Haryana State Board HBSE 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र Important Questions and Answers.
Haryana Board 12th Class Physics Important Questions Chapter 1 वैद्युत आवेश तथा क्षेत्र
वस्तुनिष्ठ प्रश्न:
1. एक वस्तु को ऋणावेशित किया जा सकता है-
(अ) इसे अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन देकर
(ब) इसमें से कुछ इलेक्ट्रॉन निकालकर
(स) इसे कुछ प्रोटॉन देकर
(द) इसमें से कुछ न्यूट्रॉन निकालकर
उत्तर:
(अ) इसे अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन देकर
2. साबुन के बुलबुले को ऋणावेशित करने पर उसकी त्रिज्या-
(अ) घट जायेगी
(ब) बढ़ जायेगी
(स) अपरिवर्तित रहेगी
(द) प्रारम्भ में घटेगी फिर बढ़ेगी और बुलबुला फूट जायेगा
उत्तर:
(ब) बढ़ जायेगी
3. एक चालक गोले पर 50e आवेश है तथा दूसरे समान गोले पर + 20e आवेश है। यदि दोनों गोलों को स्पर्श करवाकर अलग कर दिया जाये, तो प्रत्येक पर आवेश होगा-
(अ) – 15e
(स) 10e
(ब) + 15e
(द) 25e
उत्तर:
(अ) – 15e
4. यदि काँच की छड़ को सिल्क से रगड़ते हैं, तो यह धनावेश उत्पन्न करती है, क्योंकि-
(अ) प्रोटॉन इससे जुड़े होते हैं।
(ब) प्रोटॉन इससे अलग हो जाते हैं।
(स) इलेक्ट्रॉन इससे जुड़े रहते हैं।
(द) इलेक्ट्रॉन इससे अलग हो जाते हैं।
उत्तर:
(द) इलेक्ट्रॉन इससे अलग हो जाते हैं।
5. विजातीय आवेशों के
(अ) गुरुत्वीय बल
(ब) चुम्बकीय बल
(स) नाभिकीय आकर्षण
(द) कूलॉम का आकर्षण
उत्तर:
(द) कूलॉम का आकर्षण
6. एक कूलॉम आवेश में कितने
(अ) 5.46 × 1029
(ब) 6.25 × 1018
(स) 1.6 × 1019
(द) 9 × 1011
उत्तर:
(ब) 6.25 × 1018
7. स्थिर विद्युतिकी से सम्बन्धित निम्न में से कौनसा कथन यथार्थ नहीं होता है–
(अ) आवेश संरक्षित होता है
(ब) आवेश क्वान्टीकृत होता है
(स) बल रेखा क्षेत्र की दिशा प्रदर्शित करती है।
(द) घर्षण से इलेक्ट्रॉन का उत्पादन होता है
उत्तर:
(द) घर्षण से इलेक्ट्रॉन का उत्पादन होता है
8. विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक है-
(अ) वोल्ट मीटर
(ब) न्यूटन प्रति कूलॉम
(स) न्यूटन कूलॉम
(द) न्यूटन प्रति वोल्ट
उत्तर:
(ब) न्यूटन प्रति कूलॉम
9. आवेशित करने की परोक्ष विधि है-
(अ) प्रेरण द्वारा आवेशित करना
(ब) भौतिक सम्पर्क से आवेशित करना
(स) घर्षण द्वारा आवेशित करना
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) प्रेरण द्वारा आवेशित करना
10. दो इलेक्ट्रॉनों के वैद्युत बलों की तुलना में दो प्रोटॉनों के बीच
(अ) अधिक
(ब) कम
(स) शून्य
(द) वही है
उत्तर:
(द) वही है
11. आवेशों के मध्य बल F है। यदि उनके मध्य दूरी को तीन गुणा करने पर इन आवेशों के मध्य विद्युत बल होगा-
(अ) F
(ब) [/latex]\frac{1}{3}[/latex] F
(स) \(\frac{1}{9}\) F
(द) \(\frac{1}{27}\) F
उत्तर:
(स) \(\frac{1}{9}\) F
12. निर्वात में रखे बिन्दुवत् आवेशों के मध्य बल 18 न्यूटन है। 6 परावैद्युतांक की एक काँच की पट्टिका इन आवेशों के मध्य रख दी जाये तो बल का मान होगा-
(अ) 108 न्यूटन
(ब) 18 न्यूटन
(स) 3 न्यूटन
(द) शून्य
उत्तर:
(स) 3 न्यूटन
13. दो आवेश + 2μC व + 8μC के एक मीटर दूरी पर स्थित हैं। उनको मिलाने वाली रेखा पर 2μC आवेश से कितनी दूरी पर विद्युत क्षेत्र शून्य होगा?
(अ) \(\frac{1}{8}\) मीटर
(ब) \(\frac{1}{4}\) मीटर
(स) \(\frac{1}{3}\) मीटर
(द) \(\frac{1}{2}\) मीटर
उत्तर:
(स) \(\frac{1}{3}\) मीटर
14. R1 व R2 त्रिज्या के दो आवेशित गोलों को एक तार द्वारा जोड़ा जाता है। गोलों के विद्युत क्षेत्रों का अनुपात है-
(अ) \(\mathrm{R}_2^2 / \mathrm{R}_1^2\)
(ब) \(\mathrm{R}_1^2 / \mathrm{R}_2^2\)
(स) \(\mathrm{R}_2 / \mathrm{R}_1\)
(द) \(\mathrm{R}_1 / \mathrm{R}_2\)
उत्तर:
(स) \(\mathrm{R}_2 / \mathrm{R}_1\)
15. किसी वर्ग के एक विकर्ण के दोनों कोनों पर + 10 कूलॉम आवेश वाले व अन्य दोनों कोनों पर तो वर्ग के केन्द्र पर-
(अ) E = 0, V = 0
(ब) E = 0, किन्तु V ≠ 0
(स) E ≠ 0, V ≠ 0
(द) E ≠ 0, V = 0
उत्तर:
(अ) E = 0, V = 0
16. विद्युत द्विध्रुव के कारण किसी बिन्दु पर उत्पन्न क्षेत्र की तीव्रता का मान अनुक्रमानुपाती है-
(अ) r2
(ब) r-2
(स) r-3
(द) r3
उत्तर:
(स) r-3
17. द्विध्रुव आघूर्ण का मात्रक है-
(अ) वोल्ट
(ब) जूल
(स) कूलॉम / मीटर
(द) कूलॉम – मीटर
उत्तर:
(द) कूलॉम – मीटर
18. विद्युत द्विध्रुव के कारण बल आघूर्ण का सूत्र है-
(अ) \(\vec{\tau}=\overrightarrow{\mathrm{p}} \times \overrightarrow{\mathrm{E}}\)
(ब) \(\vec{\tau}=\overrightarrow{\mathrm{E}} \times \overrightarrow{\mathrm{p}}\)
(स) \(\vec{\tau}=\frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \overrightarrow{\mathrm{p}} \times \overrightarrow{\mathrm{E}}\)
(द) \(\vec{\tau}=\vec{p} \cdot \vec{E}\)
उत्तर:
(अ) \(\vec{\tau}=\overrightarrow{\mathrm{p}} \times \overrightarrow{\mathrm{E}}\)
19. HCI अणु में H तथा CI के बीच की दूरी 1.28 A° है तो इस अणु के विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण का मान होगा – ( कूलॉम – मीटर में)
(अ) 1.6 × 10-29
(ब) 1.28 × 10-29
(स) 2.05 × 10-19
(द) 2.05 × 10-29
उत्तर:
(द) 2.05 × 10-29
20. एक विद्युत द्विध्रुव को किसी विद्युत क्षेत्र में रखा गया है तो उस पर लगने वाले बल आघूर्ण का मान होगा-
(अ) PE cos θ
(ब) PE sine θ
(स) pE (1 – cos θ)
(द) शून्य
उत्तर:
(ब) PE sine θ
21. एकसमान विद्युत क्षेत्र में रखा हुआ विद्युत द्विध्रुव अनुभव करता है-
(अ) केवल आघूर्ण
(ब) केवल एक बल
(स) बल व आघूर्ण
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) केवल आघूर्ण
22. यदि एक बन्द घन के अन्दर ±q आवेशों वाले दो द्विध्रुव एक-दूसरे के लम्बवत् रखे हों तो घन से निर्गत कुल विद्युत फ्लक्स होगी-
(अ) \(\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
(ब) \(\frac{2 \mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
(स) \(\frac{\dot{4 q}}{\epsilon_0}\)
(द) शून्य
उत्तर:
(द) शून्य
23. गाउस का नियम किन क्षेत्रों के लिए यथार्थ होता है-
(अ) एकसमान क्षेत्रों के लिए
(ब) सभी क्षेत्रों के लिए
(स) व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन करने वाले क्षेत्रों के लिए
(द) नियम का क्षेत्र से कोई सम्बन्ध नहीं होता है।
उत्तर:
(स) व्युत्क्रम वर्ग के नियम का पालन करने वाले क्षेत्रों के लिए
24. एक द्विध्रुव के कारण उसकी अक्षीय रेखा पर r दूरी पर क्षेत्र एवं उसके लम्ब अर्धक (निरक्षीय रेखा) पर r दूरी पर क्षेत्र की निष्पत्ति होगी-
(अ) 4 : 1
(ब) 1 : 4
(स) 2 : 1
(द) 1 : 2
उत्तर:
(स) 2 : 1
25. परावैद्युत माध्यम (∈r) में गाउस का नियम होता है-
(अ) \(\oint \epsilon_{\mathrm{r}} \mathrm{E} \cdot \mathrm{ds}=\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
(ब) \(\oint \mathrm{E} \cdot \mathrm{ds}=\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
(स) \(\oint \frac{E . d s}{\epsilon_r}=\frac{q}{\epsilon_0}\)
(द) \(\oint \mathrm{E} \cdot \mathrm{ds}=0\)
उत्तर:
(अ) \(\oint \epsilon_{\mathrm{r}} \mathrm{E} \cdot \mathrm{ds}=\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
26. यदि आवेश Q घन के केन्द्र पर स्थित है, तो धन की एक फलक से निकलने वाला विद्युत फ्लक्स होगा-
(अ) \(\frac{\mathrm{Q}}{\epsilon_0}\)
(ब) \(\frac{\mathrm{Q}}{2 \epsilon_0}\)
(स) \(\frac{\mathrm{Q}}{4 \epsilon_0}\)
(द) \(\frac{Q}{6 \epsilon_0}\)
उत्तर:
(द) \(\frac{Q}{6 \epsilon_0}\)
27. एक आवेशित चालक गोला विद्युत क्षेत्र उत्पन्न नहीं करता-
(अ) किसी आन्तरिक बिन्दु पर
(ब) किसी बाहरी बिन्दु पर
(स) 2 मीटर से अधिक दूरी पर
(द) 10 मीटर से अधिक दूरी पर
उत्तर:
(अ) किसी आन्तरिक बिन्दु पर
28. एक बन्द करने वाले पृष्ठ के अन्दर आवेश की स्थिति इस प्रकार से बदली जाती है कि कुल आवेश स्थिर रहता है, बन्द पृष्ठ से विद्युत पलक्स का अभिवाह-
(अ) बढ़ता है
(ब) कम होता है।
(स) अव्यवस्थित रूप से बदलता है।
(द) अपरिवर्तित रहता है
उत्तर:
(द) अपरिवर्तित रहता है
29. एक विद्युत द्विध्रुव को असमान विद्युत क्षेत्र में रखा जाये तो-
(अ) उस पर केवल बल आघूर्ण लगेगा।
(ब) उस पर कोई बल आघूर्ण नहीं लगेगा।
(स) उस पर परिणामी बल व बल आघूर्ण लगेगा।
(द) उस पर सिर्फ एक बल लगेगा।
उत्तर:
(स) उस पर परिणामी बल व बल आघूर्ण लगेगा।
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
किसी वस्तु के धनात्मक एवं ऋणात्मक आवेशित होने का क्या अर्थ है?
उत्तर:
सामान्य अवस्था की तुलना में किसी वस्तु में इलेक्ट्रॉन की कमी उसके धनावेशित होने को तथा इलेक्ट्रॉन की अधिकता उसके ऋणावेशित होने को प्रदर्शित करती है।
प्रश्न 2.
सिल्क से रगड़ी गई काँच की छड़ पर आवेश किस तरह का होता है और फर से रगड़ी गई रबड़ की छड़ पर आवेश किस तरह का होता है?
उत्तर:
क्रमशः धनात्मक आवेश एवं ऋणात्मक आवेश ।
प्रश्न 3.
q1 और q2 इस प्रकार के बिन्दु आवेश हैं कि q1 × q2 > 0 दोनों आवेशों के बीच बल की क्या प्रकृति है ?
उत्तर:
यहाँ पर q1 q2 > 0 है। इसका तात्पर्य है कि q1 > 0 और q2 > 0 या फिर q1, 92 < 0 जब दोनों 91 और 92 2 धनात्मक हों अथवा ऋणात्मक हों। इस प्रकार 91 एवं 92 के बीच बल प्रतिकर्षण का होगा।
प्रश्न 4.
q1 + q2 = 0 स्थिर वैद्युतिकी में क्या दर्शाता है?
उत्तर:
q1 + q2 = 0 ⇒ q1 = – q2 अर्थात् q1 तथा q2 परस्पर परिणाम में बराबर तथा प्रकृति में विपरीत हैं। स्थिर वैद्युतिकी में यह वास्तव में आवेश संरक्षण को दर्शाता है।
प्रश्न 5.
विद्युत आवेश का संरक्षण नियम लिखो ।
उत्तर:
किसी भी विलगित निकाय में आवेशों का कुल बीजीय योग अपरिवर्तित रहता है। गणितीय रूप में q = q+ q– = नियत अर्थात् आवेश को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट किया जा सकता है। बल्कि उन्हें एक वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानान्तरित किया जा सकता है।
प्रश्न 6. आवेश संरक्षण नियम कौन-कौनसी क्रियाओं में होता है?
उत्तर:
(i) नाभिकीय अभिक्रियाओं में
(ii) युग्म उत्पादन प्रक्रिया में
(iii) घर्षण प्रक्रिया में।
प्रश्न 7.
आवेश का क्वांटीकरण क्या है?
उत्तर:
किसी भी आवेशित वस्तु पर आवेश की उत्पत्ति का कारण चाहे कुछ भी क्यों न हो, आवेश सदैव इलेक्ट्रॉन के आवेश का पूर्ण गुणक होता है, अंश गुणक नहीं होता है। गणितीय रूप q = ±ne जहाँ पर n = पूर्ण गुणक संख्या अर्थात् n = 0, 1, 2, 3 ….
प्रश्न 8.
एक स्थिर आवेश कौन-कौनसे बल क्षेत्र उत्पन्न करता है? यदि आवेश एकसमान वेग से गतिमान हो तब ?
उत्तर:
स्थिर आवेश केवल विद्युत क्षेत्र उत्पन्न करता है। एकसमान वेग से गतिमान आवेश विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्र दोनों उत्पन्न करता है।
प्रश्न 9.
आवेशन का कारण क्या है?
उत्तर:
एक वस्तु से दूसरी वस्तु पर इलेक्ट्रॉनों का स्थानान्तरण ।
प्रश्न 10.
वैद्युत आवेश का न्यूनतम सम्भव मान क्या है ?
उत्तर:
e = (±) 1.6 × 10-19 कूलॉम
प्रश्न 11.
वैद्युत आवेश के SI मात्रक (कूलॉम) की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
एक कूलॉम आवेश वह आवेश है जो अपने समान आवेश को वायु या निर्वात् में अपने से 1 मीटर की दूरी पर रखने पर उसे 9 × 109 न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करे।
प्रश्न 12.
क्या एक आवेशित पिण्ड समीपवर्ती अनावेशित पिण्ड को आकर्षित करेगा?
उत्तर;
हाँ, आवेशित पिण्ड प्रेरण द्वारा अनावेशित पिण्ड के समीपवर्ती पृष्ठ पर विपरीत प्रकृति तथा दूरस्थ पृष्ठ पर समान प्रकृति का आवेश उत्पन्न करता है जिससे इसके बीच नेट आकर्षण बल लगने लगता है।
प्रश्न 13.
एक कूलॉम आवेश कितने इलेक्ट्रॉनों के बराबर होता है।
उत्तर:
n = \(\frac{\mathrm{q}}{\mathrm{e}}=\frac{1}{1.6 \times 10^{-19}}\) = 6.25 × 10-18
प्रश्न 14.
निर्वात या वायु में कूलॉम के नियम का सूत्र लिखो ।
उत्तर:
\(\overrightarrow{F_{12}}=\frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \frac{\mathrm{q}_1 \mathrm{q}_2}{\mathrm{r}_{12}^2} \mathrm{r}_{12}^{\wedge}\)
जहाँ पर \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\) = 9 × 109
प्रश्न 15.
कूलॉम का नियम लिखो ।
उत्तर:
दो बिन्दु आवेशों के मध्य आकर्षण या प्रतिकर्षण बल (F) आवेशों के परिमाण q1 तथा q2 के गुणनफल के समानुपाती होता है, तथा आवेशों के मध्य दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती \(\left(1 / r^2\right)\) होता है।
प्रश्न 16.
दो बिन्दु आवेशों के मध्य बल किस प्रकार परिवर्तित होगा ? यदि उन्हें जिस माध्यम में रखा जाता है उसका परावैद्युतांक बढ़ जाए?
उत्तर:
यदि किसी एक माध्यम का परावैद्युतांक बढ़ता है, तो बिन्दु आवेशों के बीच में बल घट जाएगा।
प्रश्न 17.
दो वैद्युत आवेश q1 तथा q2 इस प्रकार के आवेश हैं कि (i) q1q2 > 0, (ii) q1q2 < 0 तो उनके बीच वैद्युत बल की प्रकृति क्या होगी?
उत्तर:
- प्रतिकर्षणात्मक (चूँकि इस दशा में दोनों आवेश समान प्रकृति के होंगे)
- आकर्षणात्मक (चूँकि इस दशा में दोनों आवेश विपरीत प्रकृति के होंगे)।
प्रश्न 18.
किसी माध्यम में दो वैद्युत आवेशों के बीच वैद्युत बल F है उनके बीच की दूरी d है इनको परस्पर कितनी दूरी पर रखा जाये ताकि वैद्युत बल (i) 3F (ii) \(\frac{F}{4}\) हो जाये?
उत्तर:
प्रश्न 19.
किसी माध्यम के परावैद्युतांक की परिभाषा दीजिए। उत्तर – किसी माध्यम की निरपेक्ष विद्युतशीलता तथा वायु या निर्वात की विद्युतशीलता का अनुपात माध्यम का परावैद्युतांक (सापेक्ष विद्युतशीलता) कहलाता है।
अतः ∈ = \(\frac{\epsilon}{\epsilon_0}\) या ∈ = ∈0∈r है।
प्रश्न 20.
समान आवेश से युक्त दो बिन्दु आवेश परस्पर 1 मीटर दूरी पर रखे होने पर 8N बल का अनुभव करते हैं। यदि ये आवेश इतनी ही दूरी पर जल में रख दिये जायें तो उनके बीच कितना बल अनुभव होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं-
\(\mathrm{F}_{\mathrm{m}}=\frac{\mathrm{F}_{\mathrm{a}}}{\mathrm{m}}=\frac{8 \mathrm{~N}}{80}=0.1 \mathrm{~N}\)
प्रश्न 21. धातुओं के परावैद्युतांक का मान कितना होता है ?
उत्तर:
अनन्त ।
प्रश्न 22.
आवेशों के अध्यारोपण का सिद्धान्त क्या है ?
उत्तर:
इस सिद्धान्त के अनुसार आवेशों q1, q2, ….. qn के किसी निकाय में आवेश q1 पर q2 द्वारा लगा बल कूलॉम नियम द्वारा लगे बल के समान होता है अर्थात् यह अन्य आवेशों q3, q4, ……. qn की उपस्थिति से प्रभावित नहीं होता। आवेश q1 पर सभी आवेशों द्वारा लगा कुल बल \(\vec{F}_1\) में तब
प्रश्न 23.
किसी बिन्दु \(\overrightarrow{\mathbf{r}}\) पर आवेश Q द्वारा उत्पन्न विद्युत क्षेत्र का मान कितना होता है?
उत्तर:
\( \overrightarrow{\mathrm{E}}=\frac{1}{4 \pi \epsilon_0} \frac{Q}{\mathrm{r}^2} \hat{\mathrm{r}}\)
प्रश्न 24.
विद्युत क्षेत्र E में रखे आवेश Q पर कार्यरत बल कितना होता है?
उत्तर:
बल \(\overrightarrow{\mathrm{F}}=\overrightarrow{\mathrm{QE}}\)
प्रश्न 25.
क्या वैद्युत क्षेत्र तीव्रता एक अदिश या एक सदिश राशि है ?
उत्तर:
वैद्युत क्षेत्र तीव्रता एक सदिश राशि है ।
प्रश्न 26.
उस भौतिक राशि को बताओ जिसका मात्रक न्यूटन / कूलॉम है।
उत्तर:
वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता ।
प्रश्न 27.
किसी बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
वैद्युत क्षेत्र के किसी बिन्दु पर एकांक परीक्षण धनावेश पर कार्य करने वाला वैद्युत बल उस बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता कहलाता है ।
E = \(\lim _{q_0 \rightarrow 0}\left(\frac{F}{q_0}\right)\)
प्रश्न 28.
दो विद्युत बल रेखाएँ आपस में एक-दूसरे को क्यों नहीं काट सकती हैं?
उत्तर:
बल रेखायें परस्पर एक-दूसरे को नहीं काटती हैं, क्योंकि यदि वे परस्पर काटेंगी तो कटान बिन्दु पर दो स्पर्श रेखायें दो परिणामी क्षेत्र को व्यक्त करेंगी जो कि असम्भव है।
प्रश्न 29
बिन्दु आवेशों के कारण बल रेखाएँ खींचिए जब (i) q < 0 तथा (ii) q > 0
उत्तर:
प्रश्न 30.
चित्र में रेखाओं द्वारा प्रदर्शित विद्युत क्षेत्र किस प्रकार का होता है?
उत्तर:
विद्युत क्षेत्र का परिमाण तथा दिशा दोनों ही परिवर्ती हैं। अतः विद्युत क्षेत्र असमान (non-uniform ) है ।
प्रश्न 31.
वैद्युत फ्लक्स को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
किसी क्षेत्रफल अवयव \(\overrightarrow{\Delta S}\) से गुजरने वाले वैद्युत फ्लक्स ∆Φ की परिभाषा इस प्रकार करते हैं-
∆Φ = \(\overrightarrow{\mathrm{E}} \cdot \overrightarrow{\Delta \mathrm{S}}\) = E ∆S cos θ
यहाँ पर θ क्षेत्र अवयव \(\overrightarrow{\Delta \mathrm{S}}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) के बीच का कोण है।
प्रश्न 32.
एकसमान विद्युत क्षेत्र में विद्युत बल रेखाओं की प्रकृति
उत्तर:
एकसमान विद्युत क्षेत्र में बल रेखाएँ सरल रेखीय समानान्तर और समान दूरी पर होती हैं। जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है-
प्रश्न 30 का भी अवलोकन करें। वह असमान विद्युत क्षेत्र है।
प्रश्न 33.
वैद्युत द्विध्रुव को परिभाषित कीजिए। इसका मात्रक लिखिए।
उत्तर:
दो परिमाण में समान तथा प्रकृति में विपरीत बिन्दु आवेशों के अति निकट स्थित युग्म को विद्युत द्विध्रुव कहते हैं। इसका मात्रक कूलॉम मीटर होता है।
प्रश्न 34.
किस विन्यास में एक वैद्युत द्विध्रुव किसी एकसमान वैद्युत क्षेत्र के अन्तर्गत रखा होने पर
(i) स्थायी तथा
(ii) अस्थायी सन्तुलन में होगा ?
उत्तर:
(i) जब वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) तथा वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) की दिशा एक ही हो।
(ii) जब \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) परस्पर विपरीत दिशा में हों।
प्रश्न 35.
\(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) द्विध्रुव आघूर्ण का एक द्विध्रुव एकसमान वैद्युत क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) में रखा है। \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) के बीच के कोण का वह मान लिखिए जिसके लिए द्विध्रुव द्वारा अनुभव किया गया बल आघूर्ण न्यूनतम हो ।
उत्तर:
θ = 0°
( ∵ τ = PE sin θ तथा τ minके लिए sin θ = 0 ⇒ θ = 0°)
प्रश्न 36.
विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण सदिश राशि की दिशा क्या होती है?
उत्तर:
ऋणात्मक से धनात्मक आवेश की ओर।
प्रश्न 37.
किसी समरूप विद्युत क्षेत्र में रखे विद्युत द्विध्रुव पर परिणामी बल कितना होता है?
उत्तर:
शून्य ।
प्रश्न 38. एक छोटे विद्युत द्विध्रुव के कारण इसके अक्ष तथा निरक्ष पर वैद्युत क्षेत्र तीव्रताओं में क्या सम्बन्ध है?
उत्तर-
Eअबीय– = 2E निरक्षीय
प्रश्न 39.
जब एक वैद्युत द्विध्रुव को असमान विद्युत क्षेत्र में रखते हैं, तो क्या यह एक बल का अनुभव करता है?
उत्तर:
हाँ, यह असमान विद्युत क्षेत्र में बल का अनुभव करता है।
प्रश्न 40.
बल आघूर्ण का परिमाण का मान कितना होता है और इसकी दिशा भी बताइए ।
उत्तर:
बल आघूर्ण का परिमाण = qE . 2a sin θ
= 2qaE sin θ
इसकी दिशा \(\overrightarrow{\mathrm{P}}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) के तल के अभिलम्बवत् दायें हाथ के पेच के नियम से दी जाती है। लेकिन
p = 2ap
∴ बल आघूर्ण का परिमाण = pE sin θ
प्रश्न 41.
गाउस का नियम क्या है?
अथवा
गाउस नियम का कथन लिखिये।
उत्तर:
मुक्त आकाश में किसी बन्द पृष्ठ में से गुजरने वाले कुल विद्युत फ्लक्स का मान पृष्ठ द्वारा घेरे गए आवेश का \( \frac{1}{\epsilon_0}\)
किसी बन्द पृष्ठ S से गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स
Φ = \( \frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
यहाँ q, पृष्ठ S द्वारा परिबद्ध कुल आवेश है।
प्रश्न 42.
गाउसियन पृष्ठ क्या है?
उत्तर:
किसी आवेश चारों ओर का वह गाउसियन पृष्ठ है जिसके सभी बिन्दुओं पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता समान हो और विद्युत फ्लक्स सदैव पृष्ठ के लम्बवत् हो ।
प्रश्न 43.
गाउसियन पृष्ठ का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
गाउसियन पृष्ठ के सिद्धान्त से सममित आवेश वितरण के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करने में सहायता मिलती है।
प्रश्न 44.
क्या विद्युत फ्लक्स का मान गाउसीय पृष्ठ की आकृति पर निर्भर करता है?
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 45.
क्या एक खोखले गोले की अपेक्षा समान त्रिज्या के ठोस चालक गोले को अधिक आवेशित किया जा सकता है? कारण भी बताइए।
उत्तर:
नहीं, क्योंकि आवेशित चालक का सम्पूर्ण आवेश सदैव चालक के बाह्य पृष्ठ पर होता है।
प्रश्न 46.
किसी बन्द पृष्ठ में से विद्युत फ्लक्स का मान शून्य है। इसका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
इसका तात्पर्य है कि अन्दर की ओर विद्युत फ्लक्स का मान बाहर की ओर विद्युत फ्लक्स के बराबर है।
प्रश्न 47.
किसी गोले के पृष्ठ में से इसके बाहर स्थित बिन्दु आवेश के कारण विद्युत फ्लक्स का मान लिखो ।
उत्तर:
गाउस प्रमेय से
Φ = \(\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
∵ q = 0, इसलिए Φ = 0
प्रश्न 48.
किसी गाउसियन पृष्ठ में है। पृष्ठ में से परिणामी विद्युत फ्लक्स की गणना कीजिए।
उत्तर:
गाउसियन पृष्ठ द्वारा घेरा गया कुल आवेश
= -q + 3q – 2q = 0
अब Φ = \(\frac{q}{\epsilon_0}\) = 0
∵ q = 0
प्रश्न 49.
7.0 सेमी त्रिज्या के एक गुब्बारे में अन्दर की और फ्लक्स 2.0 × 103 NmC-1 है। यदि गुब्बारे की त्रिज्या दोगुनी कर दी जाए, तो फ्लक्स का मान कितना होगा?
उत्तर:
यह मान अपरिवर्तित रहेगा क्योंकि गाउसियन पृष्ठ द्वारा घेरा गया आवेश समान रहता है।
प्रश्न 50.
बिन्दु आवेश तथा रेखीय आवेश के कारण वैद्युत क्षेत्र दूरी के साथ कैसे परिवर्तित होता है?
उत्तर:
प्रश्न 51.
एकसमान आवेशित अनन्त समतल चादर के कारण विद्युत क्षेत्र का मान ज्ञात करने का सूत्र लिखो ।
उत्तर:
\(\overrightarrow{\mathrm{E}}=\frac{\sigma}{2 \epsilon_0} \hat{n}\)
यहाँ तल के अभिलम्बवत् इससे दूर जाता हुआ इकाई सदिश है।
प्रश्न 52.
एकसमान आवेशित पतले गोलीय खोल के कारण विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान ज्ञात करने का सूत्र लिखो ।
उत्तर:
(i) खोल के बाहर विद्युत क्षेत्र
E = \(\frac{q}{4 \pi \epsilon_0 r^2}\)
यहाँ पर q = 4πR2σ गोलीय खोल पर कुल आवेश है।
सदिश रूप \(\vec{E}=\frac{q}{4 \pi \epsilon_0 r^2} \hat{r}\)
(ii) खोल के भीतर विद्युत क्षेत्र एकसमान आवेशित पतले गोलीय खोल के कारण उसके भीतर स्थित सभी बिन्दुओं पर विद्युत क्षेत्र शून्य है।
प्रश्न 53.
क्या एक मीटर त्रिज्या के धातु के गोले को 1 कूलॉम आवेश दिया जा सकता है?
उत्तर:
नहीं, क्योंकि गोले के पृष्ठ पर E = \(\frac{\mathrm{kq}}{\mathrm{R}^2}\)
यह मान वायु में विद्युत क्षेत्र के 3 x 106 वोल्ट / मीटर से अधिक हो जाने पर वायु आयनित हो जायेगी जिससे हो जायेगा।
प्रश्न 54.
विद्युत क्षेत्र रेखाओं के कोई दो गुण लिखिए।
उत्तर:
(i) विद्युत बल रेखा के किसी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर परिणामी विद्युत क्षेत्र की दिशा व्यक्त करती है।
(ii) विद्युत बल रेखायें धन आवेश चलकर ऋण आवेश पर समाप्त हो जाती हैं।
नोट – छात्र विद्युत क्षेत्र रेखाओं के अन्य गुण भी लिख सकते हैं।
प्रश्न 55.
01 सेमी त्रिज्या के गोलाकार गाउसीय पृष्ठ के अन्दर ± 1 µC आवेश का विद्युत द्विध्रुव स्थित है । गाउसीय पृष्ठ से निर्गत विद्युत फ्लक्स का मान लिखिए ।
उत्तर:
गाउसीय पृष्ठ से निर्गत विद्युत फ्लक्स
Φ = \(\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\)
यहाँ पर ∈0 वायु या निर्वात की विद्युतशीलता है। दिये गये प्रश्न में आवेशों का बीजगणितीय योग शून्य है। इसलिये गाउसीय पृष्ठ से निर्गत विद्युत फ्लक्स का मान शून्य होगा।
प्रश्न 56.
10 सेमी त्रिज्या के आवेशित गोलीय कोश की सतह पर 10 V विभव है। इसके केन्द्र से 5 सेमी दूर विभव का मान लिखिए।
उत्तर:
गोलीय पृष्ठ के भीतर सभी बिन्दुओं पर विभव एक समान होता है और इसका मान वही होता है जो कि गोलीय आवेश के पृष्ठ पर होता है अर्थात् इसके केन्द्र से 5 सेमी दूर विभव का मान 10 वोल्ट होगा।
लघुत्तरात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1.
दो बिन्दु आवेश एक-दूसरे से d दूरी पर रखे हैं। इनके कारण किसी बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य है। परन्तु बिन्दु इन आवेशों के बीच में नहीं है बल्कि उनको जोड़ने वाली रेखा पर है, ऐसा होने के लिए दो आवश्यक शर्तें लिखिए।
उत्तर:
(i) दोनों आवेश विपरीत प्रकृति के होने चाहिए।
(ii) बिन्दु के निकट स्थित आवेश का परिमाण कम तथा दूसरे आवेश का परिमाण अधिक होना चाहिए।
प्रश्न 2.
जब कागज़ के टुकड़े को किसी आवेशित वस्तु के पास ले जाया जाता है, तो यह उस वस्तु की ओर आकर्षित होता है, परन्तु वस्तु से स्पर्श करने के पश्चात् यह नीचे गिर जाता है। ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर:
जब कागज के टुकड़े को आवेशित वस्तु के पास ले जाया जाता है, तो इसके परमाणु आवेश के द्वारा धुवित ( Polarised) हो जाते हैं, जिससे परिणामी आकर्षण बल उत्पन्न होता है, जैसे ही कागज आवेशित वस्तु से स्पर्श करता है, इसका ध्रुवण समाप्त हो जाता है। इस प्रकार आकर्षण बल की अनुपस्थिति में कागज का टुकड़ा गिर जाता है।
प्रश्न 3.
हाथ में ली हुई एबोनाइट छड़ को फ्लालेन से रगड़कर इसको आवेशित किया जा सकता है परन्तु ताँबे की छड़ इस तरह आवेशित नहीं की जा सकती, क्यों?
उत्तर:
ताँबे की छड़ और मानव शरीर दोनों ही विद्युत के सुचालक हैं अतः इनको रगड़ने पर इस पर उत्पन्न प्रेरित आवेश मानव शरीर से होता हुआ पृथ्वी में चला जाता है इसलिए इसको आवेशित नहीं किया जा सकता। इसके विपरीत ऐबोनाइट की छड़ विद्युत की कुचालक है अतः इस पर प्रेरित आवेश इसी पर ठहरा रहता है। इसलिए इसको आवेशित किया जा सकता है।
प्रश्न 4.
यदि हम कुछ समय तक नंगे पैर नायलॉन चटाई पर चलकर दरवाजे में लगे धातु के हत्थे (handle) को छू लें, तो हमें बिजली का सा झटका लगता है। ऐसा क्यों होता है?
उत्तर:
चलते समय हमारे पैर चटाई पर रगड़ खाते हैं, जिससे हमारा शरीर आवेशित हो जाता है। हत्थे को छूने पर हमारे शरीर से आवेश उसमें प्रवाहित होता है जिससे हमें झटका लगता है।
प्रश्न 5.
आपको रेशमी कपड़े से रगड़ी हुई काँच की छड़ दी गई है तथा कुचालक स्टैण्डों पर रखे हुए दो अनावेशित गोले भी दिए गए हैं। आप इन गोलों को बराबर तथा विपरीत आवेशों से किस प्रकार आवेशित करेंगे?
उत्तर:
जब काँच की छड़ को रेशमी कपड़े के टुकड़े से रगड़ा जाता है, तो यह धनात्मक आवेशित हो जाता है। हम गोलों को सम्पर्क में रखकर तथा इनके निकट चित्र (a) में दर्शाए अनुसार काँच की छड़ को ले जाते हैं। गोले A का निकटवर्ती भाग ऋणात्मक आवेशित तथा गोले B का दूरवर्ती भाग धनात्मक आवेशित हो जाता है। गोलों को थोड़ा- सा दूर किया जाता है तथा अन्य में छड़ को पूर्णतया हटा लिया जाता है। चित्र (b) में दर्शाए अनुसार गोले पर बराबर और विपरीत आवेश प्राप्त हो जाते हैं।
प्रश्न 6.
यदि एक कंघा सूखे बालों से गुजारा जाये तो यह कागज के सूक्ष्म टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करता है। क्यों? यदि बाल भीगे हों या बरसात हो रही हो तो क्या होगा?
उत्तर:
जब कंधे को सूखे बालों से गुजारते हैं तो घर्षण के कारण यह आवेशित हो जाता है। जब बाल भीगे हों या बरसात हो रही है तो घर्षण बहुत कम हो जाता है अतः कंघा आवेशित नहीं हो पाता है। इस कारण यह कागज के छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पाता।
प्रश्न 7.
क्या दो धनात्मक आवेशित गेंदें एक-दूसरे को आकर्षित करती हैं?
उत्तर:
हाँ, जब पहली वाली गेंद पर आवेश दूसरी वाली गेंद की तुलना में अधिक है तो प्रेरण के कारण दूसरी गेंद पर विपरीत प्रकृति का कुछ आवेश प्रेरित हो जाता है। अतः दूसरी गेंद, पहली गेंद की ओर आकर्षण बल अनुभव करेगी।
प्रश्न 8.
किसी वैद्युत क्षेत्र में कोई इलेक्ट्रॉन रखा है। यदि इसके स्थान पर एक प्रोटॉन रख दिया जाये तो इनके द्वारा अनुभव किये बलों में क्या सम्बन्ध होगा?
उत्तर:
चूँकि F = qE तथा इलेक्ट्रॉन तथा प्रोटॉन प्रत्येक पर आवेश का परिमाण बराबर होता है तथा प्रकृति विपरीत होती है अतः प्रत्येक पर लगे बलों के परिमाण तो बराबर होंगे परन्तु दिशायें परस्पर विपरीत होंगी।
प्रश्न 9.
ठीक बराबर द्रव्यमान के सर्वसम धातु के दो गोले लिए गए हैं। एक को q ऋणावेश तथा दूसरे को उतने ही धनावेश से आवेशित किया गया है क्या दोनों गोलों के द्रव्यमान में कोई अन्तर आयेगा? यदि हाँ तो क्यों ?
उत्तर:
जिस गोले को धनावेश से आवेशित किया गया है, उससे कुछ इलेक्ट्रॉन निकाल लिए गए होंगे तथा जिस गोले को ऋणावेश से आवेशित किया गया है, उसको कुछ अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन बाहर से दे दिये गये होंगे अतः इसका अर्थ यह है कि गोलों के द्रव्यमानों में अन्तर आयेगा अर्थात् धनावेशित गोले का द्रव्यमान कम हो जायेगा और ऋणावेशित गोले का द्रव्यमान बढ़ जायेगा। चूँकि दोनों गोले समान परिमाण q के आवेश से आवेशित किये गये हैं तथा q = ne (जहाँ पर n= निकाले गये अथवा दिये गये इलेक्ट्रॉनों की संख्या है और e = इलेक्ट्रॉन के तुल्य आवेश = 1.6 × 10-19 कूलॉम) अतः धनावेशित गोले के द्रव्यमान में जितनी कमी आयेगी, ऋणावेशित गोले के द्रव्यमान में उतनी ही वृद्धि हो जायेगी।
प्रश्न 10.
दो आवेश वायु में कुछ दूरी पर रख दिये गये हैं-
(अ) यदि उनके बीच एक काँच की स्लेब जिसका परावैद्युतांक 8 है रख दी जाये तो उनके बीच कार्य करने वाले बल के परिमाण में क्या परिवर्तन होगा?
(ब) यदि पीतल का टुकड़ा रख दिया जाये तो क्या होगा ?
उत्तर:
एक-दूसरे सेr दूरी पर वायु में स्थित q1 व q2 परिमाण के आवेशों के बीच वैद्युत-बल क्रमशः होंगे-
Img-1
(अ) अतः आवेशों के बीच ∈r = 8 परावैद्युतांक की काँच की स्लेब
रखने पर बल प्रारम्भिक बल का \(\frac{1}{8}\) रह जायेगा।
(ब) पीतल के टुकड़े के लिए ६० अतः इस दशा में शून्य होगा।
प्रश्न 11.
दो प्रोटॉन व दो इलेक्ट्रॉन स्वतन्त्रतापूर्वक समान दूरियों पर लटके हुए हैं। प्रोटॉन व इलेक्ट्रॉन के बीच में प्रतिकर्षण बल की तुलना कीजिए ।
उत्तर:
दो प्रोटॉनों व दो इलेक्ट्रॉनों के बीच प्रतिकर्षण बल समान होंगे क्योंकि आवेश का परिमाण प्रोटॉन व इलेक्ट्रॉन पर समान होता है और साथ में दोनों के बीच की दूरियाँ भी समान हैं।
प्रश्न 12.
ज्वलनशील पदार्थ ले जाने वाले वाहन सामान्यतया धातु के रस्सों से इस प्रकार बंधे रहते हैं कि रस्सी पृथ्वी को स्पर्श करती है। क्यों?
उत्तर:
गति करते हुए वाहन हवा के घर्षण के कारण कुछ आवेशित हो जाते हैं। साथ ही टायर सड़क के घर्षण के कारण आवेशित हो जाते हैं। यह पृथ्वी के स्पर्श करते धातु के रस्से उत्पन्न आवेश को पृथ्वी को विसर्जित करते रहते हैं अन्यथा पदार्थ में आग लगने का भय रहता है।
प्रश्न 13.
क्या किसी आवेशित वस्तु ‘A’ का सम्पूर्ण आवेश अन्य किसी वस्तु ‘B’ को स्थानान्तरित किया जा सकता है? यदि हाँ तो कैसे सम्भव होगा, यदि नहीं तो क्यों ?
उत्तर:
हाँ, किसी वस्तु A का कुल आवेश अन्य किसी चालक वस्तु B को स्थानान्तरित किया जा सकता है जब वस्तु A को वस्तु B पूर्ण रूप से ढक तथा इसको किसी तार द्वारा सम्बन्धित कर दिया जाये। यह आवेश की मूल प्रकृति के कारण सम्भव है क्योंकि आवेश सदैव चालक की बाहरी सतह पर स्थिर रहता है।
प्रश्न 14.
साधारण रबर विद्युत की कुचालक होती है जबकि वायुयान के पहियों के टायर एक विशेष प्रकार की रबर के बने सूक्ष्म मात्रा में चालक होते हैं। ऐसा करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
वायुयान के टायरों को विशेष चालक रबर का बनाना इसलिए आवश्यक है कि टायर और पृथ्वी की सतह के मध्य घर्षण के कारण उत्पन्न विद्युत पृथ्वी में चली जाये। टायर सुरक्षित रहें।
प्रश्न 15.
आवेश और द्रव्यमान में दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
(i) आवेश शून्य, धनात्मक तथा ऋणात्मक कोई भी हो सकता है परन्तु द्रव्यमान सदैव धनात्मक होता है।
(ii) वैद्युत आवेश कण की गति के जबकि द्रव्यमान कण की गति के वेग परवेग पर निर्भर नहीं करता है। भी निर्भर करता है।
प्रश्न 16.
यदि लघु वैद्युत द्विध्रुव के केन्द्रीय बिन्दु से प्रेक्षण बिन्दु की दूरी आधी कर दी जाये तो वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता कितनी गुना हो जायेगी?
उत्तर:
लघु वैद्युत द्विध्रुव के अक्षीय तथा निरक्षीय दोनों स्थितियों में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
प्रश्न 17.
एक वैद्युत द्विध्रुव के अक्ष पर रखे एक बिन्दुवत आवेश पर F बल लगता है। यदि बिन्दुवत आवेश की द्विध्रुव से दूरी दुगुनी कर दी जाये तो उस पर क्या बल लगेगा? कारण भी स्पष्ट करें।
उत्तर:
विद्युत द्विध्रुव के कारण इससे r दूरी पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) का परिमाण E होगा ।
इसका मान E = \(\left(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\right) \cdot\left(\frac{2 p}{r^3}\right)\)
इसलिए इस बिन्दु पर रखे बिन्दु आवेश पर बल का परिमाण \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) का परिमाण F = qE
अतः =\(\left(\frac{1}{4 \pi \in_0}\right) \cdot\left(\frac{2 \mathrm{pq}}{\mathrm{r}^3}\right) \Rightarrow F \propto \frac{1}{\mathrm{r}^3}\)
अतः दूरी r को दुगुनी करने पर \(\frac{1}{8}\) गुना हो जायेगा अर्थात् \(\frac{F}{8}\)
प्रश्न 18.
कूलॉम बल (F) का (r) के साथ विचरण का ग्राफ खीचिये । जहाँ प्रत्येक आवेश युग्म (1μC, 2μC) तथा (2μC, -3μC) के दोनों आवेशों के बीच की दूरी है। प्राप्त ग्राफ की विवेचना कीजिए।
हल – आवेश युग्म (1μC तथा 2μC) के आवेशों के बीच वैद्युत बल F प्रतिकर्षणात्मक होगा और आवेश युग्म (2μC, -3μC) के आवेशों के बीच वैद्युत बल F आकर्षणात्मक होगा।
प्रश्न 19.
दो वैद्युत आवेश +Q तथा -Q(x – y) तल में क्रमशः बिन्दुओं (-x2, 0) तथा (x1, 0) पर रखे हैं। मूल बिन्दु (0,0) पर परिणामी वैद्युत क्षेत्र का परिमाण तथा दिशा ज्ञात कीजिए।
हल – दी गई आवेशों की स्थितियों को चित्र में दिखाया गया है। बिन्दु A पर + Q आवेश के कारण मूल बिन्दु O पर वैद्युत क्षेत्र की
तीव्रता \(\overrightarrow{\mathrm{E}_1}\) का परिमाण,
प्रश्न 20.
एक बन्द पृष्ठ के अन्दर एक वैद्युत द्विध्रुव रखा है, जिसका द्विध्रुव आघूर्ण 20 × 10 -6 कूलॉम मीटर है इस पृष्ठ से निकलने वाला वैद्युत फ्लक्स कितना होगा?
उत्तर:
वैद्युत द्विध्रुव के सिरों पर समान परिमाण तथा विपरीत प्रकृति के आवेश होते हैं। अतः बन्द पृष्ठ के अन्दर कुल आवेश q शून्य होगा। इसलिए गाउस प्रमेय के अनुसार इस पृष्ठ से निकलने वाला वैद्युत फ्लक्स
Φ = \(\frac{q}{\epsilon_0}\)
Φ = शून्य
प्रश्न 21.
धातु का एक छोटा गोला जिस पर +Q आवेश है, एक बड़े अनावेशित धातु के गोले की गुहिका (cavity) में रखा है।
जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। बिन्दुओं P1 तथा P2 पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता का मान गाउस के नियम से ज्ञात कीजिए ।
हल – P1 बिन्दु से गुजरते हुए एक गौसियन पृष्ठ की कल्पना करने पर इससे गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स
चूँकि बिन्दु P2 धातु के गोले के अन्दर स्थित है तथा किसी चालक धातु के अन्दर प्रत्येक बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होती है। अतः P2 पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता = शून्य
प्रश्न 22.
त्रिज्या r तथा लम्बाई l के एक बेलनाकार पृष्ठ आवेश घनत्व तथा अनन्त लम्बाई का पतला, सीधा चालक तार परिबद्ध है। बेलनाकार पृष्ठ की अक्ष तार की लम्बाई से संपाती है। बेलनाकार पृष्ठ से विद्युत फ्लक्स के लिए व्यंजक ज्ञात कीजिए ।
उत्तर:
अनन्त रेखीय आवेश के कारण उससे दूरी पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
बेलनाकार पृष्ठ पर विद्युत क्षेत्र उसके लम्बवत् होगा।
अतः क्षेत्रफल सदिश व विद्युत क्षेत्र समान दिशा में होंगे।
अतः बेलनाकार पृष्ठ से निर्गत विद्युत फलक्स
प्रश्न 23.
1 KV से त्वरित एक इलेक्ट्रॉन 5 किमी. दूरी से एक अनन्त विस्तार की चालक प्लेट की ओर लम्बवत दिशा में गतिशील है। चालक प्लेट पर न्यूनतम पृष्ठ आवेश घनत्व की गणना कीजिए ताकि इलेक्ट्रॉन प्लेट से न टकरा सके।
उत्तर:
आवेशित चालक प्लेट के कारण विद्युत क्षेत्र
इलेक्ट्रॉन पर बल F = (e)E = \(\frac{\mathrm{e} \sigma}{\epsilon_0}\)
1 KV से त्वरित होने पर इलेक्ट्रॉन की गतिज ऊर्जा = 1 Kev
= 1000 × 1.6 × 10-19 जूल
= 1.6 × 10-16 जूल
अतः Fd = 1.6 × 10-16जूल
चूँकि किया गया कार्य ही ऊर्जा होती है।
प्रश्न 24.
चित्र में प्रदर्शित गोले S1 तथा S2 से गुजरने वाले वैद्युत फ्लक्स की गणना कीजिए । चित्र में दिखाए गए तार AB के आवेश का रेखीय घनत्व λ = Kx है जहाँ x = तार के सिरे A से इसकी लम्बाई के अनुदिश मापी गई दूरी है।
उत्तर:
प्रश्न 25.
L मीटर भुजा का वर्गाकार पृष्ठ कागज के तल में रखा हुआ है एक समान वैद्युत क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathbf{E}}\) भी कागज के तल में ही है तथा यह चित्रानुसार पृष्ठ के निचले आधे भाग तक ही सीमित है। तल से बद्ध वैद्युत फ्लक्स कितना होगा?
उत्तर:
हम जानते हैं किसी तल से गुजरने वाला वैद्युत फ्लक्स
Φ = \(\oint \overrightarrow{\mathrm{E}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{d} s}\)
यहाँ पर वर्गाकार पृष्ठ के ऊपरी तल में कोई विद्युत क्षेत्र नहीं है। अतः E= O होने से इस भाग से कोई वैद्युत फ्लक्स नहीं गुजरेगा। वर्गाकार पृष्ठ के नीचे के आधे तल में क्षेत्रफल सदिश \(\overrightarrow{\mathrm{ds}}\) वैद्युत क्षेत्र \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) के लम्बवत होगा। अतः
\(\overrightarrow{\mathrm{E}} \cdot \overrightarrow{\mathrm{ds}}\) = Eds cos 90° = 0
इसलिए वर्गाकार पृष्ठ के निचले तल से भी कोई वैद्युत फ्लक्स नहीं गुजरेगा अर्थात् वैद्युत फ्लक्स शून्य होगा। इसलिए सम्पूर्ण वर्गाकार पृष्ठ से बद्ध वैद्युत फ्लक्स शून्य होगा ।
प्रश्न 26.
निम्नलिखित के कारण समविभव पृष्ठों का चित्रण कीजिए:
(i) कोई विद्युत् द्विध्रुव
(ii) किसी दूरी के पृथकन पर स्थित दो सर्वसम धनावेश ।
उत्तर:
आंकिक प्रश्न-
प्रश्न 1.
(अ) 12.5 × 108 इलेक्ट्रॉन पर कितना आवेश होगा ?
(ब) 1 कूलॉम आवेश तथा 1 इलेक्ट्रॉन आवेश में कौन बड़ा है? 1 कूलॉम आवेश में कितने इलेक्ट्रॉनिक आवेश होंगे?
हल- (अ) 1 इलेक्ट्रॉन पर आवेश = 1.6 × 10-19 कूलॉम अतः n = 12.5 × 108 इलेक्ट्रॉनों पर आवेश
q = ne
= (12.5 × 108) × (1.6 × 10-19) कूलॉम
= 20.00 × 10-11 कूलॉम
= 2.0 × 10-10 कूलॉम (ऋणात्मक)
(ब) 1 इलेक्ट्रॉन के आवेश से 1 कूलॉम आवेश बड़ा होता है। q = 1 कूलॉम आवेश में यदि n इलेक्ट्रॉनिक आवेश हो तो
प्रश्न 2.
दो बिन्दु आवेश + 3μC तथा -3μC एक-दूसरे से 20 सेमी. दूरी पर निर्वात में रखे हैं। (i) दोनों आवेशों को जोड़ने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र क्या होगा ? (ii) यदि इस मध्य-बिन्दु पर एक 1.5 × 10 -9C का आवेश रखा जाये तो इस आवेश पर कितना बल लगेगा?
हल-
(i) q1 = 3μC
= 3 × 10-6 C आवेश से AB के मध्य बिन्दु
पर M पर उत्पन्न वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता है \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) जहाँ पर r = AM = 10 सेमी. = 0.10 मीटर का परिमाण
\(\overrightarrow{\mathrm{E}_1}\) की दिशा धन आवेश से दूर अर्थात् M से B की ओर होगी। इसी प्रकार q2 – 3μC = -3 × 106C आवेश के कारण
वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता \(\overrightarrow{\mathrm{E}_2}\) का परिमाण 2.7 × 106 न्यूटन/कूलॉम ही होगी तथा E2 की दिशा (ऋणात्मक की ओर) अर्थात् M से B की ओर होगी।
बिन्दु M पर \(\overrightarrow{\mathrm{E}_1}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}_2}\) दोनों एक ही दिशा में हैं। अतः M
पर परिणामी तीव्रता \(\overrightarrow{\mathrm{E}_1}\) का परिमाण \(\overrightarrow{\mathrm{E}_1}\) तथा \(\overrightarrow{\mathrm{E}_2}\) के परिमाणों के योग के बराबर होगा तथा इसकी दिशा भी M से B की ओर होगी।
इसलिए E = E1 + E2
= 2.7 × 106 + 2.7 × 106
= 5.4 × 106 न्यूटन/कूलॉम
(ii) बिन्दु M पर स्थित आवेश q = 1.5 × 10-9 कूलॉम
आवेश द्वारा अनुभव किये गये बल का परिमाण
F = qE से ज्ञात किया जा सकता है।
F = qE = 1.5 × 10-9 × 5.4 × 106
= 8.10 × 10-3 न्यूटन
चूँकि q धनावेश है, अतः इस पर बल \(\overrightarrow{\mathrm{F}}\) की दिशा भी \(\overrightarrow{\mathrm{E}}\) की दिशा में होगी
अर्थात् M से B की ओर होगी।
प्रश्न 3.
समान आवेश वाले दो धनायन एक-दूसरे को 3.7 × 10-9 न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करते हैं जबकि उनके बीच की दूरी 5A है। प्रत्येक आयन में सामान्य अवस्था की तुलना में कितने इलेक्ट्रॉन कम हैं?
हल-माना प्रत्येक आयन पर धनावेश का परिमाण = q कूलॉम
उनके बीच प्रतिकर्षण बल F = 3.7 × 10-9 न्यूटन
उनके बीच की दूरी r = 5Å
= 5 × 10-10 मीटर
प्रश्न 4.
दो विद्युतरोधी आवेशित ताँबे के गोले ‘A’ एवं ‘B’ जो आकार में सर्वसम हैं, के केन्द्रों के बीच की दूरी 50 सेमी. तथा दोनों पर पृथक्-पृथक् आवेश 6.5 × 107 C है। इसी आकार का एक तीसरा अनावेशित गोला ‘C’ सर्वप्रथम पहले गोले ‘A’ के सम्पर्क में तत्पश्चात् दूसरे गोले ‘B’ के सम्पर्क में लाकर अन्ततः दोनों से ही हटा लिया जाता है, तब ‘A’ व ‘B’ गोलों के मध्य लगने वाले प्रतिकर्षण बल का मान ज्ञात करो।
हल-माना गोला A पर सम्पर्क से पहले कुल आवेश = Q है। गोला C, जब A के सम्पर्क में आता है तब यह आवेश Q दोनों में बराबर-बराबर बँट जायेगा ।
अतः A पर सम्पर्क के पश्चात् आवेश = \(\frac{Q}{2}\)
गोला B व C सम्पर्क में आने पर दोनों पर कुल आवेश = \(Q+\frac{1}{2} Q=\frac{3}{2} Q\)
यह आवेश B व C पर बराबर-बराबर बँट जायेगा ।
अत: सम्पर्क के पश्चात् B पर आवेश का मान = \(\frac{1}{2}\left(\frac{3}{2} Q\right)\) = \(\frac{3}{4}\)Q
अन्ततय: गोले A व B के मध्य प्रतिकर्षण बल
प्रश्न 5.
दो परमाणुओं को आयन बनाने के लिए उनमें प्रत्येक से 2 इलेक्ट्रॉन निकाले गये हैं। इन आयनों को निर्वात में रखने पर ये एक-दूसरे को 3.7 × 10-9 न्यूटन बल से प्रतिकर्षित करते हैं। उनके बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।
हल-दिया गया है-
प्रश्न 6.
दो बिन्दु आवेश +9e तथा +e एक-दूसरे से 16 सेमी. की दूरी पर स्थित हैं। इनके बीच एक आवेश q को कहाँ रखा जाये कि उस पर बल न लगे?
हल-आवेश +9e और q के बीच लगने वाला बल
अतः आवेश (+9e) से 12 सेमी. की दूरी पर आवेश q को रखा जाये तब वह आवेश सन्तुलन की स्थिति में होगा।
प्रश्न 7.
हीलियम नाभिक के कारण उससे 1Å दूरी पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की गणना करो।
हल-हीलियम के नाभिक पर आवेश (q) = 2 प्रोटॉन का आवेश
= 2 × 1.6 × 10-19 = 3.2 × 10-19कूलॉम
∴ नाभिक से 1Å या 10-10 मीटर पर विद्युत क्षेत्र
प्रश्न 8.
समान प्रकृति के दो q आवेश परस्पर d दूरी पर स्थित हैं, इनको मिलाने वाली रेखा के मध्य बिन्दु पर तीसरा आवेश Q कूलॉम का रखा है। Q के किस मान के लिए निकाय संतुलन में होगा?
हल-समान प्रकृति के दो आवेश d दूरी पर रखे हुए हैं।
इनके मध्य बिन्दु पर एक तीसरा आवेश Q रखा हुआ है, जिसकी q आवेश से दूरी \(\frac{\mathrm{d}}{2}\) होगी। कूलॉम नियम से आवेश q और Q के बीच लगने वाला बल
F1 = \(\frac{\text { k.Q.q }}{(\mathrm{d} / 2)^2}\) (यहाँ k = \(\frac{1}{4 \pi \epsilon_0}\)) ……….. (1)
आवेश q और q के बीच लगने वाला बल
F2 = \(\frac{\text { k.q.q }}{(\text { d })^2}\) ………….. (2)
प्रश्न 9.
एक 10 सेमी. व्यास के गोले को आवेशित किया जाता है जिससे इसके पृष्ठ पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता 5 × 106 वोल्ट प्रति मीटर हो जाती है। गोले के केन्द्र से 25 सेमी. दूरी पर स्थित 5 × 106इक्रो कूलॉम आवेश पर कितना बल लगेगा?
उत्तर:
हल-दिया गया है।
2r = 10 सेमी. = 0.1 मीटर
r = 0. 05 मीटर
E = 5 × 106 वोल्ट/मीटर
गोले के केन्द्र से 25 सेमी. दूरी पर स्थित 5 × 10-2 µC आवेश पर कितना बल होगा = ?
गोले के पृष्ठ पर आवेश का मान माना = q कूलॉम है। गोले के पृष्ठ पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता
प्रश्न 10.
किसी गोले के केन्द्र से 20 सेमी. दूर स्थित एक बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता 10 वोल्ट/मीटर है। उस गोले के केन्द्र से 8 सेमी. दूरी पर स्थित बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिये। गोले की त्रिज्या 5 सेमी. है।
उत्तर:
हल-दिया गया है।
E20 = 10 न्यूटन/कूलॉम
E8 = ?, r = 20 सेमी. = 0.2 मीटर यहाँ E8 का मान ज्ञात करना है।
प्रश्न 11.
a मीटर भुजा वाले वर्ग के चारों कोनों पर क्रमशः
q, 2q, 3q व 4q कूलॉम आवेश स्थित हैं। सिद्ध कीजिए कि उसके केन्द्र पर विद्युत क्षेत्र \(4\sqrt{2} \frac{k q}{a^2}\) न्यूटन/कूलॉम होगा।
उत्तर:
हल-यहाँ पर a मीटर भुजा वाले वर्ग के चारों कोनों पर क्रमश: q, 2q, 3q व 4q आवेश रखे हैं।
यहाँ AC और BD वर्ग के विकर्ण है जो कि O पर काटते हैं जो कि वर्ग का केन्द्र है। विद्युत क्षेत्र
प्रश्न 12.
+ 3.2 × 10-19कूलॉम तथा -3.2 × 10-19 कूलॉम के दो बिन्दु आवेश एक-दूसरे से 2.4 × 10 -10 मीटर की दूरी पर रखे हैं। यह द्विध्रुव 3 × 104 न्यूटन/कूलॉम तीव्रता के क्षेत्र में क्षेत्र की दिशा से 30° कोण पर रखा है। इस पर कार्य करने वाले बल-युग्म के आघूर्ण का मान ज्ञात कीजिए। इस आघूर्ण का अधिकतम मान क्या होगा?
उत्तर:
हल-दिया गया है
q = 3.2 × 10-19कूलॉम
2a = 2.4 × 10-10 मीटर, E = 3 × 104 न्यूटन/कूलॉम
तथा θ = 30°
अतः वैद्युत द्विध्रुव का द्विध्रुव आघूर्ण p = 2aq
p = 2.4 × 10-10 × 3.2 × 10-19
= 7. 68 × 10-29 कूलॉम मीटर
इसलिए बल-युग्म का आघूर्ण
τ = pE sin θ
= (7. 68 × 10-29) × (3 × 104) × sin 30° न्यूटन मीटर
= 7. 68 × 3 × 10-25 × \(\frac{1}{2}\) न्यूटन मीटर
= 1. 152 × 10-24 न्यूटन मीटर
τ का अधिकतम मान
τmax = pE sin 90° = pE
= 7.68 × 10-29 × 3 × 104 न्यूटन मीटर
= 2. 304 × 10-24 न्यूटन मीटर
प्रश्न 13.
दो बिन्दु आवेश 5µC तथा -5µC एक-दूसरे से 1 सेमी. की दूरी पर रखे हैं। इनके मध्य बिन्दु से 0.30 मीटर की दूरी पर
(i) अक्षीय स्थिति में,
(ii) निरक्षीय स्थिति में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता की गणना कीजिए।
हल-यहों पर दिया है-
उत्तर:
q = 5 µC = 5 × 10-6 कूलॉम
2a = 1 सेमी. = 10-2मीटर
तथा r = 0.30 मीटर
द्विध्रुव आघूर्ण p = 2aq
= 10-2 × 5 × 10-6
= 5 × 10-8 कूलॉम मीटर यहाँ पर r >> 2a
अत: द्विध्रुव लघु वैद्युत द्विध्रुव है। इसलिए
प्रश्न 14.
2 सेमी. लम्बाई का एक वैद्युत द्विध्रुव 105 न्यूटन/कूलॉम तीव्रता के वैद्युत क्षेत्र में इस प्रकार रखा है कि इसकी अक्ष क्षेत्र की दिशा से 30° कोण बनाती है। इस पर 10√3 न्यूटन मीटर का बल आघूर्ण कार्य करता है।
वैद्युत द्विधुव पर आवेश का परिमाण ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हल-यहाँ दिया गया है
τ = 10√3 न्यूटन मीटर,
θ = 30° तथा E = 105 न्यूटन/कूलॉम
इसलिए बल आघूर्ण τ = pE sin θ
प्रश्न 15.
किस्सी बन्द पृष्ठ से प्रवेशित्त फ्लक्स 2 × 103 न्यूटनमीटर2 कूलॉम तथा निर्गत फ्लक्स 8 × 103 न्यूटन-मीटर2 कूलॉम है। पृष्ठ में बन्द आवेश का मान झ्ञात करो।
उत्तर:
हल-प्रवेशित फ्लक्स = 2 × 103 न्यूटनमीटर2/ कूलॉम
तथा निर्गत फलक्स = 8 × 103 न्यूटनमीटर2/ कूलॉम
∴ कुल निर्गत फ्लक्स = 8 × 103 -2 × 103
= 6 × 10 3न्यूटनमीटर2/ कूलॉम
यदि बन्द पृष्ठ में आवेश q हो तब
\(\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}\) = Φ
∴ q = ∈0 × Φ
⇒ q = 8.85 × 10-12 × 6 × 103
या q = 53. 1 × 10-9 कूलॉम
= 53.1 × 10-9 nC
प्रश्न 16.
एक गोलीय गाउसीय पृष्ठ द्वारा परिबद्ध आवेश 8.85 × 10-8 कूलॉम है। गणना कीजिए (a) गाउसीय पृष्ठ से निकलने वाला वैद्युत फ्लक्स, (b) यदि गाउसीय पृष्ठ की त्रिज्या दोगुनी कर दी जाये तो वैद्युत फ्लक्स में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर:
हल-यहाँ
परिबद्ध आवेश का मान q = 8.85 × 10-8 कूलॉम
(a) Φ = \(\frac{\mathrm{q}}{\epsilon_0}=\frac{8.85 \times 10^{-8}}{8.85 \times 10^{-12}}\)
= 104 न्यूटन मी2कूलॉम
(b) चूँकि वैद्युत फ्लक्स Φ केवल गाउसीय पृष्ठ द्वारा परिबद्ध आवेश पर निर्भर करता है उसकी त्रिज्या पर नहीं अतः वैद्युत फलक्स में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
प्रश्न 17.
एक बिन्दु आवेश q, एक a मीटर भुजा वाले घन
(i) की एक कोर के मध्य बिन्दु पर
(ii) के एक तल पर केन्द्रतः रखा है घन से सम्बद्ध कुल फ्लक्स की गणना कीजिये। यह भी ज्ञात कीजिए कि सम्बद्ध कुल फ्लक्स घन के कितने पृष्ठों से गुजरेगा ?
उत्तर:
(i) धन के कोर के जिस बिन्दु पर बिन्दु आवेश है उसे केन्द्र मानकर एक खोखले गोले की कल्पना करो जो घन की कोर को दो बिन्दुओं पर काटे। घन का वह आयतन जो ऐसे गोले के अन्दर पड़ेगा वह खोखले गोले के कुल आयतन का एक-चौथाई होगा, इसलिये बिन्दु आवेश पर घन के द्वारा बना ठोस कोण \(\left(\frac{360^{\circ}}{4}=90^{\circ}\right)\) बनेगा। यदि बिन्दु आवेश का मान q हो तब बिन्दु आवेश के कारण घन से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स
Φ = \(\frac{q}{4 \epsilon_0}\)
धन के दो फलक जिनकी कोर पर बिन्दु आवेश है उनसे कोई विद्युत फ्लक्स नहीं गुजरेगा क्योंकि विद्युत फ्लक्स की दिशा उन पर उनके समान्तर है और घम से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स बाकी अन्य 4 फलकों से गुजरेगा।
(ii) घन के जिस फलक पर बिन्दु आवेश रखा है उस बिन्दु को केन्द्र मानकर एक ऐसे खोखले गोले की कल्पना करो जो उसे एक पूर्ण वृत्त में काटे । खोखले गोले का आयतन जो घन के अन्दर होगा वह खोखले गोले के कुल आयतन का आधा होगा और वह बिन्दु आवेश पर 180° का ठोस कोण बनायेगा। यदि बिन्दु आवेश का मान q हो तब घन से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स q आवेश से निकलने वाले विद्युत फलक्स का आधा होगा।
इसलिये धन से गुजरने वाला विद्युत फ्लक्स
Φ = \(\frac{q}{2 \epsilon_0}\)
पुनः चूँकि जिस घन के फलक पर बिन्दु आवेश है उस पर विद्युत फ्लक्स की दिशा फलक के समान्तर है इसलिये उस पर विद्युत फ्लक्स का मान शून्य होगा और विद्युत फ्लक्स शेष अन्य फलकों से समान रूप से निकलेगा ।
इसलिये विद्युत फ्लक्स पाँच फलकों से गुजरता है।
प्रश्न 18.
एक इलेक्ट्रॉन एक अनन्त धनात्मक रेखीय आवेश के चारों ओर 0.5 मीटर त्रिज्या की वृत्ताकार कक्षा में चक्कर लगाता है। यदि रेखीय आवेश घनत्व 18.2 × 10-10 कूलाम/मीटर है, तो इलेक्ट्रॉन की चाल (मीटर/सेकण्ड में) ज्ञात कीजिए।
(इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान me = 9.1 × 10-31 kg)
उत्तर:
हल-हम जानते हैं-अनन्त लम्बाई के समान रूप से आवेशित सीधे तार के कारण वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
E = \(\frac{\lambda}{2 \pi \epsilon_0 r}\)
और F = qE
∴ F = \(\frac{q \lambda}{2 \pi \epsilon_0 r}\) (E का मान रखने पर)
इस बल का मान \(\frac{\mathrm{mv}^2}{\mathrm{r}}\) के बराबर होगा।
प्रश्न 19.
एक 17.7 × 10-4 कूलॉम का वैद्युत आवेश 200 मीटर2 क्षेत्रफल की बड़ी पतली चादर पर समान रूप से फैला हुआ है। इससे 20 सेमी. की दूरी पर वायु में वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हल-दिया गया है-
q = 17.7 × 10-4 कूलॉम
और चादर का क्षेत्रफल S = 200 मीटर2
इसलिए चादर पर आवेश का पृष्ठ घनत्व
σ = \(\frac{\mathrm{q}}{\mathrm{S}}=\frac{17.7 \times 10^{-4}}{200}\)
σ = 8.85 × 10-6 कूलॉम/मीटर2
इससे 20 सेमी. दूरी पर इसके निकट वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता
= \(\frac{\sigma}{2 \epsilon_0}=\frac{8.85 \times 10^{-6}}{2 \times 8.85 \times 10^{-12}}\)
= 5.0 × 105 न्यूटन/कूलॉम
प्रश्न 20.
धातु के एक पतले खोखले गोले (गोलीय कोश) की त्रिज्या 30 सेमी. तथा उस गोलीय कोश पर 500 µC का आवेश है। कोश के केन्द्र से
(i) 1 मीटर की दूरी पर,
(ii) 30 सेमी. दूरी पर,
(iii) 10 सेमी. दूरी पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
हल-दिया है R = 30 सेमी = 0.30 मीटर
आवेश q = 500 µC = 500 × 10-6 = 5 × 10-4 कूलॉम
(i) यहाँ r = 1 मीटर > R, अत: प्रेक्षण बिन्दु कोश से बाहर है।
प्रश्न 21.
12 सेमी. त्रिज्य बाले एक गोलीय वात्सक के पृष्ठ पर 1.6 × 10-7 C का आवेश एकसभम्न रूप से धित्रिस्ल है-
(a) गोले के अन्दर
(b) गोले के ठीक बाहर
(c) गोले के केन्द्र से 18 सेमी. पर अवस्थित किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र क्या हीगा?
उत्तर:
हल- (a) जब बिन्दु गोलीय चालक के भीतर हो, तो r त्रिज्या (r < R) के एक गाउसीय पृष्ठ की कल्पना करते हैं। इस पृष्ठ के अन्दर आवेश शून्य है।
अतः इस पृष्ठ के लिए गाउस नियम से इस पृष्ठ से निर्गत फ्लक्स
Φ = \(\oint \overrightarrow{\mathrm{E}} \cdot \overrightarrow{\Delta \mathrm{S}}=\frac{\Sigma \mathrm{q}}{\epsilon_0}=\frac{0}{\epsilon_0}\)
(b) गोलीय चालक के ठीक बाहर या पृष्ठ पर
E = \(\frac{\mathrm{kQ}}{\mathrm{R}^2}\)
मान रखने पर
यहाँ
K = 9 × 109 Nm2C-2
Q = 1.6 × 10-7C
R = 12 cm = 12 × 10-2m
r = 18 cm = 18 × 10-2m
प्रश्न 22.
दो एकसमान आवेशित समान्तर अनन्त समतल चादरों ‘1’ व ‘2’ के आवेश घनत्य क्रमशः +σ और -2σ हैं।
(i) इन दोनों चादरों के बीच किसी बिन्दु पर तथा
(ii) इन दोनों चादरों के बाहर परन्तु चादर ‘1’ के निकट किसी बिन्दु पर नेट विद्युत्क्षेत्र का परिमाण और दिशा ज्ञात कीजिए।
उत्तर: