सिर्फ स
उत्तर-
(ख) ‘अ’ और ‘ब’ सही हैं।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित बयानों को तार्किक क्रम से लगाएँ और नीचे दिए गए कोड के आधार पर सही जवाब
(अ) सामाजिक विभाजन की सारी राजनीतिक
(ब) हर देश में किसी-न-किसी तरह के सामाजिक विभाजन रहते ही हैं।
(स) राजनीतिक दल सामाजिक विभाजनों के आध र पर राजनीतिक समर्थन जुटाने का प्रयास करते हैं।
(द) कुछ सामाजिक अंतर सामाजिक विभाजनों का रूप ले सकते हैं।
(क)द, ब, स, अ
(ख) द, ब, अ, स
(ग) द, अ, स, ब
(घ) अ, ब, स, द
उत्तर-
(ख) द, ब, अ, स का तार्किक क्रम सही है।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में किस देश को धार्मिक और जातीय पहचान के आधार पर विखंडन का सामना करना पड़ा?
(क) बेल्जियम
(ख) भारत
(ग) यूगोस्लाविया
(घ) नीदरलैड
उत्तर-
यूगोस्लाविया को।

प्रश्न 9.
मार्टिन लूथर किंग जूनियर के 1963 के प्रसिद्ध भाषण के निम्नलिखित अंश को पढ़ें। वे किस सामाजिक विभाजन की बात कर रहे हैं? उनकी उम्मीदें और आशंकाएँ क्या-क्या थीं? क्या आप उनके बयान और मैक्सिको ओलंपिक की उस घटना में कोई संबंध देखते हैं जिसका जिक्र इस अध्याय में था?
“मेरा एक सपना है कि मेरे चार नन्हें बच्चे एक दिन ऐसे ‘मुल्क में रहेंगे जहाँ उन्हें चमड़ी के रंग के आधार पर नहीं, बल्कि उनक चरित्र के असल गुणों के आधार पर परखा जाएगा। स्वतंत्रता को उसके असली रूप में आने दीजिए। स्वतंत्रता तभी कैद के बाहर आ पाएगी जब यह हर बस्ती, हर गाँव तक पहुँचेगी, हर राज्य और हर शहर में होगी और हम उस दिन को ला पाएँगेजब ईश्वर की सारी संतानें-अश्वेत स्त्री-पुरुष, गोरे लोग, यहूदी तथा गैर-यहूदी, प्रोटेस्टेंट और कैथोलिक-हाथ में हाथ डालेंगी और इस पुरानी नीग्रो प्रार्थना को गाएँगी-‘मिली आजादी, मिल आजादी! प्रभु बलिहारी, मिली आजादी!’ मेरा एक सपना है कि एक दिन यह देश उठ खड़ा होगा और अपने वास्तविक स्वभाव के अनुरूप कहेगा, “हम इस स्पष्ट सत्य को मानते हैं कि सभी लोग समान हैं।” .
उत्तर-
वह संयुक्त राज्य अमेरिका में अश्वेत-श्वेतों के सामाजिक विभाजन बात कर रहे हैं। वह चाहते थे कि अमेरिका में त्वचा के रंग पर लोगों की योग्यता नहीं आंकी जानी चाहिए; योग्यता का आधार ज्ञान, बुद्धि व चरित्र होना चाहिए। उनके ब्यान व मैक्सिको ओलंपिक में हुई घटनाओं में सम्बन्ध है। ओलंपिक खेलों में दो एफ्रो-अमरीकी खिलाड़ियों ने रंग-भेद का विरोध किया था।

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