Haryana State Board HBSE 9th Class Sanskrit Solutions व्याकरणम् Sankhya Evam Avyay संख्या एवं अव्यय Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 9th Class Sanskrit व्याकरणम् संख्या एवं अव्यय
एवं अव्यय Class 9 HBSE
(ख) संख्या
1. संख्यावाचक शब्द विशेषण होते हैं।
2. संख्यावाचक शब्दों में एक से लेकर चार संख्या तक (1-4) रूप तीनों लिङ्गों में पृथक्-पृथक् चलते हैं परन्तु पाँच से लेकर सभी संख्यावाचक शब्दों के रूप तीनों लिङ्गों में समान रूप से चलते हैं;
जैसे एक-शब्द का रूप (पु० एकः/स्त्री०-एका, नपुं-एकम्) एकवचन में होता है। द्वि-शब्द का रूप (द्वौ, द्वे, द्वे) द्विवचन में होता है। त्रि-शब्द का रूप (त्रयः, तिस्रः, त्रीणि) बहुवचन में होता है। पञ्चन्-आदि शब्दों के तीनों लिङ्गों में भिन्न-भिन्न रूप नहीं होते हैं।)
| पुंल्लिडून्ग | स्रीलिडून्ग एका | न्ुंंकलिडून |
| एक: | द्वे | एकम् |
| है। | तिस्न | द्वे |
| त्रयः | चतस्तः | त्रीणि |
| चत्वारः | स्रीलिडून्ग एका | चत्वारि |
| संख्या (अंक) | संख्यावाचक शब्द |
| 1 | एक: |
| 2 | द्वै |
| 3 | त्रयः |
| 4 | चत्वारः |
| 5 | पर्च |
| 6 | षट् (षड़) |
| 7 | सप्त |
| 8 | अष्ट |
| 9 | नव |
| 10 | दश |
| 11 | एकादश |
| 12 | द्वादश |
| 13 | त्रयोदश |
| 14 | चतुर्दश |
| 15 | पञ्चदश |
| 16 | षोडश |
| 17 | सप्तदश |
| 18 | अष्टादश |
| 19 | नवदश (एकोनविंशति) |
| 20 | विंशतिः |
| 21 | एकविशतिः |
| 22 | द्वाविंशतिः |
| 23 | त्रयोविंशतिः |
| 24 | चतुरविशशतः |
| 25 | प््चविंशतिः |
| 26 | षड्-विंशति: |
| 27 | सप्तविंशतिः |
| 28 | अष्टविंशतिः |
| 29 | नवविंशतिः (एकोनत्रिशतु) |
| 30 | त्रिंशत् |
| 31 | एकत्रिशत् |
| 32 | द्वात्रिशत् |
| 33 | त्रयत्रिंशत् |
| 34 | चतुस्त्रिंशत् |
| 35 | पङ्चत्रिशत् |
| 36 | षट्त्रिंशत् |
| 37 | सप्तत्रिंशत् |
| 38 | अष्टत्रिशत् |
| 39 | नवत्रिशत् (एकोनचत्वारिशत्) |
| 40 | चत्वारिंशत् |
| 41 | एकचत्वारिंशत् |
| 42 | द्विचत्वारिंशत् |
| 43 | त्रिचत्वारिंशत् |
| 44 | चतुश्चत्वारिंशत् |
| 45 | पज्चचत्वारिशत् |
| 46 | षट्चत्वारिंशत् |
| 47 | सप्तचत्वारिशत् |
| 48 | अष्टचत्वारिंशत् |
| 49 | नवचत्वारिंशत् (एकोनपञ्चाशत्) |
| 50 | पज्चाशत् |
| 51 | एकपज्चाशत् |
| 52 | द्विपञ्चाशत् |
| 53 | त्रिपञ्चाशत् |
| 54 | चतुष्पञ्चाशत् |
| 55 | पञ्चपञ्चाशत् |
| 56 | षट्पञ्चाशत् |
| 57 | सप्तपज्चाशत् |
| 58 | अष्टपज्चाशत् |
| 59 | नवपञ्चाशत् (एकोनषष्टि:) |
| 60 | षष्टि: |
| 61 | एकषष्टि: |
| 62 | द्विषष्टि: |
| 63 | त्रिषष्टि: |
| 64 | चतुष्पष्टि: |
| 65 | पज्चषष्टि: |
| 66 | षट्षष्टि: |
| 67 | सप्तषष्टि: |
| 68 | अष्टषष्टिः |
| 69 | नवषष्टिः (एकोनसप्ततिः) |
| 70 | सप्ततिः |
| 71 | एकसप्ततिः |
| 72 | द्विसप्ततिः |
| 73 | त्रिसप्ततिः |
| 74 | चतुष्सप्ततिः |
| 75 | प््चसप्ततिः |
| 76 | षट्सप्तति: |
| 77 | सप्तसप्ततिः |
| 78 | अष्टसप्ततिः |
| 79 | नवसप्ततिः (एकोनाशीतिः) |
| 80 | अशीतिः |
| 81 | एकाशीतिः |
| 82 | द्वयशीतिः |
| 83 | त्रयशीतिः |
| 84 | चतुरशीतिः |
| 85 | पञ्चाशीतिः |
| 86 | षडशीतिः |
| 87 | सप्ताशीतिः |
| 88 | अष्टाशीतिः |
| 89 | नवाशीतिः (एकोननवतिः) |
| 90 | नवतिः |
| 91 | एकनवतिः |
| 92 | द्विनवतिः |
| 93 | त्रिणवतिः |
| 94 | चतुर्णवतिः |
| 95 | प््चनवतिः |
| 96 | षण्णवतिः |
| 97 | सप्तनवति: |
| 98 | अष्टनवतिः |
| 99 | नवनवतिः (एकोनशतम्) |
| 100 | शतम् |
Class 9 HBSE एवं अव्यय
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(ग) अव्यय
संस्कृत भाषा में दो प्रकार के शब्द होते हैं
(क) विकारी शब्द; जैसे रामः रामौ रामाः इत्यादि और
(ख) अविकारी शब्द; जैसेशनैः इत्यादि। अविकारी शब्द को ही अव्यय कहते हैं। जो शब्द तीनों लिङ्गों में तथा सभी विभक्तियों में एवं सब वचनों में एक समान रहते हैं तथा जिनमें कोई परिवर्तन नहीं होता, वे शब्द अव्यय कहलाते हैं। कुछ प्रमुख अव्यय निम्नलिखित हैं-
| अव्यय | अर्थ | वाक्य-प्रयोग |
| पुरा | प्राचीन काल में | पुरा रामः राजा आसीत्। |
| नूनम् | निश्चय ही | नूनम् सः अद्य आगमिष्यति। |
| अद्य | आज | अद्य अहं विद्यालयं न गमिष्याभि। |
| ह्यः | बीता हुआ कल | ह्य: सोमवारः आसीत्। |
| श्वः | आने वाला कल | श्वः रविवारः भविष्यति। |
| एकदा | एक बार | एकदा रामः लक्ष्मणं कथयत्। |
| यदा | जब | यदा स आगमिष्यति तदाहं पठिष्यामि। |
| कदा | कब | सः कदा गमिष्यति? |
| तदा | तब | तदा सः गृहमगच्छत् । |
| सर्वदा | सदा | सः सर्वदा कार्यं करोति। |
| अधुना | अब | अधुना वयं पत्रं लिखामि। |
| शीघ्रम् | जल्दी | देवः शीघ्र कार्यं कुरु। |
| पुनः | फिर | सः पुनः पुनः अत्र आगच्छति। |
| च | और | त्वमेव माता च पिता त्वमेव। |
| अपि | भी | मया सह मोहनः अपि पठिष्यति। |
| सर्वत्र | सब जगह | ईश्वरः सर्वत्र अस्ति। |
| अति | अधिकता | जलम् अति शीतलं वर्तते । |
| सम्प्रति | अब | अहं सम्प्रति गृहं गमिष्यामि। |
| धिक | धिक्कार | धिकू दुष्टम्। |
| खलु | निश्चयोधक | अत्र खलु बहवः वृक्षा: सन्ति। |
| यथा-तथा | जैसा-वैसा | यथा राजा तथा प्रजा। |
| दिव | दिन में | दिवा निद्रा मा कुरुत। |
| अहर्निशम् | दिन-रात | सः अहर्निशम् पठति। |
| वृथा | व्यर्थ | वृथा न गन्तव्यम्। |
| नक्तम् | रात में | सः नक्तम् चिरं पठति। |
| नाना | बिना, अनेक | विद्यालये नाना छात्राः पठन्ति। |
| विना | बिना, रहित | विद्या विना मानवः पशुः अस्ति। |
| मृषा | झूठ | मृषा न वक्तव्यम् । |
| अथ | इसके बाद, अब | अथ सः कथां करोति। |
| मा | मत, नहीं | कदापि असत्यं मा वद। |
| कुतः | कहाँ से | भवान् इदानीम् कुतः आगच्छति ? |
| शनैः | धीरे-धीरे | सः शनैः लिखति। |
| उच्चै: | ऊँचे | वायुयानं उच्चैः गच्छति। |
| नीचैः | नीचे | सः वृक्षात् नीचैः अपतत्। |
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अभ्यासार्थ प्रश्नाः
I. कोष्ठकगतेषु पदेषु उचित विभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत
(क) विष्णुः ……… अधिशेते। (पर्यङ्क)
(ख) अलं ………….. । (चिन्ता)
(ग) गङ्गा ……….. निर्गच्छति। (हिमालय)
(घ) …………. यावत् गृहम् उपैति। (सन्ध्या)
(ङ) सः ………….. खञ्जः अस्ति। (पाद)
II. शुद्ध उत्तरं चित्वा लिखत
(क) ‘धिक्’ इति उपपद योगे का विभक्तिः ?
(i) प्रथमा
(ii) द्वितीया
(iii) चतुर्थी
(iv) तृतीया
(ख) ‘नमः’ इति उपपद योगे का विभक्तिः ?
(i) चतुर्थी
(ii) पञ्चमी
(iii) तृतीया
(iv) षष्ठी
(ग) ‘विना’ इति उपपद योगे का विभक्तिः?
(i) प्रथमा
(ii) सप्तमी
(iii) तृतीया
(iv) चतुर्थी
(घ) ’40’ इति अंके किं संख्यावाचीपदम् ?
(i) चत्वारिंशत्
(ii) चत्वारिशत्
(iii) चतुरशत्
(iv) चतुर्दश
(ङ) ‘षष्टिः’ इति पदे का संख्या ?
(i) 16
(ii) 26
(iii) 60
(iv) 36
(च) ’35’ अङ्क स्थाने किं संख्यावाचीपदम् ?
(i) सप्तत्रिंशत्
(ii) अष्टत्रिंशत्
(iii) पञ्चत्रिंशत्
(iv) द्वात्रिंशत्