Haryana State Board HBSE 9th Class Science Notes Chapter 9 बल तथा गति के नियम Notes.
Haryana Board 9th Class Science Notes Chapter 9 बल तथा गति के नियम
→ बल एक सदिश राशि है।
→ गैलीलियो का जन्म 15 फरवरी, 1564 में इटली के पीसा नामक शहर में हुआ।
→ गति के पहले नियम को जड़त्व का नियम भी कहते हैं।
→ संवेग की SI इकाई किलोग्राम-मीटर प्रति सेकंड (kgm/s) होती है।
→ संवेग परिवर्तन की दर, वस्तु पर लगने वाले बल के समानुपाती होती है।
→ किसी वस्तु में उत्पन्न त्वरण, उस पर लगे बल के समानुपाती होता है।
→ संवेग एक सदिश राशि है।
→ गति के द्वितीय नियम से हमें किसी वस्तु पर लगने वाले बल को मापने की विधि मिलती है।
→ बल को वस्तु में उत्पन्न त्वरण तथा वस्तु के द्रव्यमान के गुणनफल से प्राप्त किया जाता है।
→ किसी विलगित निकाय का कुल संवेग संरक्षित रहता है।
→ घर्षण बल सदैव वस्तु की गति का प्रतिरोध करता है।
→ सभी ठोस सतहें, उनके संपर्क में गतिशील वस्तुओं पर घर्षण बल आरोपित करती हैं।
→ सभी द्रव व गैसीय सतहें, उन पर या उनसे होकर जाने वाली वस्तुओं पर घर्षण बल आरोपित करती हैं।
→ जब कोई वस्तु किसी दूसरी वस्तु के ऊपर खिसकती है तो उन दोनों के बीच के घर्षण को सी घर्षण कहते हैं।
→ रोलरों पर गति करने वाली वस्तुओं की स्थिति में घर्षण को लोटनिक घर्षण कहते हैं।
→ घर्षण उन दो सतहों के चिकनेपन अथवा खुरदरेपन पर निर्भर करता है, जो परस्पर संपर्क में हैं।
→ किसी दी हुई वस्तु के लिए सी घर्षण सदैव लोटनिक घर्षण से अधिक होता है।
→ घर्षण के अवांछनीय प्रभावों को कुछ सीमा तक नियंत्रित किया जा सकता है।
→ जो उल्का पृथ्वी की सतह तक पहुँच जाती हैं, उसे उल्का पिंड कहते हैं।
→ घर्षण कम करने के लिए मशीनों में प्रायः बॉल-बेयरिंगों का उपयोग किया जाता है।
→ बल-बल वह बाह्य कारक है, जो किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन करता है या करने की चेष्टा करता है।
→ गति का प्रथम नियम-वस्तु अपनी विरामावस्था अथवा सरल रेखा के अनुरूप एकसमान गति की अवस्था में तब तक बनी रहती है, जब तक कि उस पर कोई असंतुलित बल कार्य न करे।
→ जड़त्व-वस्तुओं द्वारा अपनी गति की अवस्था में परिवर्तन का प्रतिरोध करने की प्रवृत्ति को जड़त्व कहते हैं।
→ द्रव्यमान-किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप है। इसका SI मात्रक किलोग्राम (kg) है।
→ गति का द्वितीय नियम-वस्तु का संवेग उसके द्रव्यमान व वेग का गुणनफल होता है और उसकी दिशा वही होती है, जो वस्तु के वेग की है अर्थात् p = mv
→ एक न्यूटन-एक न्यूटन (N) वह बल है, जो एक किलोग्राम द्रव्यमान वाली वस्तु में एक मीटर प्रति वर्ग सेकंड का त्वरण उत्पन्न करता है।
→ गति का तृतीय नियम प्रत्येक क्रिया के लिए उसके बराबर व विपरीत प्रतिक्रिया होती है और यह दो भिन्न-भिन्न वस्तुओं पर कार्य करती है।
→ संतुलित बल यदि किसी वस्तु पर क्रिया कर रहे विभिन्न बलों का परिणाम शून्य हो तो ऐसे बलों को संतुलित बल कहते हैं।
→ असंतुलित बल-यदि वस्तु पर क्रिया कर रहे विभिन्न बलों का परिणामी बल शून्य न हो तो, ऐसे बलों को असंतुलित बल कहा जाता है।