Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions History Chapter 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल Textbook Exercise Questions and Answers.
Haryana Board 7th Class Social Science Solutions History Chapter 1 हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
HBSE 7th Class History हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल Textbook Questions and Answers
फिर से याद करें
हजार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल Notes HBSE 7th Class प्रश्न 1.
अतीत में “विदेशी” किसे माना जाता था?
उत्तर:
अतीत में गाँव में आने वाले अनजान व्यक्ति को जो समाज अथवा संस्कृति का अंग नहीं होता था, विदेशी कहा जाता था। इसी प्रकार शहरी व्यक्ति के लिए वनवासी विदेशी होता था।
हजार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल Chapter 1 HBSE 7th Class प्रश्न 2.
नीचे उल्लिखित बातें सही है या गलत:
(क) सन् 700 के बाद के काल के संबंध में अभिलेख नहीं मिलते हैं।
(ख) इस काल के दौरान मराठों ने अपने राजनीतिक महत्त्व की स्थापना की।
(ग) कृषि केंद्रित बस्तियों के विस्तार के साथ कभी-कभी वनवासी अपनी जमीन से उखाड़ बाहर कर दिए जाते
(घ) सुल्तान गयासुद्दीन बलबन असम, मणिपुर तथा काश्मीर का शासक था।
उत्तर:
(क) गलत
(ख) सही
(ग) सही
(घ) गलत।
Hajar Varshon Ke Dauran Hue Parivartan Ki Padtal HBSE 7th Class प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों को भरें:
(क) अभिलेखागारों में ……………. रखे जाते हैं।
(ख) ……………. चौदहवीं सदी का एक इतिहासकार था।
(ग) ……………. , ……………. , ……………. , ……………. और ……………. इस उपमहाद्वीप में इस काल के दौरान लाई गई कुछ नई फसलें हैं।
उत्तर:
(क) पांडुलिपियाँ, दस्तावेज, नक्शे, सिक्के आदि,
(ख) जियाउद्दीन बरनी,
(ग) आलू, मक्का, मिर्च, चाय, कॉफी।
हजार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 4.
इस काल में हुए कुछ प्रौद्योगिकीय परिवर्तनों की तालिका दें।
उत्तर:
प्रौद्योगिकीय परिवर्तनों की तालिका
1. सिंचाई में रहट।
2. कताई में चरखे।
3. युद्ध में आग्नेयास्त्रों (बारूद वाले हथियार)।
हजारों वर्षों के दौरान हुए परिवर्तन की पड़ताल HBSE 7th Class प्रश्न 5.
इस काल के दौरान हुए कुछ मुख्य धार्मिक परिवर्तनों की जानकारी दें।
उत्तर:
इस काल में धार्मिक परंपराओं में कई परिवर्तन आए।
- हिंदू धर्म में अनेक नए देवी-देवताओं की पूजा आरंभ हो गई। राजाओं द्वारा मंदिर निर्माण की परंपरा आरंभ हुई। संस्कृत के ज्ञान व राज्यों के संरक्षण के कारण ब्राह्मणों का महत्त्व बढ़ा।
- 7वीं सदी में व्यापारियों व आप्रवासियों के माध्यम से मुस्लिम धर्म भारत पहुंचा।
- 15वीं सदी में सिक्ख धर्म का उदय हुआ।
आइए समझें
प्रश्न 6.
पिछली कुछ शताब्दियों में “हिंदुस्तान” शब्द का अर्थ कैसे बदला है?
उत्तर:
(i) आज हम ‘हिंदुस्तान’ शब्द को राष्ट्र राज्य “भारत” के अर्थ में लेते हैं।
(ii) तेरहवीं सदी में जब फ़ारसी के इतिहासकार मिन्हाज-ए सिराज ने ‘हिंदुस्तान’ शब्द का प्रयोग किया था तो उसका आशय पंजाब, हरियाणा और गंगा-यमुना के बीच में स्थित क्षेत्रों से था। उसने इस शब्द का राजनीतिक अर्थ में उन क्षेत्रों के लिए प्रयोग किया जो दिल्ली के सुल्तान के अधिकार क्षेत्र में आते थे।
(iii) सल्तनत के प्रसार के साथ-साथ इस शब्द के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र भी बढ़ते गए, लेकिन ‘हिंदुस्तान’ शब्द में दक्षिण भारत का समावेश कभी नहीं हुआ।
(iv) यह प्रयोग चौदहवीं सदी के कवि अमीर खुसरो द्वारा प्रयुक्त “हिंद” के ही कुछ-कुछ समान था। मगर जहाँ “भारत” को एक भौगोलिक और सांस्कृतिक तत्त्व के रूप में पहचाना जा रहा था वहाँ हिंदुस्तान शब्द से वे राजनीतिक और राष्ट्रीय अर्थ नहीं जुड़े थे जो हम आज जोड़ते हैं।
(v) इसके विपरीत, सोलहवीं सदी के आरंभ में बाबर ने ‘हिंदुस्तान’ शब्द का प्रयोग इस उपमहाद्वीप के भूगोल, पशु-पक्षियों और यहाँ के निवासियों की संस्कृति का वर्णन करने के लिए किया।
प्रश्न 7.
जातियों के मामले कैसे नियंत्रित किए जाते थे?
उत्तर:
जातियाँ स्वयं अपने-अपने नियम बनाती थीं, जिससे कि वे अपनी जाति के सदस्यों के व्यवहार को नियंत्रित कर सकें। इन नियमों का पालन जाति के बड़े बजगों की एक सभा करवाती थी, जिसे कुछ इलाकों में “जाति पंचायत” कहा जाता था, लेकिन जातियों को अपने निवास के गांवों के रिवाजों का पालन भी करना पड़ता था।
प्रश्न 8.
सर्वक्षेत्रीय साम्राज्य से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सर्वक्षेत्रीय साम्राज्य वे साम्राज्य थे जिनके अधीन अनेक सारे क्षेत्र आ जाते थे। उदाहरण के लिए मुख्यतः दक्षिण में चोल, उत्तर से दक्षिण तक फैला तुगलक साम्राज्य, मुगल साम्राज्य आदि सर्व क्षेत्रीय साम्राज्यों के उदाहरण हैं।
आइए विचार करें
प्रश्न 9.
पांडुलिपियों के उपयोग में इतिहासकारों के सामने कौन-कौन सी समस्याएँ आती हैं?
उत्तर:
(i) पांडुलिपियों का प्रयोग इतिहासकारों के लिए कठिन है। प्राचीन काल में छापेखाने नहीं थे इसलिए लिपिक हाथ से ही पांडुलिपियों की प्रतिकृति (Copy) बनाते थे। यह काम आसान नहीं होता। कई बार इतिहासकारों को लिपिक की लिखावट समझ में नहीं आती और विवश होकर उन्हें अंदाजा ही लगाना पड़ता है कि उसने क्या लिखा होगा।
(ii) इतिहासकारों के सामने भिन्न-भिन्न समय पर लिखी एक ही व्यक्ति के बारे में पांडुलिपियों में सूचना संबंधी कुछ अंतर पढ़ने पड़ते हैं।
(iii) प्रतिलिपियाँ बनाते हुए लिपिक छोटे-मोटे फेर-बदल करते चलते थे, कहीं कोई शब्द, कहीं कोई वाक्य।
(iv) सदो-दर-सदी प्रतिलिपियों की भी प्रतिलिपियाँ बनती रहीं और अंततः एक ही मूल ग्रंथ की भिन्न-भिन्न प्रतिलिपियाँ एक-दूसरे से बहुत ही अलग हो गई।
(v) वास्तविक तथ्यों का अध्ययन करने के लिए इतिहासकारों को एक ही ग्रंथ की विभिन्न प्रतिलिपियों का अध्ययन करना पड़ता
(vi) कई बार लेखक स्वयं भी समय-समय पर अपने मूल वृत्तांत में संशोधन करते रहते थे।
प्रश्न 10.
इतिहासकार अतीत को कालों या युगों में कैसे विभाजित करते हैं? क्या इस कार्य में उनके सामने कोई कठिनाई आती है?
उत्तर:
अधिकतर इतिहासकार आर्थिक तथा सामाजिक कारकों के आधार पर ही अतीत के काल खंडों की विशेषताएँ तय करते हैं। इन आधारों पर इतिहास को प्राचीन, मध्य और आधुनिक कालों में बाँटा गया है। काल-क्रम को विभाजित करते समय इतिहासकारों के सामने यह समस्या उत्पन्न होती है कि वे किस महत्त्वपूर्ण घटना के बाद कालक्रम का विभाजन करें। आइए करके देखें
प्रश्न 11.
अध्याय में दिये गये मानचित्र-1 अथवा मानचित्र-2 की तुलना उपमहाद्वीप के आज के मानचित्र से करें। तुलना करते हुए दोनों के बीच जितनी भी समानताएँ और असमानताएँ मिलती हैं, उनकी सूची बनाइए।
मानचित्र-1
मानचित्र-2
उत्तर:
(i) अध्याय में दिया गया मानचित्र-1 अरब भूगोलशास्त्री अल-इदरीसी द्वारा बनाया गया था। यह नक्शा आज से लगभग 950 वर्ष पहले बना था। जो मानचित्र हमारी पाठ्यपुस्तक के अध्याय । में दिया है वह उस विद्वान द्वारा बनाए गए दुनिया के बड़े मानचित्र का एक हिस्सा है और भारतीय उपमहाद्वीप को उल्टी शक्ल में दर्शाता है।
(ii) इस नक्शे में दक्षिण भारत वह जगह है जहाँ आज हम उत्तर भारत देखते हैं। आज के मानचित्र में भारत का पड़ोसी श्रीलंका का द्वीप उस तरह ऊपर की तरफ नहीं है जैसा कि अल-इदरीसी ने मानचित्र में दिखाया है।
(iii) इस नक्शे में भारत के कुछ स्थानों के नाम अरबी (भाषा) में दिए गए हैं और उनमें कुछ जाने-पहचाने नाम भी हैं जैसे कि उत्तर प्रदेश का कन्नौज (जिसे नक्शे में कनौज) लिखा गया है।
प्रश्न 12.
पता लगाइए कि आपके गाँव या शहर में अभिलेख (रिकॉर्ड) कहाँ रखे जाते हैं। इन अभिलेखों को कौन तैयार करता है? क्या आपके यहाँ कोई अभिलेखागार है? उसकी देखभाल कौन करता है? वहाँ किस तरह के दस्तावेज़ संगृहीत हैं? उनका उपयोग कौन लोग करते हैं?
उत्तर:
ग्रामीण क्षेत्रों के अभिलेख (रिकार्ड) जिला मुख्यालय में रखे जाते हैं. इन अभिलेखों को विभिन्न विभाग के कर्मचारी तैयार करते हैं। तथा शहरों के अभिलेख नगर निगम कार्यालयों में रखे जाते हैं और ऐतिहासिक अभिलेख को अभिलेखागारों में रखा जाता है। अभिलेखागार की देखभाल उसके अंदर नियुक्त कर्मचारियों द्वारा की जाती है। इनका उपयोग शोधार्थियों द्वारा अथवा विभिन्न विभागों द्वारा समय-समय पर किया जाता है।
बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनें:
(i) जियाउद्दीन बरनी 14वीं शताब्दी के प्रमुख:
(क) चित्रकार थे
(ख) मानचित्रकार थे
(ग) इतिहासकार थे
उत्तर:
(ग) इतिहासकार थे।
(ii) 14वीं सदी में राजपूत शब्द उन योद्धाओं के लिए प्रयुक्त होता था जो
(क) शुद्ध वर्ण के थे
(ख) क्षत्रिय वर्ण के थे
(ग) वैश्य वर्ण के थे
उत्तर:
(ख) क्षत्रिय वर्ण के थे।
(iii) राजपूतों की आचार संहिता, पराक्रम एवं स्वामिभक्ति का गुणगान करते थे।
(क) जाट
(ख) चारण
(ग) अहोम
उत्तर:
(ख) चारण!
(iv) अमीर खुसरो के अनुसार बंगाल में बोली जाने वाली भाषा थी:
(क) गूजरी
(ख) तेलंगानी
(ग) गौड़ी
उत्तर:
(ग) गौड़ी।
(v) भारत में प्रचलित इस्लामी न्याय सिद्धांत है:
(क) हनफी
(ख) शल्फी
(ग) हनफी व शफी
उत्तर:
(ग) हनफी व शफौ।
प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरें:
(i) अल-इद्रीसी 12वीं सदी के ……….. थे।
(ii) जो व्यक्ति मानचित्र या नक्शे बनाता है उसे …………………” कहते हैं।
(iii) पांडुलिपियों को पुस्तकालयों एवं …………… में रखा जाता था।
(iv) बड़े-बुजुर्गों की एक सभा ………….. कहलाती थी।
(v) द्वारसमुद्री भाषा …………………. में बोली जाती थी।
उत्तर:
(i) भूगोलवेत्ता
(ii) मानचित्रकार
(iii) अभिलेखागारों
(iv) जाति पंचायत
(v) दक्षिण कर्नाटक।
प्रश्न 3.
सही गलत छाँटो:
(i) आज आधुनिक राष्ट्र राज्य भारत के अर्थ में हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग किया जाता है।
(ii) अमीर खुसरो ने हिंदुस्तान के लिए हिंद शब्द का प्रयोग किया।
(iii) संस्कृत आम जनता की भाषा थी।
(iv) मध्यकाल रूढ़िवादी था, उसमें किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं हुआ।
(v) मुसलमान कुरान शरीफ को अपना धर्मग्रंथ मानते हैं।
उत्तर:
(i) आज आधुनिक राष्ट्र राज्य भारत के अर्थ में हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग किया जाता है। ✓
(ii) अमीर खुसरो ने हिंदुस्तान के लिए हिंद शब्द का प्रयोग किया। ✓
(iii) संस्कृत आम जनता की भाषा थी। ✗
(iv) मध्यकाल रूढ़िवादी था, उसमें किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं हुआ। ✗
(v) मुसलमान कुरान शरीफ को अपना धर्मग्रंथ मानते हैं। ✓
हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
HBSE 7th Class History हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
अल-इदरीसी और ग्विलॉम द लिस्ले जैसे मानचित्रकारों द्वारा बनाए गए नक्शों का क्या ऐतिहासिक महत्त्व रहा है? संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
यूरोप के नाविक एवं व्यापारियों द्वारा अपनी सामुद्रिक यात्रा के लिए इन नक्शों का प्रयोग किया गया।
इतनी ही महत्त्वपूर्ण एक और बात यह है कि दूसरे ऐतिहासिक (मध्यकाल) युग तक मानचित्र-अंकन का विज्ञान भी बहुत बदल गया था। इतिहासकार जब बीते युगों के दस्तावेज (documents), अध्ययन करते हैं तो उनके लिए उन सूचनाओं के सदर्भो (references) में उनकी भिन्न-भिन्न ऐतिहासिक पृष्ठभूमियों (historical background) का ध्यान रखना जरूरी होता है।
प्रश्न 2.
इस अध्याय के अध्ययन काल में उभरने वाली छ: जातियों या समुदायों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) राजपूत
(ii) मराठा
(iii) सिक्ख
(iv) जाट
(v) अहोम
(vi) कायस्था
प्रश्न 3.
मुसलमान किसे अपना धर्म ग्रंथ मानते हैं?
उत्तर:
मुसलमान कुरान शरीफ को अपना धर्म ग्रंथ मानते हैं।
प्रश्न 4.
बाबर ने हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग किस संदर्भ में किया था?
उत्तर:
बाबर ने हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग इस उपमहाद्वीप के भूगोल, पशु-पक्षियों और यहाँ के निवासियों की संस्कृति का वर्णन करने के लिए किया था।
प्रश्न 5.
सन् 700 और 1750 के मध्य के हजार वर्षों में प्रौद्योगिकी (Technology) के क्षेत्र में नए परिवर्तनों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सन् 700 और 1750 के बीच के हजार वर्षों में अलग-अलग समय पर नई प्रौद्योगिकी के दर्शन होते हैं, जैसे सिंचाई में रहट, कताई में चर्खे और युद्ध में आग्नेयास्त्रों (बारूद वाले हथियार) का प्रयोग।
प्रश्न 6.
इतिहास का अध्ययन करने के लिए हम स्रोत सामग्री के रूप में किसका प्रयोग करते हैं?
उत्तर:
इतिहास का अध्ययन करने के लिए हम सिक्कों, शिलालेखों, स्थापत्य कला व, लिखित सामग्री का प्रयोग स्रोत सामग्री के रूप में करते हैं।
लघु उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
भारत में इस्लाम से जुड़े कुछ पहलुओं एवं धर्मशास्त्रियों और समुदायों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(i) आठवीं शताब्दी में भारत में एक नए धर्म के रूप में इस्लाम ने प्रवेश किया। इस धर्म का प्रवेश व्यापारियों और आप्रवासियों के माध्यम से हुआ। मस्जिदें बनी, कुरान की आयतें पड़ी गई, सुनी और सुनाई गई।
(ii) अनेक शासक इस्लाम और इसके विद्वान धर्मशास्त्रियों और न्यायशास्त्रियों- अर्थात् उलेमा को संरक्षण देते थे। हिंदू धर्म की ही भाँति इस्लाम के अनुयायी भी अपने धर्म की अलग-अलग तरह से व्याख्या करते थे।
(iii) मुसलमानों में कुछ शिया थे जो पैगंबर साहब के दामाद अली को मुसलमानों का विधिसम्मत नेता मानते थे और कुछ सुन्नी थे जो ख़लीफ़ाओं के प्रभुत्व को स्वीकार करते थे।
(iv) इस्लाम के आरंभिक दौर में इस धर्म का नेतृत्व करने वाले खलीफ़ा कहलाते थे और आगे भी इनकी परंपरा चलती रही।
(v) इस्लामी न्याय सिद्धांत (विशेषकर भारत में हनफ़ी और शफ़ी) की विभिन्न परंपराओं में भी कई महत्त्वपूर्ण अंतर रहे हैं। ऐसे ही धर्म-सिद्धांतों तथा रहस्यवादी विचारों को लेकर विभिन्नताएँ देखने को मिलती हैं।
प्रश्न 2.
सन् 700 और 1750 के मध्य राजपूत समुदाय पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
(i) सन् 700 से 1750 के युग के मध्य भारतीय समाज और राजनीति में जिन समुदायों का महत्त्व बढ़ा उनमें राजपूत प्रारंभ में सर्वाधिक शक्तिशाली रहे। यह (राजपूत) एक वह समुदाय था, जिसका नाम “राजपुत्र” (अर्थात् राजा का पुत्र) से निकला है।
(ii) आठवीं से चौदहवीं सदी के बीच यह नाम आमतौर पर योद्धाओं के उस समूह के लिए प्रयुक्त होता था जो क्षत्रिय वर्ण के होने का दावा करते थे।
(ii) राजपूत’ शब्द के अंतर्गत केवल राजा और सामंत वर्ग ही नहीं, बल्कि वे सेनापति और सैनिक भी आते थे जो पूरे उपमहादीप में अलग-अलग शासकों की सेनाओं में सेवारत थे। कवि और चारण राजपूतों की आचार संहिता – प्रबल पराक्रम और स्वामिभक्ति – का गुणगान करते थे।
प्रश्न 3.
सन् 700 से 1750 के मध्य के काल के दौरान वनवासियों के जीवन और जीवन शैली पर क्या प्रभाव पड़ा? इसके परिणामस्वरूप सामाजिक, आर्थिक क्षेत्र में क्या परिवर्तन दिखाई दिए? उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
(i) वनवासियों के जीवन और जीवन शैली में बदलाव (Changes in life and lifestyle of tribals): इस परे काल के दौरान क्रमश: जंगलों की कटाई हो रही थी और खेती का इलाका बढ़ता जा रहा था। कुछ क्षेत्रों में यह परिवर्तन अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक तेजी से और पूरे तौर पर हुआ।
(ii) पर्यावास (Habitat) में परिवर्तन के कारण अनेक कनवासियों को मजबूर होकर अपना स्थान छोड़ना पड़ा। कुछ और वनवासी जमीन की जुताई करने लगे और कृषक बन गए। कृषकों के ये नए समूह क्षेत्रीय बाजार, मुखियाओं, पुजारियों, मठों और मंदिरों से प्रभावित होने लगे। वे बड़े और जटिल समाजों के अंग बन गए। उन्हें कर चुकाने पड़ते थे और स्थानीय मालिक वर्ग की बंगार करनी पड़ती थी।
(iii) सामाजिक-आर्थिक जीवन में परिवर्तन (Changes _in socio-economic life):
(क) इस पूरे काल में परावासियों की गतिशीलता के कारण उनकी सामाजिक और आर्थिक जीवन शैलियों में परिवर्तन आया। इसके परिणामस्वरूप किसानों के बीच आर्थिक और सामाजिक अंतर उभरने लगे।
(ख) कुछ के पास ज्यादा उपजाऊ जमीन होती थी, कुछ लोग मवेशी भी पालते थे और कुछ लोग खेती से खाली समय में दस्तकारी आदि का कुछ काम कर लेते थे। जैसे-जैसे समाज में अंतर बढ़ने लगे, लोग जातियों और उपजातियों में बाँटे जाने लगे और उनकी पृष्ठभूमि और व्यवसाय के आधार पर उन्हें समाज में ऊंचा या नीचा दर्जा दिया जाने लगा। ये दर्जे स्थायी नहीं
(ग) किसी जाति विशेष के सदस्यों के हाथों में कितनी सत्ता, प्रभाव और संसाधनों का नियंत्रण है, इसके आधार पर उसके दर्जे बदलते रहते थे। एक ही जाति का किसी क्षेत्र में कोई दर्जा हो सकता था, और किसी अन्य क्षेत्र में कोई और।
प्रश्न 4.
मध्यकाल में प्रामाणिक लिखित सामग्री की संख्या व विविधता में आश्चर्यजनक रूप से हुई वृद्धि के क्या कारण थे?
उत्तर:
इस समय में कागज का आविष्कार हो चुका था। कागज बहुत सस्ता व अधिक मात्रा में उपलब्ध था इसलिए लोग विभिन्न प्रकार की लेखन सामग्री जैसे-धर्मग्रंथ, शासकों के वर्णन, संतों की वाणियों, अदालतों के कार्यकलापों के लिए आवश्यक दस्तावेजों, हिसाब व करों के खाते आदि के लिए कागज का प्रयोग होने के कारण मध्यकाल में लिखित सामग्री की संख्या एवं विविधता में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई।
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सन् 700 से 1750 के मध्य गतिशीलता क्यों बढ़ी? गतिशीलता शब्द का अर्थ लिखते हुए बताइए कि भारतीय वनवासियों में गतिशीलता क्यों अधिक दिखाई दी?
उत्तर:
(i) गतिशीलता (Mobility): सन् 700 और 1750 के मध्य के युग में भारतीय लोगों की गतिशीलता अर्थात् एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना-जाना बहुत बढ़ गया था।
(ii) कारण (Causes):
(क) इस काल में अवसर की तलाश में लोगों के झुंड के झुंड, दूर-दूर की यात्रा करने लगे थे। ये अक्सर काम-धंधे, कृषि, सरकारी नौकरियों, व्यापार आदि से जुड़े थे।
(ख) भारतीय उपमहाद्वीप में अपार संपदा और अपना भाग्य गढ़ने के लिए अपार संभावनाएँ मौजूद थीं।
(ग) इस काल में कुछ समुदायों का राजनीतिक महत्त्व बढ़ गया। इनमें राजपूत समुदाय प्रमुख था। राजपूत शब्द “राजपुत्र” (अर्थात् राजा के पुत्र) से निकला है। ये योद्धा क्षत्रिय वर्ग के होते अन्य समुदायों ने मौकों का लाभ उठाया। इनमें प्रमुख रूप से मराठा, सिक्ख, जाट, अहोम और कायस्थ (जो मुख्य रूप से लिपिकों और मुंशियों का कार्य करने वाली जाति थी) शामिल थे।
(iii) वनवासियों में गतिशीलता (Mobility among tribals): इस पूरे युग में अनेक जगहों पर जंगलों की कटाई हो रही थी और खेती का इलाका बढ़ता जा रहा था। कुछ क्षेत्रों में यह परिवर्तन अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक तेजी से और पूरे तौर पर हुआ। पर्यावास में परिवर्तन के कारण अनेक वनवासियों को मजबूर होकर अपना स्थान छोड़ना पड़ा।
(iv) कुछ और वनवासी जमीन की जुताई करने लगे और कृषक बन गए। कृषकों के ये नए समूह क्षेत्रीय याजार, मुखियाओं, पुजारियों, मठों और मंदिरों से प्रभावित होने लगे। वे बड़े और जटिल समाजों के अंग बन गए। उन्हें कर चुकाने पड़ते थे और स्थानीय मालिक वर्ग की बेगार करनी पड़ती थी।
प्रश्न 2.
सिद्ध करें कि सन् 700 से 1750 के मध्य हजारों सालों का अध्ययन इतिहासकारों के लिए एक भारी चुनौती रखता है।
उत्तर:
सन् 700 से 1750 के मध्य हजारों सालों का अध्ययन इतिहासकारों के लिए एक भारी चुनौती रखता है। इसके निम्नलिखित कारण हैं:
- इस काल में प्रौद्योगिक स्तर पर अनेक परिवर्तन हुए। सिंचाई में रहट, कताई में चर्खे व युद्ध में आग्नेयास्त्रों का प्रयोग किया जाने लगा।
- खान-पान में चाय, कॉफी, मक्का, मिर्च व आलू का प्रचलन बढ़ा।
- कई नए विचार भी पनपने लगे।
- इस काल में लोगों की गतिशीलता में काफी वृद्धि हुई।
- समाज में अंतर बढ़ने लगे। कई जातियाँ व उपजातियाँ अस्तित्व में आई।
हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल Class 7 HBSE Notes in Hindi
1. अल-इदरीसी (Al-Idrisi): यह एक अरब भूगोलशास्त्री था। इसने 1154 ई. में दुनिया का मानचित्र बनाया था।
2. ग्विलॉम द लिस्ले (Guillaume del’Isle): यह एक फ्रांसीसी मानचित्रकार था। इसने 1720 में दुनिया का मानचित्र बनाया था।
3. मानचित्रकार (Cartographer): जो व्यक्ति मानचित्र/नक्शे बनाता है।
4. कन्नौज या कनौज: उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास वर्तमान कन्नौज जिसे अरब भूगोलशास्त्री अल-इदरीसी ने ‘कनौज’ लिखा।
5. प्रारंभिक नक्शों का महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक प्रयोग: यूरोप के नाविक तथा व्यापारी अपनी समुद्र यात्रा के लिए इस नक्शे (इदरीसी के द्वारा निर्मित) का इस्तेमाल किया करते थे।
6. एक हजार वर्षों की पड़ताल (Tracing through one thousand years): इस पुस्तक में मोटे तौर पर 700 से 1750 ई. तक लगभग 1000 वर्षों के बारे में अध्ययन होगा।
7. पांडुलिपि (Manuscript): हाथ से लिखित पुस्तक।
8. भारत में सर्वप्रथम कागज उपलब्ध हुआ: तेरहवीं – शताब्दी में।
9. मिन्हाज-ए-सिराज: तेरहवीं सदी में एक भारतीय इतिहासकार जिसने फारसी में ऐतिहासिक विवरण दिया। वह दिल्ली के सुल्तानों के बारे में विशेष रूप से लिखने वाला इतिहासकार था।
10. अमीर खुसरो: चौदहवीं सदी का भारतीय कवि।
11. ऐतिहासिक स्रोत: वे साधन या स्रोत जिनसे इतिहासकार किसी काल-विशेष के बारे में सूचना एकत्र करते हैं जैसे सिक्के, शिलालेख, स्थापत्य (भवन निर्माण कला) तथा लिखित सामग्री (धार्मिक अथवा धर्मनिरपेक्ष पुस्तकें, ऐतिहासिक विवरण या ग्रंथ) आदि।
12. चौदहवीं शताब्दी में कागज के बारे में आने वाले दो उल्लेखनीय बदलाव:
- इस काल में कागज सस्ता होता गया और
- तेरहवीं शताब्दी की तुलना में चौदहवीं शताब्दी में बड़ी मात्रा में उपलब्ध होने लगा।
13. अभिलेखागार (Archive): ऐसा स्थान जहाँ दस्तावेजों और पांडुलिपियों को संग्रह किया जाता है। आज सभी राष्ट्रीय और राज्य सरकारों के अभिलेखागार होते हैं जहाँ वे अपने तमाम पुराने सरकारी अभिलेख और लेन-देन के ब्यौरों का रिकार्ड रखते हैं।
14. आठवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के मध्य भारत में आने वाली महत्त्वपूर्ण भाषाएँ:
- फारसी
- अरबी।
15. नस्तलिक लिपि: बाईं ओर से वर्ण जोड़कर धारा प्रवाह रूप से लिखे जाते हैं।
16. शिवस्त लिपि: दाईं ओर से लिखी जाने वाली लिपि जो – अधिक सघन, संक्षिप्त और कठिन है।
17. जियाउद्दीन बरनी: दिल्ली सल्तनतकालीन चौदहवीं शताब्दी का प्रसिद्ध इतिहासकार।
18. गतिशीलता (Mobility): एक स्थान से दूसरे स्थान पर लोगों का आना-जाना गतिशीलता कहलाता है।
19. पर्यावास (Habitat): इसका तात्पर्य किसी भी क्षेत्र के पर्यावरण और वहाँ के रहने वालों की सामाजिक और आर्थिक जीवनशैली से है।
20. बेगार: बिना मूल्य लिए जबरन मालिकों को सामग्री पहुंचाना और उनके लिए शारीरिक श्रम करना।
21. संरक्षक (Patron): कोई प्रभावशाली धनी व्यक्ति जो किसी कलाकार, शिल्पकार, विद्वान या अभिजात जैसे किसी अन्य व्यक्ति को मदद या सहारा दे।
22. सामूहिक आस्था: धर्म।
23. भक्ति की अवधारणा (Concept of devotion): एक महत्वपूर्ण परिवर्तन भक्ति की अवधारणा के रूप में आया। इसमें ईश्वर की कल्पना एक ऐसे इष्ट देवी-देवता के रूप में की गई जिस तक पुजारियों के विशद कर्मकांड के बिना ही भक्त स्वयं पहुँच सकें।