HBSE 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना

Haryana State Board HBSE 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना Textbook Exercise Questions and Answers.

Haryana Board 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना

HBSE 7th Class Civics लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना Textbook Questions and Answers

लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 1.
नीचे दिये गये कुछ कथनों पर विचार करिए और बताइये कि वे सत्य हैं या असत्य। अपने उत्तर के समर्थन में एक उदाहरण भी दीजिए।
(क) सभी समुदाय और समाजों में लड़के और लड़कियों के काम और उनकी भूमिका के बारे में एक जैसे विचार नहीं पाए जाएँगे।
(ख) हमारा समाज बढ़ते हुए लड़कों और लड़कियों में कोई भेद नहीं करता।
(ग) वे महिलाएँ जो घर पर रहती हैं कोई काम नहीं करतीं
(घ) महिलाओं के काम, पुरुषों के काम की तुलना में कम मूल्यवान समझे जाते हैं.
उत्तर :
(क) सत्य। उदाहरण के लिए पश्चिमी देशों जैसे ब्रिटेन और अमेरिका में लड़के और लड़कियों, दोनों के कामों को एक जैसा समझा जाता है जबकि भारत में दोनों के लिए अलग-अलग काम निर्धारित किए गए हैं। प्रायः लड़के बाहर के कार्य करते हैं। लड़कियाँ घर के अंदर खाना बनाना, बर्तन धोना, सफाई करना, कपड़े धोना, कपड़ों पर प्रेस करना, सिलाई-बुनाई, कढ़ाई आदि कार्य करती हैं।

(ख) असत्या उदाहरण के लिए हमारा समाज लड़के और लड़कियों में बहुत ज्यादा भेद-भाव करता है। कई दंपत्ति गर्भ के समय ही जाँच कराकर कन्याओं की जन्म से पूर्व ही भ्रूण हत्या कर देते हैं। कई परिवार लड़कियों को बड़ी मुश्किल से प्राथमिक शिक्षा देते हैं और कुछ परिवार तो लड़कियों को स्कूल ही नहीं भेजते। प्रायः शिक्षित परिवारों में भी लड़कियों के पालन-पोषण और शिक्षा पर लड़कों की तुलना में कम खर्च किया जाता है।

(ग) असत्य। उदाहरण के लिए क्योंकि महिलाएँ घर पर अनेक कार्य प्रायः दिन निकलने से पूर्व और देर रात तक विभिन्न कार्य करती हैं। वे भोजन बनाना, बर्तन तथा कपड़े साफ करती हैं। बच्चों और बुजुर्गों का पालन-पोषण और देखभाल करती हैं।

(घ) सत्य। उदाहरण के लिए हमारा समाज 21वीं सदी में पहुँचने के बावजूद पिछड़ा है। पुरुष प्रधान समाज होने के कारण महिलाओं के कामों को पुरुषों के काम की तुलना में कम मूल्यवान समझा जाता है जो वस्तुतः गलत है।

लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना पाठ के प्रश्न उत्तर HBSE 7th Class प्रश्न 2.

  • घर का काम अदृश्य होता है और इसका कोई मूल्य नहीं चुकाया जाता।
  • घर के काम शारीरिक रूप से थकाने वाले होते हैं।
  • घर के कामों में बहुत समय खप जाता है।

अपने शब्दों में लिखिये कि अदृश्य होने, शारीरिक रूप से थकाने और समय खप जाने जैसे वाक्यांशों से आप क्या समझते हैं? अपने घर में महिलाओं के काम के आधार पर हर बात को एक उदाहरण से समझाइये।
उत्तर :
1. घर का काम दिखाई नहीं देता। इसका अर्थ यह है कि वे काम जो औरतें करती हैं जैसे रसोई में गैस और बर्तनों को साफ करना, दूध गर्म करना, चाय बनाना, नाश्ता तैयार करना आदि को सामान्यतः नजर अंदाज किया जाता है यह सोचकर कि यह भी कोई काम है। सभी परिजन गरम खाने का स्वाद लेकर उठ जाते हैं लेकिन कोई भी उस महिला से नहीं पूछता कि उसने खाना खाया है या नहीं।

2. घर के काम शारीरिक रूप से थकाने वाले होते हैं जैसे गाँव में कई महिलाएँ अब भी चक्की पर आटा पीसती हैं, दूध देने वाले पशुओं से दूध निकालती हैं। गोबर उठाती हैं, गोबर थापती हैं, घास खोदती हैं, चारा काटकर खेतों से लाती हैं। हाथ से कुटी काटती हैं, भैसों को नहलाती हैं, मेहमानों की आवभगत करती हैं। शहरों में भी कई महिलाएं घर की चार दीवारी में दिन निकलने से पहले ही झाडू ल../ना, बर्तन मांजना, कपड़े धोना, खाना बनाना सभी परिजनों को खाना परोसना, बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना, उनकी यूनिफार्म तैयार करना, यदि उन्हें गृहकार्य मिला उसमें हाथ बँटाना आदि कार्य करती हैं। यह दिनचर्या शारीरिक रूप से थकाने वाली होती है जिसे महिलाएँ ही अंजाम देती हैं।

3. घर के कामों में बहुत समय खप जाने का अर्थ है कि महिलाएँ घड़ी की सुई की नोक के समान लगभग 15 से 17 घंटे तक काम करती हैं। कई बार उन्हें अपने रूप को सँवारने (साज-शृंगार) मनोरंजन के लिए समाचार पत्र देखने, दूरदर्शन देखने या रेडियो सुनने या सप्ताह में एक बार अथवा महीने में एक-दो बार बाहर पिक्चर देखने या सैर-सपाटे पर जाने के बारे में विचार तक नहीं आता।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना

अध्याय 4 लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना HBSE 7th Class प्रश्न 3.
ऐसे विशेष खिलौनों की सूची बनाइये, जिनसे लड़के खेलते हैं और ऐसे विशेष खिलौनों की भी सूची बनाइये, जिनसे केवल लड़कियाँ खेलती हैं। यदि दोनों सूचियों में कुछ अंतर है, तो सोचिये और बताइये कि ऐसा क्यों है। सोचिये कि क्या इसके कुछ संबंध इस बात से हैं कि आगे चलकर वयस्क के रूप में बच्चों को क्या भूमिका निभानी होगी?
उत्तर :
खिलौनों की सूची:

लड़के लड़कियाँ
1. कार 1. गुड़िया
2. क्रिकेट का बल्ला 2 छोटी गेंद
3. सख्त और भारी गेंद 3. रस्सी कूद
4. हॉकी 4. कैरम
5. पतंगें 5. सुई-धागा
6. ताश 6 कढ़ाई-बुनाई
7. मोटर साइकिल 7. सूत कातने के लिए चरखा
8. धनुष-तीर कमान 8. लेडी साइकल
9. पिस्तौल का मॉडल 9. चूड़ियों के टुकड़े
10. तलवार का मॉडल 10. छोटे-छोटे रंगीन ग्लास
11. गाँव में फावड़े, कुल्हाड़ी, बसौले, खुरपे, हल के नमूने, दरांती, विभिन्न मवेशियों के आकार और नमूनों के खिलौने। 11. विभिन्न बर्तनों के नमूने
12. पुरुष घड़ी 12. स्टोव का नमूना
13. पेन, पेंसिल 13. विभिन्न बर्तनों की शक्ल के खिलौने
14. कम्प्यूटर, ट्रांजिस्टर, सी डी. 14. कढ़ाई-बुनाई के लिए छोटे कपड़े
15. स्टेथोस्कोप 15. गाँव में दही बिलौने के पात्र, मक्खन, दही और छाज को ऊपर टाँगने के हंडियोंनुमा खिलौने
16. इलैक्ट्रोनिक गेम 16. झाडू, साबुन
17. खिलौने, कंप्यूटर 17. चकला, बेलन, तवा के नमूने और खिलौने
18. हाथ घड़ी का मॉडल 18. गहनों के नमूने
19. पैन-दवात के मॉडल 19. रंगीन कागज, कैंची, गोंद की शीशी, डिजाइन बनाने में सहायक रंगों की डिब्बी
20. घोड़े, हाथी, शेर के मॉडल 20. छोटी डायरी, कापियाँ, किताबें
21. मिट्टी की दीये से तराजू का मॉडल 21. टाइपराइटर का नमूना

लड़के व लड़कियों की रुचियों में अंतर होता है। लड़कियाँ प्रायः ऐसे खेल खेलती हैं जो पारिवारिक दायित्वों के निर्वाह में सहायक होते हैं व एक कुशल गृहिणी बनने में उसकी सहायता करते हैं। दूसरी ओर लड़के ऐसे खेल खेलते हैं जो उनकी दृढ़ता, कठोरता व शक्ति से संबंधित होते हैं। आगे चलकर घर के मुखिया के रूप में उन्हें उत्तरदायित्व निभाना होता है उसमें उनके यही गुण काम आते हैं।

Growing Up As Boy And Girl Class 7 Extra Questions And Answers HBSE प्रश्न 4.
अगर आपके घर में या आस-पास घर के कामों में मदद करने वाली कोई महिला है तो उनसे बात करिये, और उनके बारे में थोड़ा और जानने की कोशिश करिये, कि उनके घर में कौन-कौन हैं ? वे क्या करते हैं ? उनका घर कहाँ है ? वे रोज कितने घंटे तक काम करती हैं? वे कितना कमा लेती हैं ? इन सारे विवरणों को शामिल कर एक छोटी कहानी लिखिए।
उत्तर :
हाँ, हमारे घर में दो महिलाएं काम करने के लिए आती हैं। एक महिला जिसका नाम लक्ष्मी है रसोई में खाना बनाती है। वह हमारे घर के साथ-साथ तीन अन्य घरों में भी खाना बनाने का काम करती है। उसे कुल मिलाकर चारों घरों में सात-आठ घंटे काम करना पड़ता है। उसे कुल मिलाकर लगभग तीन हजार मासिक वेतन मिल जाता है। उसके परिवार में उसके पति और दो बच्चे हैं। पति किसी डॉक्टर की कार चलाता है और दोनों बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं।

दूसरी महिला जिसका नाम रामकली है घर पर सफाई करने और बर्तन साफ करने आती है। वह करीब पाँच घरों में काम करने के लिए जाती है। उसे पाँचों घरों से करीब 2500 रुपए प्रति माह मिलते हैं। उसके तीन बच्चे और एक वृद्ध सास हैं। तीन में से दो बच्चे स्कूल जाते हैं और एक बच्चे को उस महिला की सास संभालती है। वह महिला एक विधवा है उसका पति विद्यालय में चपरासी था। उसे उस पति की पेंशन की राशि लगभग 1500 रुपए प्रति मास मिलती है। उसके अनुसार सभी घरों के मालिक या मालकिन उसे प्रायः वही चीज या भोजन खाने को देते हैं जो प्रायः वे स्वयं खाते हैं लेकिन वह प्रायः खाने की चीजें अपने साथ घर ले जाना पसंद करती है ताकि वह अपनी सास और तीनों बच्चों को वे खाने की वस्तुएँ खिला सके।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना

बहुविकल्पी प्रश्न

Growing Up As Boys And Girls Class 7 HBSE प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनें :

(i) किसी भी संस्था को बालवाड़ियों की सुविधा प्रदान करना अनिवार्य है, यदि उनमें महिलाओं की संख्या है:
(क) 20 से कम
(ख) 30 से अधिक
(ग) 25
उत्तर :
(ख) 30 से अधिक।

(ii) स्त्रियाँ पुरुषों की अपेक्षा कार्य करती हैं :
(क) कम
(ख) अधिक
(ग) बराबर
उत्तर :
(ख) अधिक।

(iii) सामोआ में खाना पकाने का अधिकांश कार्य ……….. किया जाता था।
(क) लड़कियों द्वारा
(ख) लड़कों द्वारा
(ग) लड़के व लड़कियों दोनों द्वारा
उत्तर :
(ख) लड़कों द्वारा।

(iv) हमारे समाज में लड़के व लड़कियों में अंतर किया जाता है:
(क) बहुत कम उम्र से
(ख) 5 वर्ष की उम्र से
(ग) 13 वर्ष की उम्र से
उत्तर :
(क) बहुत कम उम्र से।

(v) हमारा संविधान स्त्रियों व पुरुषों की .का पक्ष लेता है।
(क) असमानता
(ख) समानता
(ग) भूमिका के बंटवारे का
उत्तर :
(ख) समानता।

Growing Up As Boy And Girl Class 7 Questions And Answers HBSE प्रश्न 2.
रिक्त स्थान भरें :

(i) लड़का या लड़की होना किसी की भी एक महत्त्वपूर्ण ………………… होती है।
(ii) सामोआ द्वीप प्रशांत महासागर के ………. स्थित है।
(iii) सामोआ में लड़कियाँ 13-14 वर्ष की हो जाने पर अधिक ………………….. हो जाती थीं।
(iv) सामोआ में ……………….. सबसे महत्त्वपूर्ण काम था।
(v) घरेलू कामगरों को ………………….” मजदूरी दी जाती है।
उत्तर :
(i) पहचान
(ii) दक्षिण
(iii) स्वतंत्र
(iv) मछली पकड़ना
(v) कम।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना

Growing Up As Boys And Girls Extra Questions HBSE 7th Class प्रश्न 3.
सही अथवा गलत लिखो।
(i) हमारे समाज में स्त्री-पुरुष के कार्यों का समान महत्त्व है।
(ii) हमारे समाज में किसी भी प्रकार का भेदभाव व्याप्त नहीं है।
(iii) हरमीत की माँ कोई कार्य नहीं करती थी।
(iv) बच्चों को दिए जाने वाले खिलौने उनकी भविष्य की भूमिका के निर्धारक हैं।
(v) सामोआ में 9 वर्ष का बालक ही काम सीखना आरंभ कर देता था।
उत्तर :
(i) हमारे समाज में स्त्री-पुरुष के कार्यों का समान महत्त्व है। ✗
(ii) हमारे समाज में किसी भी प्रकार का भेदभाव व्याप्त नहीं है। ✗
(iii) हरमीत की माँ कोई कार्य नहीं करती थी। ✗
(iv) बच्चों को दिए जाने वाले खिलौने उनकी भविष्य की भूमिका के निर्धारक हैं। ✓
(v) सामोआ में 9 वर्ष का बालक ही काम सीखना आरंभ कर देता था। ✓

HBSE 7th Class Civics लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना Important Questions and Answers

अति लघु उत्तरात्मक प्रश्न

दोहरा बोझ का शाब्दिक अर्थ क्या होगा HBSE 7th Class प्रश्न 1.
घरेलू काम के लिए लगाए जाने वाली महिलाएँ या पुरुष क्या-क्या काम करते हैं ?
उत्तर :
घर पर काम करने वाले पुरुष या महिलाएं घरेलू सहायकों के रूप में बहुत से काम करते हैं जैसे-झाड़ लगाना, सफाई करना, कपड़े और बर्तन धोना, खाना पकाना, छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल करना आदि। घर का काम करने वाली अधिकांशत: स्त्रियाँ होती हैं।

प्रश्न 2.
विद्यालय में वर्दी में जाना क्या आपको अच्छा लगता है ? यदि हाँ, तो क्यों ?
उत्तर :
1. हाँ, मैं अपने विद्यालय में वर्दी में जाना पसंद करती/करता हूँ क्योंकि यह मेरी विद्यालय विशेष का विद्यार्थी होने की पहचान है।
2. विद्यालय में लड़के और लड़कियों की वर्दी अलग-अलग है जो उनकी शारीरिक बनावट, रुचियों आदि के अनुकूल है।
3. विद्यालय में अनुशासन बनाने में वर्दी महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। विद्यालय में बिना वर्दी का कोई भी बाहरी तत्त्व अन्दर आसानी से प्रवेश नहीं कर सकता।

प्रश्न 3.
‘सामोआ द्वीप’ कहाँ पर है ?
उत्तर :
‘सामोआ द्वीप’ प्रशांत महासागर के दक्षिण में छोटे-छोटे द्वीपों के समूह का ही एक भाग है।

प्रश्न 4.
लड़के व लड़कियों के लिए अलग-अलग व्यवहार का निर्धारण कौन करता है?
उत्तर :
जिस समाज में हम बड़े होते हैं, वही समाज लड़के व लड़कियों के मध्य व्यवहार का निर्धारण करता है।

प्रश्न 5.
युवा होने पर सामोआ में लड़कियाँ क्या काम करती थी?
उत्तर :
युवा होने पर सामोआ में लड़कियाँ मछली पकड़ने, बागानों में काम करने तथा डलियाँ, बुनना सीखती थीं।

प्रश्न 6.
लड़कियाँ स्कूल जाते समय समूह बनाकर चलना क्यों पसंद करती हैं?
उत्तर :
सुरक्षा की दृष्टि से लड़कियाँ समूह बनाकर चलना अधिक पसंद करती हैं।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
घरेलू काम करने वालों से जुड़ी समस्याओं का उल्लेख करें।
उत्तर :
घर पर सहायक के रूप में महिलाओं या पुरुषों को काफी लंबे समय तक विभिन्न प्रकार के थका देने वाले, उबा देने वाले काम करने पड़ते हैं। कभी-कभी इन कार्यों को करने के लिए छोटे लड़के या लड़कियों को काम पर रख लिया जाता है। घरेलू काम का अधिक महत्त्व नहीं है। इसलिए इन्हें मजदूरी भी कम दी जाती है। घरेलू काम करने वालों का दिन सुबह पांच बजे से शुरू होकर देर रात बारह बजे तक भी खत्म हो सकता है। जी-तोड़ मेहनत करने के बावजूद प्रायः उन्हें नौकरी पर रखने वाले उनसे सम्मानजनक व्यवहार नहीं करते हैं।

प्रश्न 2.
अपने पड़ोस की किसी गली या पार्क का चित्र बनाइए। उसमें छोटे लड़के व लड़कियों द्वारा की जा सकने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को दर्शाइए। यह कार्य आप अकेले या समूह में भी कर सकते हैं।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।
संकेत :
चित्र बनाने के लिए अपनी पाठ्यपुस्तक में दिए गए पार्क के चित्र की मदद ले सकते हैं या अपने चित्रकला के अध्यापक या किसी परिवारजन या व्यक्ति की मदद ले सकते हैं।

प्रश्न 3.
क्या हरमीत और शोनाली का यह कहना सही था कि हरमीत की माँ काम नहीं करती ?
उत्तर :
हरमीत और शोनाली का यह कहना सही नहीं था कि हरमीत की माँ काम नहीं करती। घर की देखभाल करना, परिवार का ध्यान रखना विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों का दायित्व न केवल स्त्रियों की जिम्मेदारी है बल्कि परिवार में स्त्रियों और पुरुषों दोनों को ही जिम्मेदारी है। परिवार या घर का ध्यान नहीं रखेंगे तो चोर-उच्चके घर को लूट ले जाएँगे। सभी छोटे बच्चों का ध्यान नहीं रखेंगे तो उनकी सुरक्षा खतरे में होगी। बुजुर्गों और बीमारों को सभी परिवार के लोगों के सहयोग की जरूरत होती है।

प्रश्न 4.
आप क्या सोचते हैं कि अगर आपकी माँ या वे लोग, जो घर के काम में लगे हैं, एक दिन के लिए हड़ताल पर चले जाएँ तो क्या होगा?
उत्तर :
मैं, सोचता हूँ कि हमारी माँ या वे लोग जो घर के काम में लगे वे एक दिन के लिए हड़ताल पर चले जाएंगे तो घर की सफाई नहीं होगी, घर में पीने के पानी का अभाव होगा, गंदे बर्तनों में मक्खियाँ भिनभिनाएँगी। सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना, शाम की चाय और रात्रि को भोजन नहीं बनेगा और हो सकता है हम सबको बाजार से पका-पकाया खाना लाना पड़े और हममें से कुछ सदस्य अगले दिन ही बीमार हो जाएँ।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
1920 के दशक में सामोआ द्वीप में बच्चों के बड़े होने की प्रक्रिया पर संक्षेप में चर्चा कीजिए।
उत्तर :
1920 के दशक में सामोआ द्वीप में बच्चों का बड़ा होना (Growing up of the children Samoa Island in the 1920s):
1. ‘सामोआ द्वीप’ प्रशांत महासागर के दक्षिण में छोटे-छोटे द्वीपों के समूह का ही एक भाग है। सामोआ के समाज पर किए गए अनुसंधान की रिपोर्ट के अनुसार 1920 के दशक में बच्चे स्कूल नहीं जाते थे।

2. सामोआ द्वीप के परिवारों में छोटे बच्चों के चलना शुरू कर देने पर उनकी माताएँ या बड़े लोग उनकी देखभाल नहीं करते थे। यह जिम्मेदारी बड़े बच्चों, जो प्रायः स्वयं भी पाँच वर्ष के आस-पास की उम्र के होते थे, पर आ जाती थी। लड़के और लड़कियों दोनों अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल करते थे।

3. सामोआ द्वीप में प्रायः बच्चे अपने से बड़े बच्चों और वयस्कों से बहुत-सी बातें सीखते थे, जैसे-छोटे बच्चों को कैसे सँभालना या घर का काम कैसे करना आदि। द्वीपों पर मछली पकड़ना बड़ा महत्त्वपूर्ण कार्य था इसलिए किशोर बच्चे (teenagers) मछली पकड़ने के लिए सुदूर यात्राओं पर जाना सीखते थे, लेकिन ये बातें वे अपने बचपन के अलग-अलग समय पर सीखते थे।

4. सामोआ द्वीप के अनेक परिवारों में जब कोई लड़का लगभग नौ वर्ष का हो जाता था, वह बड़े लड़कों के समूह में सम्मिलित हो जाता था और बाहर के काम सीखता था, जैसे मछली पकड़ना और नारियल के पेड़ लगाना।

5. सामोआ द्वीप के कुछ परिवारों में प्राय: लड़कियाँ जब तक तेरह-चौदह साल की नहीं हो जाती थीं, छोटे बच्चों की देखभाल और बड़े लोगों के छोटे-मोटे कार्य करती रहती थीं, लेकिन एक बार जब वे तेरह-चौदह साल की हो जाती थीं, वे अधिक स्वतंत्र होती थीं।

6. लगभग चौदह वर्ष की उम्र के बाद वे भी मछली पकड़ने जाती थीं, बागानों में काम करती थीं और डलियाँ बुनना सीखती थीं। खाना पकाने का काम, अलग से बनाए गए रसोई घरों में ही होता था जहाँ लड़कों को ही अधिकांश काम करना होता था और लड़कियाँ उनकी मदद करती थीं।

HBSE 7th Class Social Science Solutions Civics Chapter 4 लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना

प्रश्न 2.
1960 के दशक में मध्य प्रदेश में पुरुष के रूप में बड़ा होना, सविस्तार समझाइए।
उत्तर :
1. मध्य प्रदेश में प्रायः प्राइमरी शिक्षा प्राप्त करने के बाद लड़के और लड़कियाँ अलग-अलग स्कूल भेजे जाते रहे हैं। लड़कियों के स्कूल लड़कों के स्कूल से बिल्कुल अलग ढंग से बनाए जाते रहे हैं।

2. 1960 के दशक में लड़कियों के स्कूलों के बीच में एक आँगन होता था जहाँ वे बाहरी दुनिया से बिल्कुल अलग रह कर स्कूल की सुरक्षा में खेलती थीं। लड़कों के स्कूल में ऐसा कोई आँगन नहीं होता था, बल्कि उनका खेल मैदान बस एक बड़ा सा खुला स्थान था जो स्कूल से लगा हुआ था।

3. हर शाम स्कूल के बाद लड़के सैकड़ों लड़कियों की भीड़ को सँकरी गलियों से जाते देखते थे। सड़कों पर जाती हुई ये लड़कियाँ बड़ी गंभीर दिखती थीं (Serious by Nature)। यह बात लड़कों से अलग थी, जो सड़कों को अनेक कामों के लिए उपयोग करते थे-यूँ ही खड़े-खड़े खाली समय बिताने के लिए. दौड़ने और खेलने के लिए और साइकिल चलाने के करतबों को आजमाने के लिए।

4. लड़कियों के लिए गली सीधे घर पहुँचने का एक माध्यम थी। लड़कियाँ हमेशा समूहों में जाती थीं। शायद उनके मन में यह डर रहता था कि कोई उन्हें छेड़ न दे या उन पर हमला न कर दे।

लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना Class 7 HBSE Notes in Hindi

1. पहचान (Identity) : यह एक प्रकार से स्वयं के होने अर्थात् अपने अस्तित्व के प्रति जागरूकता का भाव है। एक व्यक्ति की कई पहचान हो सकती हैं। उदाहरण के लिए : एक ही व्यक्ति, एक लड़की, बहन, बेटी और संगीतकार की तरह पहचाना जा सकता है।

2. दोहरा बोझ (Double burden) : शाब्दिक रूप में इसका अर्थ है-दो गुना वजन। सामान्यतः इस शब्द का महिलाओं के काम की स्थितियों को समझाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह इस तथ्य को स्वीकार करता हैं कि महिलाएँ आमतौर पर घर के भीतर और घर के बाहर दोहरा कार्य-भार सँभालती हैं।

3. देखभाल (Care) : देखभाल के अंतर्गत अनेक काम आते हैं, जैसे-संभालना, ख्याल रखना, पोषण करना, आदि। शारीरिक कार्यों के अतिरिक्त इसमें गहन भावनात्मक (Strong-emotional aspect) पहलू भी सम्मिलित है।

4. अवमूलियत (De-valued) : जब कोई अपने काम के लिए अपेक्षित मान्यता या स्वीकृति नहीं पाता है, तब वह स्वयं को अवमूलियत महसूस करता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई लड़का अपने मित्र के लिए घंटों सोच-विचार कर, बहुत खोजकर एक उपहार बनाता है और उसका मित्र उसे देखकर कुछ भी न कहे, तो ऐसे में भी वह लड़का अवमूल्यित महसूस करता है।

5. कथा पट (Story Board) : वह लकड़ी या धातु का बना पट्ट (Board) जिस पर छोटी-छोटी कविताएँ, कथाएँ, या कहानियाँ लिखकर दूसरे बच्चों या लोगों को सूचना या शिक्षा दी जाती है।

6. लिंग आधारित भेदभाव (Gender based discrimination) : लड़के और लड़कियों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि में भेद-भाव करना लिंग आधारित भेद-भाव कहलाता है।

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