HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 हमें संसद क्यों चाहिए?

Haryana State Board HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 हमें संसद क्यों चाहिए? Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 3 हमें संसद क्यों चाहिए?

HBSE 8th Class Civics हमें संसद क्यों चाहिए? Textbook Questions and Answers

हमें संसद क्यों चाहिए प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 1.
राष्ट्रवादी आंदोलन ने इस विचार का समर्थन क्यों किया कि सभी वयस्कों को मत देने का अधिकार होना चाहिए?
उत्तर:
हमें अपने देश भारत पर इस बात के लिए गर्व है कि हम एक उदारवादी लोकतांत्रिक देश के नागरिक हैं। भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ। इससे आगे राष्ट्र को एक लंबा तथा कठिन संघर्षपूर्ण रास्ता तय करना था जिसमें समाज के कई विभागों ने भागीदारी करनी थी। विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोग इस संघर्ष में शामिल हो गये और उन्हें स्वतंत्रता के विचार से प्रेरणा प्राप्त हुई। साथ ही साथ उन्हें समानता तथा निर्णय लेने की प्रक्रिया के सिद्धांतों ने भी प्रेरित किया।

भारत के राष्ट्रवादी नेताओं ने अंग्रेजी सरकार की भारतीय लोगों के प्रति शत्रुतापूर्ण दृष्टिकोण की खूब आलोचना की। उन्होंने बार-बार भारत के सभी वयस्क नागरिकों की मताधिकार में भागीदारी की मांग की। औपनिवेशिक शासन के दौरान प्राप्त किये गये अनुभव तथा राष्ट्रीय नेताओं द्वारा सभी वयस्क लोगों की शासन चलाने में भागीदारी की माँग ने स्वतंत्र भारत के नेताओं के मस्तिष्क में थोड़ी सी भी गुंजाइश नहीं छोड़ी कि भारत के लोग अपने देश का शासन चलाने की योग्यता नहीं रखते हैं तथा वे निर्णय लेने की प्रक्रिया में हिस्सेदारी करेंगे। स्वतंत्रता के आने के साथ ही हम एक आजाद देश के निवासी बनने जा रहे थे।

इसका अर्थ यह नहीं था कि अब सरकार जो चाहे वह मनमाने ढंग से कर सकती थी, इसका अर्थ था कि सरकार को लोगों की आवश्यकताओं एवं भावनाओं की पूर्णतया फिक्र करनी होगी। स्वतंत्र भारत के संविधान में लोगों द्वारा लिये जा रहे स्वप्नों एवं प्रेरणाओं को पूरा करने का निर्णय स्वराज्य के लिए चल रहे संघर्ष के दिनों में ही निर्णय ले लिया गया था। स्वतंत्रता के बाद सभी वयस्क नागरिकों को एक-एक मत देने की व्यवस्था करने के लिए ही सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार की व्यवस्था की गयी थी।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ

हमें संसद क्यों चाहिए HBSE 8th Class प्रश्न 2.
नीचे दिए गये मानचित्र में 2004 के संसदीय चुनाव क्षेत्रों का नक्शा दिया गया है। इस नक्शे में अपने राज्य के चुनाव क्षेत्रों को पहचानने का प्रयास करें। आपके चुनाव क्षेत्र के सांसद का क्या नाम है? आपके राज्य से सांसद में कितने सांसद जाते हैं? कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को हरे और कुछ को नीले रंग में क्यों दिखाया गया है?
कुल सीटें: 543
उत्तर:
स्वाध्याय के लिए। विद्यार्थी दिए गये मानचित्र का बड़े ही ध्यान से अध्ययन करें एवं अपने क्षेत्र से संबंधित प्रश्नों का उत्तर-दें। संकेत: मेरा चुनाव क्षेत्र रायबरेली है। यहाँ की सांसद श्रीमति सोनिया गांधी हैं जिन्हें हम बोलचाल की भाषा में मैडम कहते हैं। हमारे राज्य से कुल 80 सांसद संसद (लोकसभा) में जाते हैं। निर्वाचन क्षेत्रों को अलग-अलग से दर्शाने का अभिप्राय सामान्य तथा अनुसूचित जातियों/जनजातियों के क्षेत्रों को पृथक दिखाना है।

हमें संसद क्यों चाहिए Answer HBSE 8th Class प्रश्न 3.
पहले अध्याय 1 में आपने पढ़ा था कि भारत में ‘संसदीय शासन व्यवस्था’ में तीन स्तर होते हैं। इनमें से एक संसद (केंद्र सरकार ) तथा दूसरा स्तर विभिनन विधायिकाओं (राज्य सरकारों) का होता है। अपने क्षेत्र के विभिन्न प्रतिनिधियों से संबंधित सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित तालिका को भरें:

राज्य सरकार केंद्र सरकार
कौन सा/से राजनीतिक दल अभी सत्ता में है / हैं?
आपके क्षेत्र से निर्वाचित प्रतिनिधि कौन है?
अभी कौन सा राजनीतिक दल विपक्ष में हैं?
पिछले चुनाव कब हुए थे?
अगले चुनाव कब होंगे?
आपके राज्य से कितनी महिलाएँ प्रतिनिधि है?

उत्तर:
स्वाध्याय के लिए। विद्यार्थी ऊपर के कॉलम अपने क्षेत्र के अनुसार भरें।

राज्य सरकार केंद्र सरकार
कौन सा/से राजनीतिक दल अभी सत्ता में है / हैं? बहुजन समाज पार्टी यू.पी.ए.
आपके क्षेत्र से निर्वाचित प्रतिनिधि कौन है? राजाराम त्यागी सोनिया गाँधी
अभी कौन सा राजनीतिक दल विपक्ष में हैं? समाजवादी पार्टी भाजपा
पिछले चुनाव कब हुए थे? 2007 में 2004 में
अगले चुनाव कब होंगे? 2012 में 2009 में
आपके राज्य से कितनी महिलाएँ प्रतिनिधि है?

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ

HBSE 8th Class Civics हमें संसद क्यों चाहिए? Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

हमें संसद क्यों चाहिए Class 8 HBSE प्रश्न 1.
संसद क्या है?
उत्तर:
भारत के केन्द्र स्तर पर विधायिका को संसद कहते हैं। इसकी रचना दो सदनों-राज्य सभा तथा लोकसभा द्वारा होती है। देश का राष्ट्रपति इसका अभिन्न अंग है। यह देश के लिए कानून बनाने वाली सर्वोच्च संस्था है।

Hame Sansad Kyu Chahiye Question Answer HBSE 8th Class प्रश्न 2.
संसदीय ढंग की सरकार क्या होती है?
उत्तर:
संसदीय ढंग की सरकार (Parliamentary Form of Government): सरकार का वह स्वरूप जिसमें संसद सर्वोच्च (सरकार के तीनों अंगों में) तथा सर्वाधिक शक्तिशाली होती है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल सामूहिक रूप से इसके प्रति उत्तरदायी होता है। ऐसी सरकार में राज्य का प्रमुख अर्थात् राष्ट्रपति नाममात्र की शक्तियाँ रखता है।

Hame Sansad Kyu Chahiye HBSE 8th Class प्रश्न 3.
राज्य सभा के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
राज्यसभा संसद का उच्च सदन है। इसे संसद का द्वितीय सदन भी कहा जाता है। इसके सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 हो सकती है। इनमें 238 सदस्य राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं। राज्यों की विधान सभा के सदस्य गुप्त मतदान तथा एकल-संक्रमणीय प्रणाली द्वारा उनका चुनाव करते हैं। 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाते हैं जो कला, साहित्य, विज्ञान अथवा समाज सेवा के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त होते हैं।

हमें संसद क्यों चाहिए पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 4.
संक्षेप में लोकसभा की रचना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लोकसभा (Lok Sabha):
भारतीय संसद का निम्न सदन लोकसभा कहलाता है। इसे जनता के प्रतिनिधियों का सदन भी कहते हैं। लोकसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 550 निश्चित की गई है। इसमें से 530 सदस्य विभिन्न राज्यों से तथा 20 सदस्य संघीय क्षेत्रों (Union Territories) से निर्वाचित किये जाएंगे। इन सदस्यों का चुनाव वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली से किया जाता है। भारत का प्रत्येक नागरिक, जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, लोकसभा के चुनाव में मतदान कर सकता है। इसके अतिरिक्त यदि राष्ट्रपति यह अनुभव करे कि एंग्लो-इंडियन (Anglo-Indian) समुदाय के किसी सदस्य को चुनाव द्वारा लोकसभा में स्थान प्राप्त नहीं हो सका है, तो वह उस जाति के दो सदस्य लोकसभा में मनोनीत कर लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष है, परंतु प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति इसे पहले भी भंग कर सकता है। संकटकाल में इसका कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है।

हमे संसद क्यों चाहिए प्रश्न उत्तर HBSE 8th Class प्रश्न 5.
राज्य सभा की सदस्यता के लिए कौन-कौन सी योग्यताएँ अनिवार्य हैं?
उत्तर:
(i) उम्मीदवार भारत का नागरिक हो।
(ii) उसकी आयु 30 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
(iii) उसके पास सरकार का कोई भी लाभ का पद नहीं होना चाहिए।
(iv) वह कोई सजायाफ्ता दोषी करार व्यक्ति अथवा पागल या दिवालिया नहीं होना चाहिए।

प्रश्न 6.
लोक सभा की सदस्यता के लिए निर्धारित योग्यताएँ क्या हैं?
उत्तर:
(i) उम्मीदवार भारत का नागरिक हो।
(ii) वह 25 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
(iii) वह भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर कार्य न कर रहा हो।
(iv) वह पागल अथवा दिवालिया न हो।
(v) वह किसी गंभीर अपराध में दंडित न किया गया हो।
(vi) उसके पास वे सभी योग्यताएँ हों, जो समय-समय पर संसद निश्चित करे।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ

प्रश्न 7.
लोक सभा के अध्यक्ष (स्पीकर) का चुनाव कैसे होता है?
उत्तर:
लोकसभा का अध्यक्ष (Speaker of the Lok Sabha):
लोकसभा की कार्यवाही चलाने के लिए संविधान में, एक अध्यक्ष की व्यवस्था की गई है जिसे साधारण भाषा में स्पीकर कहते हैं। स्पीकर का चुनाव नव-निर्वाचित लोकसभा के सदस्य प्रथम अधिवेशन की बैठक में अपने सदस्यों में से बहुमत के आधार पर करते हैं।

प्रश्न 8.
ई. वी. एम. का पूरा नाम क्या है?
उत्तर:
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic Voting Machine).

प्रश्न 9.
भारत में आम चुनाव के लिए किस वर्ष पहली बार ई.वी.एम. का प्रयोग किया गया था?
उत्तर:
2004 में।

प्रश्न 10.
ई.वी.एम. (EVM) का प्रयोग पर्यावरण के संरक्षण में कैसे सहायक है?
उत्तर:
यदि हम ई.वी.एम. का चुनावों में प्रयोग करते हैं तो हमें टनों कागज की आवश्यकता नहीं पड़ती और उस कागज को बनाने के लिए हमें लाखों की संख्या में जो पेड़ काटने पड़ते हैं, उन्हें भी काटना नहीं पड़ेगा। पेड़ों के न काटने से हरियाली बनाये रखने तथा वातावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। संक्षेप में ई. वी.एम. का प्रयोग वातावरण संरक्षण अथवा हरियाली संरक्षण में मददगार है।

प्रश्न 11.
एक कारण बताइए जिसकी वजह से आप यह सोचते हैं कि सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार अपनाया जाना चाहिए।
उत्तर:
लोकतंत्र में ज्यादा से ज्यादा लोगों की शासन में भागीदारी के लिए सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाना सर्वोत्तम है। इससे वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना होती है तथा समाज के निम्नतम स्तर तक लोकतंत्र के विस्तार में मदद मिलती है। साथ ही साथ ऐसे मताधिकार की व्यवस्था से समाज के सभी वर्गों तथा विभागों तक विश्वास का विस्तार भी संभव है।

प्रश्न 12.
भारत की संसद क्या है? दो वाक्यों में उत्तर दीजिए।
उत्तर:
भारत की संसद देश में कानून बनाने वाली सर्वोच्च संस्था है। यह दो सदनों-लोकसभा तथा राज्यसभा के मिलने से बनी है। राष्ट्रपति इसका अभिन्न अंग है।

प्रश्न 13.
एक निर्वाचन क्षेत्र से क्या तात्पर्य हैं?
उत्तर:
लोकसभा अथवा राज्य विधानसभा के चुनावों के लिए संपूर्ण चुनाव क्षेत्र (क्रमशः देश एवं राज्य) अनेक निर्वाचन क्षेत्रों में बाँट दिया जाता है ताकि चुनाव सुविधाजनक ढंग से संपन्न कराएँ जा सकें। इन क्षेत्रों की सीटें कहते हैं। जैसे चाँदनी चौक सौट, करोल बाग सीट आदि।

प्रश्न 14.
एम.एल.ए. अथवा विधायक किसे कहते हैं?
उत्तर:
राज्य विधानसभा के चुनावों में किसी निर्वाचन क्षेत्र से जीतकर आने वाले उम्मीदवार को विधानसभा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद विधायक कहा जाता है। आमतौर पर इसे एम. एल.ए. कहते हैं।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ

प्रश्न 15.
एम.पी. अथवा सांसद किसे कहते हैं?
उत्तर:
लोकसभा के चुनावों में किसी निर्वाचन क्षेत्र से जीतकर आने वाले उम्मीदवार को जब वह लोकसभा की सदस्यता ! ग्रह-न करता है, उसे मांसन कहते हैं। राज्यसभा के सदस्य भी सांसद कहलाते हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
स्पीकर (Speaker) या लोकसभा अध्यक्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
लोकसभा का स्पीकर (Speaker of Lok Sabha): लोकसभा की कार्यवाही चलाने के लिए संविधान में एक अध्यक्ष की व्यवस्था की गई है जिसे साधारण भाषा में स्पीकर (Speaker) कहते हैं। स्पीकर का चुनाव नव-निर्वाचित लोकसभा के सदस्य प्रथम अधिवेशन की बैठक में अपने सदस्यों में से बहुमत के आधार पर करते हैं। लोकसभा अध्यक्ष के मुख्य कार्य निम्नलिखित
1. लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा की बैठकों की अध्यक्षता करता है।
2. अध्यक्ष सदन की प्रवर समिति तथा अन्य समितियों के सभापतियों व सदस्यों की नियुक्तियाँ करता है।
3. अध्यक्ष लोकसभा के सदस्यों के विशेषाधिकारों की रक्षा करता है।
4. अध्यक्ष लोकसभा के सदस्यों में अनुशासन बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है।
5. कौन-सा विधेयक धन संबंधी है और कौन साधारण विधेयक इसका निर्णय अध्यक्ष करता है।
6. यदि किसी विधेयक के पक्ष में विपक्ष में मतों की संख्या बराबर हो जाए तो अध्यक्ष को निर्णायक मत (Casting vote) देने का अधिकार है।
7. अध्यक्ष यदि आवश्यकता महसूस करे तो कुछ समय के लिये सदन की बैठक को स्थगित भी कर सकता है।

प्रश्न 2.
लोकसभा के सदस्यों को किस प्रकार चुना जाता है?
उत्तर:
भारत की लोकसभा के सदस्यों का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा पाँच वर्ष के लिए किया जाता है। संकट काल में इसकी अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है तथा प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति इसे 5 वर्ष से पूर्व भी भंग कर सकता है। लोकसभा की अधिकतम संख्या 550 हो सकती है। इनमें से 530 सदस्य राज्यों की जनता के तथा 20 सदस्य केन्द्रशासित प्रदेशों की जनता के प्रतिनिधि हो सकते हैं। दो सदस्य राष्ट्रपति एंग्लो-इंडियन समुदाय से मनोनीत कर सकता है। चुनाव के बाद लोकसभा का गठन किया जाता है। वरिष्ठ सदस्य को अस्थायी अध्यक्ष बनाकर नये सदस्यों को शपथ दिलायी जाती है तथा लोकसभा का नया स्पीकर सदस्यों में से चुन लिया जाता है। लोकसभा संसद का निम्न सदन अथवा प्रथम सदन कहलाता है।

लोकसभा के सभी निर्वाचन क्षेत्र एकल सदस्यीय होते हैं। 25 जनवरी 2000 ई. तक लोकसभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की सीटें आरक्षित की गयी हैं। प्रत्येक वयस्क नागरिक मतदान में भाग लेता है। लोकसभा की सदस्यता प्राप्त करने के लिए हर प्रत्याशी (Candidate) का भारतीय नागरिक होना तथा उसकी 25 वर्ष की आयु होनी चाहिए और उसका नाम मतदाता सूची में होना चाहिए। उस व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक हो तथा वह किसी अपराध के लिए दंड-भोगी या दिवालिया न हो।

HBSE 8th Class Social Science Solutions Civics Chapter 2 धर्मनिरपेक्षता की समझ

प्रश्न 3.
राज्य सभा के सदस्य का कार्यकाल क्या है?
उत्तर:
राज्य सभा का प्रत्येक सदस्य छ: वर्षों के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। हर दो वर्षों के बाद राज्य सभा के कुल सदस्यों की संख्या का 1/3 (एक-तिहाई) सदस्य सेवानिवृत्त हो जाते हैं तथा उनके द्वारा रिक्त स्थानों के लिए नये सदस्यों को चुना जाता है। इस तरह राज्य सभा एक स्थायी सदन है तथा इसे कभी – भी भंग नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 4.
कोरम (Quorum) का क्या अर्थ है? लोक सभा का कोरम क्या है?
उत्तर:
कोरम का अर्थ है किसी सदन में वह न्यूनतम सदस्य संख्या जिसके होने पर ही वह सदन अपने कार्य को शुरू कर सकता है। भारत की लोकसभा में कुल सदस्यों की 1/10 (एक दहाई) सदस्य संख्या निर्धारित कोरम संख्या है जिसके उपस्थित होने पर ही यह सदन अपना कार्य शुरू कर सकता है। लोक सभा के स्पीकर (अध्यक्ष) को यह अधिकार है कि वह कोरम संख्या से कम सदस्यों की उपस्थिति के कारण लोक सभा कार्यवाही स्थगित कर दे।

प्रश्न 5.
प्रश्न काल क्या होता है?
उत्तर:
प्रत्येक बैठक (Sitting) का पहला घंटा (First Hour) संसद के दोनों सदनों में ही प्रश्न पूछने एवं उनके उत्तर देने के लिए निर्धारित किया गया है। इसे हम प्रश्न काल (Questions Hour) कहते हैं। इस काल में सरकार से जुड़ी हुई समस्याएँ उठायी जाती हैं और उन समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान खींचा जाता है। प्रशासनिक नीतियों की आलोचना की जाती है एवं उनकी कमजोरियों को उजागर किया जाता है। मंत्रियों से ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं जिनकी वजह से उन्हें अपने विभागों से जानकारी प्राप्त करनी ही पड़ती है तथा वह जानकारी सदन को शीघ्र से शीघ्र देते हैं तथा उचित कदम उठाने या कार्यवाही का आश्वासन भी दिया जाता है।

प्रश्न 6.
तारांकित एवं गैर-तारांकित प्रश्नों में अंतर बताइए।
उत्तर:
दोनों सदनों में प्रश्न काल में जो प्रश्न पूछे जाते हैं वे सामान्यतः दो प्रकार के-तारांकित तथा गैर-तारांकित होते हैं। तारांकित प्रश्नों का उत्तर सदन के पटल पर ही (On the flour of the House) मौखिक रूप से (orally) दिया जाता है। इन प्रश्नों के प्रारंभ में तारे (star) का चिह्न लगा होता है।

गैर-तारांकित प्रश्नों के प्रारंभ में कोई तारे का चिह्न नहीं लगा होता। इन प्रश्नों का जवाब मौखिक रूप से नहीं दिया जाता अपितु लिखित रूप में ही इनका जवाब दिया जाता है। इसलिए इन प्रश्नों के साथ पूरक प्रश्न (Supplementary Questions) नहीं पूछे जा सकते।

प्रश्न 7.
विधायिका, कार्यपालिका पर किस तरह से नियंत्रण रखती है?
उत्तर:
(i) मंत्रिपरिषद् संसद के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी है। यदि संसद मंत्रिपरिषद् के विरुद्ध अविश्वास का प्रस्ताव पास कर दे, तो मंत्रिपरिषद् को अपना त्यागपत्र देना पड़ता है।
(ii) संसद किसी भी सरकारी विधयेक को अस्वीकार करके सरकार के लिए समस्या उत्पन्न कर सकती है।
(iii) संसद काम-रोको प्रस्ताव द्वारा भी सरकार पर नियंत्रण रखती है।

प्रश्न 8.
भारतीय संसद की दो वित्तीय शक्तियाँ बताइए।
उत्तर:
भारतीय संसद के वित्तीय कार्य (Financial Functions of the Indian Parliament):
1.भारतीय संसद का देश के धन पर पूर्ण नियंत्रण है।
2. संविधान के अनुसार राष्ट्रपति की आज्ञा से वित्तमंत्री आगामी वर्ष के आय-व्यय के पूर्ण विवरण को बजट के रूप में लोकसभा के सामने प्रस्तुत करता है।
3. बिना बजट पास करते हुए सरकार न कोई कर लगा सकती है न कर के रूप में कोई पैसा वसूल कर सकती है और न ही कोई खर्च कर सकती है।

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प्रश्न 9.
भारतीय संसद की कोई सी चार विधायी शक्तियों को लिखिए।
उत्तर:
भारतीय संसद के द्वारा निम्नलिखित विधायी शक्तियों का प्रयोग किया जाता है:
(i) संसद संघ सूची में दिए गए सभी 97 विषयों के साथ-साथ समवर्ती सूची (Concurrent list) के 47. विषयों तथा कुछ परिस्थितियों में राज्य सूची में दिए गए 66 विषयों पर भी कानून बना सकती है। वह अवशिष्ट सूची में दिये गये विषयों पर भी कानून बना सकती है।
(ii) संसद संविधान में संशोधन कर सकती है।
(iii) राष्ट्रपति द्वारा जारी किया गया कोई भी अध्यादेश संसद के सत्र शुरू होने के बाद से 6 सप्ताहों के भीतर पास कराया जाना अनिवार्य है अर्थात् संसद ही अध्यादेश को अंतिम रूप से मंजूरी देने का कार्य करती है।
(iv) राष्ट्रपति के द्वारा घोषित आपातकाल की घोषणा को एक महीने के अंदर-अंदर अनिवार्य रूप से ससंद की सहमति मिलनी ही चाहिए।

प्रश्न 10.
किन्हीं चार संसदीय समितियों के नाम लिखिए. तथा प्रत्येक का एक-एक कार्य भी संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
1. आंकलन समिति (The Estimate Commmittee): यह बजट आंकलन की जाँच करती है।
2. चयन समिति (The Select Committee): यह अध्ययन करके बिल के सभी प्रमुख पहलुओं पर विचार-विमर्श करती है तथा अपनी रिपोर्ट संसद के सामने पेश करती है।
3. कार्यक्रम परामर्शदात्री समिति (The Business Atvisory Committee): यह सारे सत्र के लिए समय-सारणी (Time Table) तैयार करती है।
4. विशेषाधिकार समिति (The Committee on PriviLeges): यह सांसदों के विशेषाधिकारों से जुड़े मामलों की देखभाल करती है।

दीर्घ उनरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
संसद की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
अथवा
भारतीय संसद के कार्यों पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
संसद के मुख्य कार्य (Main Functions of the Parliament): भारत की संसद के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:
1. विधायी कार्य (Legislative functions):
संसद का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य कानूनों का निर्माण करना है। संसद को संघीय सूची के 97 विषयों तथा समवर्ती सूची के 47 विषयों पर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है। आपातकाल के समय संसद राज्य सूची के विषयों पर भी कानून बना सकती है। संसद द्वारा अवशिष्ट विषयों पर भी कानूनों का निर्माण किया जा सकता है। दो या दो से अधिक राज्यों के विधान मंडलों की प्रार्थना पर संसद सामान्य काल में भी राज्य सूची के किसी विषय पर कानून बना सकती है। राज्य सभा दो तिहाई बहुमत से यदि किसी राज्य सूची के विषय को राष्ट्रीय महत्त्व का घोषित करे तो संसद उस पर भी कानून बना सकती है।

2. संविधान संशोधन (Amendment in Constitution):
संविधान का प्रस्ताव संसद में ही प्रस्तावित किया जा सकता है। कुछ विषयों में संसद के दोनों सदनों के पृथक-पृथक साधारण बहुमत से तथा कुछ में दो तिहाई बहुमत से संशोधन पारित किया जाता है। संविधान की कुछ व्यवस्थाओं में संशोधन के लिए भारतीय संघ के आधे राज्यों के विधानमंडलों की स्वीकृति भी आवश्यक होती है।

3. वित्तीय कार्य (Financial functions):
संसद द्वारा बजट पारित किया जाता है। राष्ट्रीय वित्त पर संसद का पूर्ण नियंत्रण होता है। राष्ट्रपति की आज्ञा से वित्तमंत्री आगामी वर्ष के आय-व्यय के पूर्ण विवरण को बजट के रूप में लोकसभा के समक्ष प्रस्तुत करता है। बिना बजट पारित हुए सरकार न कोई कर लगा सकती है और न कर के रूप में कोई पैसा वसूल कर सकती है और न – ही कोई खर्च कर सकती है।

4. न्यायिक कार्य (Judicial functions):
संसद को राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाने का अधिकार है। वह सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को भी उनके पद से हटा सकती है।

5. अन्य कार्य (Other functions):
भारतीय संसद राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में भाग लेती है। लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव लोकसभा द्वारा तथा राज्यसभा का उप-सभापति राज्यसभा द्वारा चुना जाता है।

6. कार्यपालिका पर नियंत्रण (Control on Executive):
संसद मंत्रिपरिषद् पर अपना नियंत्रण रखती है। मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है। संसद सदस्य मंत्रियों से प्रश्न तथा पूरक प्रश्न पूछते हैं। काम रोको प्रस्ताव, निन्दा प्रस्ताव तथा आवश्यकता पड़ने पर संसद का निम्न सदन-लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव भी पारित कर सकती है।

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प्रश्न 2.
संसद में एक साधारण विधेयक कैसे पारित होता है?
अथवा
साधारण विधेयक तथा धन विधेयक में अंतर बताइये। संसद में एक साधारण विधेयक कैसे पास किया जाता है?
उत्तर:
वित्त विधेयक और साधारण विधेयक में अंतर (Difference between Money Bill and Ordinary Bill): धन विधेयक वह विधेयक होता है जिसमें सरकार को धन एकत्र करने, ऋण लेने या धन व्यय करने की आज्ञा देने की व्यवस्था होती है। दूसरी ओर साधारण विधेयक ऐसे विधेयक को कहते हैं जिसका संबंध धन से नहीं होता। इन दोनों प्रकार के विधेयकों में तीन अंतर होते हैं:-
1. धन विधेयक केवल लोकसभा में ही प्रस्तावित किया जा सकता है।
2. धन विधेयक लोकसभा में केवल राष्ट्रपति की सिफारिश से ही पेश किया जा सकता है।
3. धन विधेयक सरकारी विधेयक होता है और उसे केवल वित्तमंत्री या उसकी अनुपस्थिति में कोई अन्य मंत्री ही पेश कर सकता है, कोई साधारण सदस्य नहीं।

विधायी प्रक्रिया:
संसद में विधेयक पारित करने की प्रक्रिया निम्न प्रकार है:
1. विधेयक पेश करना (प्रस्तुतीकरण) तथा प्रथम arer (Introduction of the Bill and its First Reading):
सर्वप्रथम विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया जाता है। साधारणतः विधेयक किसी मंत्री द्वारा प्रस्तुत किये जाते हैं। प्रस्तुतीकरण के साथ ‘उद्देश्यों और कारणों’ का वक्तव्य संलग्न रहता है। वह विधेयक के उद्देश्यों के संबंध में भाषण देता है तथा विधेयक प्रस्तावित होने के बाद उसे सरकारी गजट में छापा जाता है।

2. द्वितीय वाचन (Second Reading):
उसके बाद किसी निश्चित तिथि को द्वितीय वाचन शुरू होता है। विधेयक पर आम बहस होती है। एक-एक कर प्रत्येक धारा पर विस्तार से विचार होता है। कभी-कभी विधेयक को किसी समिति के विचारार्थ भी भेजा जा सकता है। समिति की रिपोर्ट आने पर विधेयक की एक-एक धारा पर विचार होता है।

3. तृतीय वाचन (Third Reading):
समग्र रूप में विधेयक को सदन की स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाता है और उसे साधारण यहुमत से पारित किया जाता है। तत्पश्चात् विधेयक को दूसरे सदन में इन्हीं प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। यदि दूसरा सदन भी विधेयक पारित कर देता है तो वह राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा आता है। राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने पर विधेयक कानून बन जाता है।

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हमें संसद क्यों चाहिए? Class 8 HBSE Notes in Hindi

1. सहमति अथवा स्वीकृति (Approval): किसी के द्वारा अपनी सहमति देना। यहाँ इनका संबंध विधायिका (संसद) द्वारा किसी के पक्ष में अपनी स्वीकृति या सहमति देने से है।
2. गठबंधन (Coalition): यह कुछ पार्टियों (दलों) अथवा समूहों के अस्थायी गठजोड़ की ओर संकेत देता है। इस अध्याय में यह शब्द उस स्थिति की ओर संकेत या इशारा करता है जब सामान्य या साधारण चुनावों के बाद कोई भी दल विधायिका में स्पष्ट बहुमत प्राप्त नही करता तथा कुछ दल या समूह गठबंधन करके एक सांझी या संयुक्त (मिली-जुली) सरकार बना लेते हैं। उदाहरणार्थ एनडीए (National Democratic Alliance) या यूपीए (UPA – United Progressive Alliance)
3. अनिर्णीत अथवा अनसुलझे (Unresolved): यह शब्द या पद ऐसी स्थिति की ओर संकेत करता है जिसमें किसी समस्या के बारे में निर्णय लेना सरल नहीं होता। उदाहरण के लिए प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए एक समान नागरिक कानून (Common Civil Law) की व्यवस्था करना।
4. भारत का प्रथम स्वतंत्रता दिवस (First Independence Day of India): 15 अगस्त, 1947
5. स्वतंत्रता संघर्ष में भाग लेने के लिए प्रेरणा देने वाले तीन विचार (Three inspiring ideas for participation in the freedom struggle): (i) स्वतंत्रता, (ii) समानता और (iii) सहभागिता।
6. औपनिवेशिक शासन (Colonial Rule): भारत में ब्रिटिश शासन जो 1757 में प्लासी युद्ध की विजय से लेकर 14 अगस्त 1947 की आधी रात तक जारी रहा, औपनिवेशिक शासन कहलाता है। 7. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नींव रखी गयी (Indian National Congress was founded): दिसम्बर 1885.
8. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA): भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाला राजनीतिक गठबंधन जिसने 1999 के चुनावों के बाद सत्ता संभाली। 9. राष्ट्रवादी (Nationalists): राष्ट्र के प्रति वफादार लोग। वे लोग प्रायः देश के हितों को अन्य सभी संकीर्ण हितों की अपेक्षा अधिक प्राथमिकता देते हैं।
10. वयस्क (Adults): 18 वर्ष अथवा उससे अधिक आयु के सभी पुरुष तथा महिलाएं वयस्क कहलाते हैं। भारत में प्रत्येक वयस्क को मताधिकार प्राप्त है।
11. ई. वी. एम. (EVM): इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन।
12. भारत में प्रथम बार साधारण (जनरल) या आम चुनावों में ई बी एम किस वर्ष प्रयोग की गयी: 2004 में।
13. निर्वाचन क्षेत्र (Constituency): संपूर्ण देश में चुनाव कराने के लिए क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं जिन्हें निर्वाचन क्षेत्र या सीटें कहते हैं।
14, विधायक (MLA) राज्य विधान सभा (या विधान मंडल) का सदस्य।
15. संसद (Parliament): हमारे देश की संसद नई दिल्ली में है। इसमें दो सदन राज्य तथा लोक सभा है। देश का राष्ट्रपति संसद का अभिन्न है।
16. राज्य सभा (Rajya Sabha): राज्यों की परिषद। इसमें कुल 245 सदस्य हैं, भारत का उपराष्ट्रपति इसका पदेन सभापति होता है।
17. लोक सभा (Lok Sabha): यह संसद का लोगों का सदन है। इसे संसद का निम्न सदन भी कहा जाता है। इसमें कुल सदस्य संख्या 545 है। इसकी अध्यक्षता स्पीकर करता है।
18. भारतीय संसद का निर्माण (Creation of the Indian Parliament): 1947 के बाद ।
19. संसद का कार्यकाल: लोकसभा का पाँच वर्ष, जबकि राज्य सभा एक स्थायी सदन है। प्रत्येक सदस्य 6 वर्षों के लिए चुना जाता है।
20. भारत की कुछ राष्ट्रीय स्तर की पार्टियाँ: () भारतीय जनता पार्टी, (बीजेपी). (i) बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी). (111) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी), (iv) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC).
21. राज्य स्तर की पार्टियाँ (State Parties): (i) आल इंडिया अन्नाद्रमुक (ए.आई.ए.डी.एम.के.), (ii) झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), (iii) बीजू जनता दल (बीजेडी), (iv) द्रविड मुनेत्र कड़गम (डीएमके), (v) इंडियन नेशनल लोकदल (आई एन .एल डी). (vi) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), (vii) नेशनल कांफ्रेंस, (viii) राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी). (ix) शिवसेना, (शिसे), (x) समाजवादी पार्टी (एस पी), (xi) तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी)।
22. कार्यकारिणी (The Executive): यह उन लोगों या जनप्रतिनिधियों का समूह होता है जिसका कार्य उन कानूनों को लागू करना होता है जो देश की संसद अथवा राज्यों की विधानसभाएं बनाती हैं।
23. पी. एम. ओ. (PMO): प्रधानमंत्री का कार्यालय।
24. राज्य सभा में राष्ट्रपति द्वारा नामजद किये गये सदस्यों की संख्या (Number of members nominated in the Rajya Sabha by the President): 12
25. विधायिका (Legislature): इसका अभिप्राय है केन्द्र में संसद (लोकसभा-राज्य सभा-राष्ट्रपति)। यह भारत में कानून बनाने वाली सर्वोच्च संस्था (body) है।
26. कानून (Law): देश या राज्य में कानून की व्यवस्था या राज्य को भी कानून कहते हैं। यह देश में रहने वाले सभी लोगों पर लागू होता है। देश में प्रायः कानून सर्वोच्च संस्था या राज्य में सर्वोच्च जनप्रतिनिधि संस्था (body) द्वारा संविधान में दी गयी व्यवस्थाओं के अनुसार बनाया जाता है।
27. द्विसदनीय विधायिका (Bicameral Legislature): इसका अर्थ है ऐसी विधायिका जिसमें दो सदन होते हैं-निम्न सदन तथा उच्च सदन। हमारी संसद में दो सदन हैं जिनका नाम है लोकसभा तथा राज्यसभा। कुछ राज्य जैसे कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश आदि में द्विसदनात्मक विधायिका है।
28. एक-सवनात्मक विधायिका (Unicameral Legislature): इसका अर्थ है केवल एक ही सदन वाली विधायिका जैसे कि पंजाब, केरल तथा मध्य प्रदेश में विधायिका का एक ही सदन-विधान सभा है।
29. सांसद (एम.पी.) (Member of Parliament): संसद के लिए चुने गए सदस्य।
30. न्यायपालिका (Judiciary): भारत में कार्यरत न्यायिक व्यवस्था को न्यायपालिका कहा जाता है। उच्चतम न्यायालय इसके शीर्थ पर है। इसके अतिरिक्त न्यायपालिका में उच्च न्यायालय तथा उनके अधीन जिला न्यायालय एवं अधीनस्थ न्यायालय भी शामिल हैं।
31. सत्रावसान (Prorogue): संसद को बिना भंग किए ही कुछ समय के लिए इसका सत्र (या सभा की कार्यवाई) स्थगित करना।
32. प्रश्न काल (Question Hour): संसद के सत्र के दौरान, कुछ समय प्रश्न पूछने के लिए निर्धारित किया जाता है तथा उनका मौखिक रूप से उत्तर दिया जाता है।
33. स्पीकर या अध्यक्ष (Speaker): यह लोकसभा की अध्यक्षता करने वाला अधिकारी होता है। यह सदन में कुशलतापूर्वक कार्यवाही चलाने के लिए जिम्मेदार होता है।
34. धन विधेयक (Money Bur): यह सरकार की आय, खर्च, करों, ऋणों, निवेशों आदि का ब्यौरा होता है।
35. साधारण विधेयक (Ordinary Buy: कोई भी विधेयक, जो धन विधेयक नहीं है साधारण विधेयक कहलाता है।
36. कोरम (Quorum): इसका अर्थ है संसद के किसी एक सदन में सदस्यों की कम से कम संख्या में उपस्थिति होना। इसके बिना सदन में कार्यवाही प्रारंभ नहीं हो सकती।
37. तारांकित प्रश्न (Starred Questions): सदन का कोई सदस्य जिस किसी प्रश्न का उत्तर केवल मौखिक रूप से चाहता है. उसे तारांकित प्रश्न कहा जाता है।
38. गैर-तारांकित प्रश्न (Unstarred Questions): ऐसे प्रश्न जिनका उत्तर लिखित रूप में ही देना होता है, उसे गैर-तारांकित प्रश्न कहा जाता है।

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